उत्तराखंड Switch to English
रक्षा मंत्री ने सीमा परियोजनाओं का अनावरण किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सीमा सुरक्षा को मज़बूत करने के लिये उत्तराखंड में 35 परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
- मुख्य बिंदु:
- परियोजनाओं का निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा 670 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था, इन परियोजनाओं में सड़कें, पुल और सुरंगें शामिल हैं जिनका उद्देश्य कनेक्टिविटी, रक्षा तैयारी एवं सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
- रक्षा मंत्री ने भौगोलिक और सामाजिक रूप से अलग-थलग समुदायों को राष्ट्रीय कनेक्टिविटी से जोड़ने में BRO द्वारा निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
- रक्षा मंत्री के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण सीमावर्ती देशों में बढ़ती प्राकृतिक आपदाएँ एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा उत्पन्न करती हैं।
- उन्होंने उत्तराखंड में सीमा सड़क संगठन द्वारा दिये गए असाधारण समर्थन को स्वीकार किया और संकट के दौरान विभिन्न एजेंसियों द्वारा प्रदर्शित टीम वर्क की सराहना की।
- उन्होंने संगठन में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए मुआवज़ा पेशेवरों (CPL) के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव पर प्रकाश डाला।
सीमा सड़क संगठन
- इसका गठन 7 मई 1960 को भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने और देश के उत्तर तथा उत्तर-पूर्व राज्यों के दूरदराज़ के इलाकों में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये किया गया था।
- इसमें 19 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों (अंडमान-निकोबार द्वीप समूह सहित) और अफगानिस्तान, भूटान, म्याँमार, ताजिकिस्तान तथा श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों में बुनियादी ढाँचे के संचालन शामिल हैं।
- परियोजनाओं के समन्वय तथा शीघ्र निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिये, भारत सरकार ने सीमा सड़क विकास बोर्ड (BRDB) की स्थापना की, जिसमें प्रधानमंत्री को बोर्ड का अध्यक्ष और रक्षा मंत्री को उपाध्यक्ष बनाया गया।
- BRO को बर्फ हटाने जैसे कार्यों सहित इस बुनियादी ढाँचे को बनाए रखने का भी कार्य सौंपा गया है। BRO नई भारत-चीन सीमा सड़कों के महत्त्वपूर्ण उन्नयन और निर्माण में सहायक है।
- लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन सीमा सड़क संगठन के 28वें महानिदेशक (DG) हैं।
- BRO का आदर्श वाक्य है श्रमेण सर्वम साध्यम है (कड़ी मेहनत से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है)।
राजस्थान Switch to English
मैक्रॉन की जयपुर यात्रा से पहले समीक्षा बैठक
चर्चा में क्यों?
अधिकारियों के मुताबिक, फ्राँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन 25 जनवरी को जयपुर आएंगे और उनके स्वागत की तैयारियाँ चल रही हैं।
- राजस्थान के मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित यात्रा के लिये एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
मुख्य बिंदु:
- मैक्रों 26 जनवरी को दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
- सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फ्राँसीसी राष्ट्रपति के स्वागत की तैयारियाँ समय पर पूरी की जाएं और मैक्रॉन के आवास, सुरक्षा तथा परिवहन व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।
- वर्ष 2023 में मैक्रॉन के निमंत्रण पर, भारतीय प्रधानमंत्री 14 जुलाई को पेरिस में बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि थे।
बास्तील दिवस परेड
- यह एक फ्राँसीसी सैन्य परेड है जो वर्ष 1880 से प्रत्येक वर्ष 14 जुलाई की सुबह पेरिस में आयोजित की जाती है।
- इस दिन को फ्राँस के राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- 14 जुलाई 1789 में कुख्यात बैस्टिल जेल पर हमले की बरसी है, जो फ्राँसीसी क्रांति की सफलता के लिये एक महत्त्वपूर्ण मोड़ था।
- यह विश्व की सबसे पुरानी नियमित सैन्य परेडों में से एक है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाकर महाकाल के लड्डुओं को अयोध्या के लिये रवाना किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तुलसी मानस मंदिर से अयोध्या के लिये 5 लाख लड्डुओं से भरे 'प्रसाद रथ' (ट्रक) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री ने मानस प्रतिष्ठान स्थित श्री सिद्ध रघुनाथ मंदिर में भगवान राम की पूजा की तथा अयोध्या पर रामगोपाल सोनी द्वारा लिखित पुस्तक का भी विमोचन किया।
- भगवान राम के प्रति प्रेम, आस्था और भक्ति के प्रतीक के रूप में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है।
- उन्होंने उज्जैन और अयोध्या के समान सांस्कृतिक तथा धार्मिक संबंध के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐतिहासिक एवं पौराणिक घटनाएँ प्रौद्योगिकी का ज्ञान प्रदर्शित करती हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मंदिर प्रतिष्ठापन से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अयोध्या के लिये 'राम रथ' को हरी झंडी दिखाई
चर्चा में क्यों?
