छत्तीसगढ़ Switch to English
19 अप्रैल को बस्तर में मतदान
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ के बस्तर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होगा।
मुख्य बिंदु:
- वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इस विधानसभा क्षेत्र में करीब दो हज़ार मतदान केंद्र बनाये गए हैं। सुरक्षा कारणों से इनमें से 200 से अधिक मतदान केंद्रों को स्थानांतरित कर दिया गया है।
- निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के लिये पूरी तैयारी कर ली है।
- इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बीजापुर ज़िले में छह मतदान केंद्र हैं जहाँ लोग करीब बीस वर्ष बाद दोबारा मतदान कर सकेंगे।
- निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के लिये पूरी तैयारी कर ली है।
वामपंथी उग्रवाद
- वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism- LWE), जिसे वामपंथी आतंकवाद या कट्टरपंथी वामपंथी आंदोलनों के रूप में भी जाना जाता है, उन राजनीतिक विचारधाराओं और समूहों को संदर्भित करता है जो क्रांतिकारी तरीकों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण सामाजिक एवं राजनीतिक परिवर्तन का समर्थन करते हैं।
- LWE समूह अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये सरकारी संस्थानों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों या निजी संपत्ति को निशाना बनाने जैसे कदम उठाते हैं।
- भारत में वामपंथी उग्रवादी आंदोलन की शुरुआत वर्ष 1967 के पश्चिम बंगाल में नक्सलबाड़ी (Naxalbari) के उदय के साथ हुई।
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