मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना | मध्य प्रदेश | 19 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मंडला ज़िले से लाड़ली बहना योजना की राशि का हस्तांतरण कर इसे हर महीने 15 तारीख के आसपास नियमित रूप से करने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
योजना के बारे में:
- उद्देश्य: लाड़ली बहना योजना का मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
- लाड़ली बहना योजना के तहत अब तक 1.27 करोड़ महिला लाभार्थियों के खातों में 1553 करोड़ रुपए ट्रांसफर किये जा चुके हैं।
- राज्य सरकार द्वारा राशि को 3000 रुपए प्रति माह करने से अब और अधिक महिलाएँ इसका लाभ उठा सकेंगी और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकेंगी।
- शुरुआत: इस योजना को मई 2023 में राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया था और इसके तहत 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को शुरू में 1000 रुपए की सहायता दी जाती थी। जिसे बाद में बढाकर 1250 रुपए प्रति माह कर दिया गया।
- लाड़ली बहना योजना प्रदेश की सबसे बड़ी डीबीटी योजना में शामिल है।
- पात्रता और नियम:
- महिला के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से कम हो।
- परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी नहीं करता हो।
- इसके अतिरिक्त, परिवार के पास 5 एकड़ से ज्यादा भूमि या ट्रैक्टर, चारपहिया वाहन न हो।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना:
- उद्देश्य: इस योजना को लाभार्थियों तक सूचना एवं धन के तीव्र प्रवाह एवं वितरण प्रणाली में धोखाधड़ी को कम करने के लिये सहायता के रूप में परिकल्पित किया गया है।
- कार्यान्वयन: इसे भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2013 को सरकारी वितरण प्रणाली में सुधार करने हेतु एक मिशन के रूप में शुरू किया गया था।
- DBT के घटक: प्रत्यक्ष लाभ योजना के क्रियान्वयन के प्राथमिक घटकों में लाभार्थी खाता सत्यापन प्रणाली; RBI, NPCI, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों के साथ एकीकृत, स्थायी भुगतान एवं समाधान मंच शामिल है (जैसे बैंकों के कोर बैंकिंग समाधान, RBI की निपटान प्रणाली और NPCI की आधार पेमेंट प्रणाली आदि)।
- आधार अनिवार्य नहीं: DBT योजनाओं में आधार अनिवार्य नहीं है। चूंँकि आधार विशिष्ट पहचान प्रदान करता है और इच्छित लाभार्थियों को लक्षित करने में उपयोगी है, इसलिये आधार को प्राथमिकता दी जाती है और लाभार्थियों को आधार के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।
पार्थ योजना | मध्य प्रदेश | 19 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा पार्थ योजना (Parth - Police Army Recruitment Training & Skills) 1 मई, 2025 से मध्य प्रदेश के 9 प्रमुख शहरों में पायलट प्रोज़ेक्ट के रूप में लागू की जाएगी।
मुख्य बिंदु
- योजना के बारे में:
- इस योजना का प्रारंभिक शुभारंभ जनवरी 2025 में किया गया था।
- यह योजना पायलट प्रोज़ेक्ट के रूप में भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, मुरैना, शहडोल, सागर, इंदौर और उज्जैन में लागू की जाएगी।
- प्रत्येक शहर से 50 युवाओं का चयन किया जाएगा, इस तरह कुल 450 युवा लाभान्वित होंगे।
- प्रशिक्षण
- यह योजना युवाओं को सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों में भर्ती हेतु संपूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी। प्रशिक्षण में शामिल होंगे:
- शारीरिक फिटनेस अभ्यास
- लिखित परीक्षा की कोचिंग (सामान्य ज्ञान, गणित, अंग्रेज़ी आदि)
- व्यक्तित्व विकास
- संरचना
- संभाग स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये जाएंगे, जिनका संचालन ज़िला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी करेंगे।
- ग्रामीण युवा समन्वयक और विभागीय कर्मचारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहयोग देंगे।
- यह योजना पूरी तरह से आत्मनिर्भर है, इसके लिये सरकार ने अलग से बजट आवंटित नहीं किया है।
- प्रतिभागियों से ली जाने वाली निर्धारित फीस के माध्यम से योजना संचालित होगी।
- उद्देश्य:
- प्रदेश के युवाओं को पुलिस एवं सेना भर्ती के लिये शारीरिक रूप से तैयार करना।
- उन्हें खेल प्रशिक्षण के माध्यम से अनुशासन, आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल प्रदान करना।
- हुनर आधारित प्रशिक्षण देकर रोज़गार की संभावनाएँ बढ़ाना।
- प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और विद्यालय स्तर पर खेल गतिविधियों को संस्थागत रूप देना।
