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फसलों के आकलन के लिये मुख्यमंत्री का आदेश
चर्चा में क्यों?
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अनुसार प्रभावित किसानों को मुआवज़ा देने के लिये ओलावृष्टि से हुई फसलों की क्षति का आकलन करने का आदेश दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
- इस बीच, हरियाणा के मुख्य सचिव ने मंडियों से स्टॉक उठाने में तेज़ी लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कम-से-कम 50% स्टॉक तुरंत गोदामों में स्थानांतरित किया जाए।
- खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग ने ज़िला अधिकारियों को मंडियों से गोदामों तक फसलों के परिवहन हेतु कमीशन एजेंटों (आढ़तियों) के स्वामित्व वाले वाहनों का उपयोग करने के लिये भी अधिकृत किया है।
- रबी फसल खरीद से जुड़े अधिकारियों सहित प्रशासनिक सचिवों को किसानों को 72 घंटे के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया गया।
- अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिये और फसल का भुगतान हर हाल में तय अवधि के भीतर सुनिश्चित किया जाना चाहिये।
ओलावृष्टि (सहिम वृष्टि)
- ओलावृष्टि/सहिम वृष्टि एक प्रकार का ठोस वर्षण है जिसमें बर्फ के गोले होते हैं।
- जो तूफान ओले उत्पन्न करते हैं और ज़मीन तक पहुँच जाते हैं उन्हें ओलावृष्टि कहा जाता है। ये मध्य अक्षांशों में सबसे आम हैं।
- ये आम तौर पर 15 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहते हैं, लेकिन लोगों को चोट पहुँचा सकते हैं और इमारतों, वाहनों व फसलों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
- कभी-कभी ओलावृष्टि के साथ चक्रवात और जलव्रज जैसी अन्य गंभीर मौसमी घटनाएँ भी हो सकती हैं।
- ओलों का आकार 1/4 इंच से कम व्यास वाले छोटे छर्रों/गोलों से लेकर कई इंच आकार के बड़े पत्थरों तक व्यापक रूप से भिन्न हो सकता है।
- ओलावृष्टि होने की स्थितियाँ:
- अत्यधिक विकसित स्तरी कपासी मेघ/क्यूम्यलोनिम्बस बादलों का उपस्थित होना आवश्यक है। ये विशाल आँवले या मशरूम के आकार के मेघ हैं जो गरज के साथ दिखाई देते हैं और जिनका निर्माण 65,000 फीट की ऊँचाई तक हो सकता है।
- इन बादलों के माध्यम से हवा की तेज़ धाराएँ ऊपर उठ रही होती हैं। इन धाराओं को आमतौर पर अपड्राफ्ट के रूप में जाना जाता है।
- ऐसे बादलों के निर्माण में अत्यधिक ठंडे जल की उच्च सांद्रता की आवश्यकता होती है।
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