मध्य प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस का प्रकोप | मध्य प्रदेश | 21 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार, वर्ष 2019 से मध्य प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) संक्रमण के बाद आठ लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस के मामलों में वृद्धि के कारण स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है, क्योंकि इससे जन-स्वास्थ्य को सीधा खतरा हो रहा है।
- पहले वर्ष 2024 में मध्य प्रदेश के 29 ज़िलों में जापानी इंसेफेलाइटिस की पहचान की गई थी।
जापानी इंसेफेलाइटिस
- परिचय:
- जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) एक वायरल संक्रमण है जो मस्तिष्क में जलन पैदा कर सकता है।
- जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (JEV) भी भारत में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) का एक प्रमुख कारण है।
- संचरण:
- यह रोग क्यूलेक्स प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
- ये मच्छर मुख्य रूप से धान के खेतों और जलीय वनस्पतियों से भरपूर बड़े जल निकायों में प्रजनन करते हैं।
- उपचार:
- जापानी इंसेफेलाइटिस के रोगियों के लिये कोई एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है
- मौजूद उपचार लक्षणों से छुटकारा पाने और रोगी को स्थिरता प्रदान करने में सहायक है।
- निवारण:
- इस बीमारी को रोकने के लिये सुरक्षित और प्रभावी जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) टीके उपलब्ध हैं।
- JE टीकाकरण भारत सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भी शामिल है।