राम मंदिर उद्घाटन से पहले, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अयोध्या के लिये 'राम रथ' को हरी झंडी दिखाई।
मुख्य बिंदु:
- उन्होंने हस्तलिखित 'जय श्री राम' संदेश भी भेजे, जो अयोध्या जाने वाले रथ में रखे गए।
- रायपुर कॉन्वेंट स्कूल के विद्यार्थियों ने भी अपने संदेश ड्रॉप बॉक्स में डालकर योगदान दिया।
- रथ पूरे राज्य में घुमा और निवासियों से संदेश तथा शुभकामनाएँ एकत्र की।
राम मंदिर का परिचय
- अयोध्या राम मंदिर का लेआउट:
- मंदिर 20-20 फुट ऊँची तीन मंज़िलों पर बना है, जिनमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाज़े हैं।
- निर्माण में मकराना संगमरमर एवं गुलाबी बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट पत्थर और रंगीन संगमरमर का उपयोग किया गया है।
- मंदिर की नींव रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट की 14 मीटर मोटी परत से बनी है और ज़मीन की नमी से बचाने के लिये 21 फुट ऊँचा ग्रेनाइट प्लिंथ लगाया गया है।
- निर्माण में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है।
- मंदिर की स्थापत्य शैली गर्भगृह, मंडप (हॉल) और मंदिरों के साथ नागर शैली है।
- परिसर के प्रत्येक कोना सूर्य, भगवती, गणेश, शिव को समर्पित होगा। उत्तरी और दक्षिणी भुजाओं पर क्रमशः अन्नपूर्णा तथा हनुमान जी के मंदिर बनाए जाएँगे।
- महर्षि वाल्मिकी, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषाद राज, शबरी आदि के मंदिर भी प्रस्तावित हैं।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश को अपनी आतिथ्य संस्कृति से परिचित कराने का अवसर
चर्चा में क्यों ?
22 जनवरी को हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के महत्त्व पर ज़ोर देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह बहुप्रतीक्षित समारोह उत्तर प्रदेश को अपनी आतिथ्य संस्कृति से परिचित कराने का एक अवसर है।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिये थे :
- रामलला की बालरूपी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का यह बहुप्रतीक्षित समारोह उत्तर प्रदेश को अपनी आतिथ्य संस्कृति से परिचित कराने का एक अवसर है।
- श्री अयोध्या धाम को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त करने का प्रयास किया जाना चाहिये।
- प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 'नव्य-दिव्य-भव्य' मंदिर पर पुष्प वर्षा का कार्यक्रम है।
- रामलला की बाल स्वरूप मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम में देश-विदेश से मेहमान आ रहे हैं।
- इसमें भारत के सभी प्रांतों से संत-महात्माओं, धर्मगुरुओं एवं गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रहेगी।
- इस अवसर पर भाग लेने हेतु आने वाले महानुभावों की सुरक्षा एवं सम्मान के पुख्ता इंतज़ाम किये गए। हर वीवीआईपी के साथ एक लाइज़निंग ऑफिसर तैनात किया गया।
- इसमें ऐसे लोगों को तैनात किया गया जो श्री राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ और अयोध्या जी के पौराणिक, ऐतिहासिक तथा भौगोलिक महत्त्व से परिचित थे।
- अयोध्या जी को विभिन्न जनपदों से जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था की गई।
- आगंतुकों के परिवहन के लिये इलेक्ट्रिक बसों की पर्याप्त उपलब्धता थी।
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