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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Dec 2024
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पटना में सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार सरकार ने पटना में एक सुपर-स्पेशियलिटी नेत्र अस्पताल के निर्माण और संचालन की सुविधा के लिये शंकर आई फाउंडेशन इंडिया, कोयंबटूर के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये।

मुख्य बिंदु

  • भूमि आवंटन अनुमोदन:
    • बिहार मंत्रिमंडल ने शंकर आई फाउंडेशन इंडिया को एक रुपए की मामूली लागत पर सशर्त पट्टे पर पटना के कंकड़बाग में 1.60 एकड़ जमीन के आवंटन को मंज़ूरी दी।
    • इस भूमि का उपयोग सुपर-स्पेशियलिटी नेत्र अस्पताल के निर्माण के लिये किया जाएगा।
  • अस्पताल का विवरण और लाभ:
    • शंकर आई फाउंडेशन इंडिया, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नेत्र उपचार के लिये प्रशंसा प्राप्त कर चुका है, इस अस्पताल का निर्माण और संचालन अपने व्यय पर करेगा।
    • सामान्य नेत्र देखभाल के साथ-साथ कॉर्नियाप्लास्टी, रेटिनल डिटेचमेंट सर्जरी और नेत्र कैंसर उपचार जैसे उन्नत उपचार भी उपलब्ध कराए जाएँगे।
  • निःशुल्क उपचार प्रावधान:
    • 75% रोगियों को मुफ्त उपचार मिलेगा, जबकि शेष 25% को सेवाओं के लिये भुगतान करना होगा।
    • 2.5 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवार मुफ्त इलाज के लिये पात्र होंगे।
  • स्वास्थ्य अवसंरचना पर विपरीत रिपोर्ट:
  • बिहार स्वास्थ्य अवसंरचना पर CAG लेखापरीक्षा निष्कर्ष:
    • शीतकालीन सत्र के दौरान प्रस्तुत सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना (2016-2022) पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में राज्य के प्रदर्शन की आलोचना की गई।
    • वित्त वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक आवंटित 69,790.83 करोड़ रुपए के स्वास्थ्य बजट में से केवल 48,047.79 करोड़ रुपए (69%) व्यय किये गए, जबकि 21,743.04 करोड़ रुपए (31%) अप्रयुक्त रह गए।
  • कम स्वास्थ्य व्यय:
    • सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के प्रतिशत के रूप में बिहार का स्वास्थ्य देखभाल व्यय 1.33% से 1.73% के बीच था तथा राज्य बजट के मुकाबले यह 3.31% से 4.41% के बीच था।
  • संसाधनों की कमी:
    • रिपोर्ट में औषधियों, चिकित्सा उपकरणों और उपभोग्य सामग्रियों की कमी का उल्लेख किया गया है, साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे में महत्त्वपूर्ण कमियों की ओर संकेत किया गया है।


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