लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Jan 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
हरियाणा Switch to English

भारतमाला परियोजना

चर्चा में क्यों?

एक बैठक में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतमाला परियोजना समेत राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

  • मुख्य बिंदु:
  • चर्चा में NH-152 D पर महेंद्रगढ़ ज़िले में बाघोत के पास प्रवेश और निकास बिंदु खोलने की मांग शामिल थी।
  • उपमुख्यमंत्री ने इन बातों पर दिया ज़ोर:
    • उचाना, हिसार और जींद में भारतमाला परियोजना के तहत बाईपास सड़कों का निर्माण।
    • पंचकुला-यमुनानगर राजमार्ग पर सेक्टर 26 और 27 में विभाजित सड़कों पर अंडरपास का निर्माण।
    • गुरूग्राम-फारुख नगर-झज्जर-चरखी दादरी-लोहारू रोड को अपग्रेड करने के लिये एक सर्वेक्षण।
    • नेल्सन मंडेला मार्ग दिल्ली MG रोड गुरुग्राम को फरीदाबाद रोड से जोड़ने के लिये।

राष्ट्रीय राजमार्ग

  • राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) यात्रियों और माल की अंतर-राज्यीय आवाजाही के लिये देश की मुख्य सड़कें हैं।
  • वे प्रमुख बंदरगाहों, रेल जंक्शनों, राज्य एवं राष्ट्रीय की राजधानियों, सीमा पार और अंतरराष्ट्रीय सड़कों से जुड़ते हुए पूरे देश जुड़ते हैं।
  • एक्सप्रेस-वे सहित NH सभी सड़कों की लंबाई का केवल 1.7% है, वे लगभग 40% सड़क यातायात का वहन करते हैं।

भारतमाला परियोजना

  • इसकी शुरुआत वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने की थी। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) के तहत शुरू किया गया एक व्यापक कार्यक्रम है
  • योजना के तहत सरकार का इरादा लगभग 7 लाख करोड़ रुपए के निवेश से 83,677 किलोमीटर राजमार्ग और सड़कें बनाने है।
  • पहले चरण में 5.35 लाख करोड़ रुपए की लागत से 34,800 किलोमीटर राजमार्ग बनाने की योजना है।
  • यह सीमा एवं अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी सड़कों, तटीय और बंदरगाह कनेक्टिविटी सड़कों के विकास, राष्ट्रीय गलियारों, आर्थिक गलियारों तथा अन्य की दक्षता में सुधार जैसी नई पहलों पर केंद्रित है।


हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत आवेदनों पर तेज़ी से कार्रवाई करने और सरकारी ज़मीन पर बनी दुकानों एवं घरों को 20 वर्ष के लिये स्वामित्व अधिकार देने का निर्देश दिया।

  • यह विभागों, बोर्डों, नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के स्वामित्व वाली भूमि पर लागू होता है।

मुख्य बिंदु:

  • राज्य नोडल अधिकारी (SNO) को हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, सिंचाई और जल संसाधन विभाग, मुद्रण एवं स्टेशनरी विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, हरियाणा शैरी विकास प्राधिकरण तथा राजस्व व आपदा विभाग द्वारा नामित किया गया है।
  • यह बताया गया है कि स्वामित्व अधिकार के लिये अब तक 99 आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं, जबकि 901 लंबित हैं। प्रत्येक विभाग को 15 दिन के भीतर लंबित आवेदनों पर निर्णय लेना होगा।
    • यदि इस अवधि में निर्णय नहीं हुआ तो जिस विकी ज़मीन है, उस विभाग के ज़िला स्तरीय अधिकारी का निर्णय मान्य होगा।
    • शहरी स्थानीय निकाय विभाग इस संबंध में सभी संबंभाग धित विभागों के साथ नियमित बैठकें करेगा और इसकी रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भेजेगा।

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना

  • इसे राज्य में 20 वर्षों से अधिक समय से किराए या पट्टे पर चल रही नगर पालिकाओं की वाणिज्यिक भूमि का स्वामित्व देने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • इस योजना के तहत, जो व्यक्ति किराए या पट्टे के माध्यम से 20 वर्षों से भूमि पर कब्ज़ा कर रहे हैं, उन्हें कलेक्टर दर के 80% तक भुगतान पर स्वामित्व अधिकार दिया जा रहा है।
  • इसी तरह ज़मीन पर कब्ज़े के वर्षों की सीमा के अनुसार अलग-अलग दरों पर कलेक्टर रेट देना होगा, जैसे 25 वर्ष के लिये कलेक्टर रेट का 75%, 30 वर्ष के लिये 70%, 35 वर्ष के लिये 65%, 40 वर्षों के लिये 60%, 45 वर्षों के लिये 55%। 50 वर्षों के लिये 50% भुगतान पर स्वामित्व अधिकार देने का प्रावधान है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2