भावांतर भरपाई योजना | हरियाणा | 21 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य अब आलू उत्पादकों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ देगा। यह निर्णय किसानों को मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाएगा और आवश्यक वित्तीय सहायता सुनिश्चित करेगा।
मुख्य बिंदु
- वित्तीय सहायता का वितरण:
- सरकार ने इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2023-24 के लिये किसानों को 46.34 करोड़ रुपए की राशि सफलतापूर्वक वितरित की है।
- भावांतर भरपाई योजना के बारे में:
- हरियाणा सरकार ने बाज़ार मूल्य में गिरावट के कारण किसानों को होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाने के लिये यह योजना शुरू की।
- इस योजना में 21 बागवानी फसलें शामिल हैं:
- 5 फल फसलें
- 14 सब्ज़ी फसलें
- 2 मसाला फसलें
- वर्तमान पंजीकरण और सहायता:
- इस योजना के तहत 3,15,614 किसानों ने 7,02,220 एकड़ भूमि पंजीकृत कराई है।
- सरकार ने 24,385 किसानों को 110 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
- आलू किसानों के लिये सलाह:
- किसानों को सलाह दी गई है कि यदि बाज़ार में आलू की कीमतें गिरती हैं तो वे अपनी उपज और आय की सुरक्षा के लिये अपनी आलू की फसल को कोल्ड स्टोरेज में रखें।
- प्रक्रिया:
- किसानों को अपनी फसल का पंजीकरण "मेरी फसल मेरा ब्योरा" पोर्टल पर अवश्य कराना होगा।
- बागवानी विभाग लाभ ज़ारी करने से पहले विवरणों का सत्यापन करता है।
- इस योजना में भूस्वामियों, पट्टेदारों और किरायेदारों को शामिल किया गया है, जिससे किसानों को व्यापक समर्थन सुनिश्चित हुआ है।
दिल्ली-अंबाला कॉरिडोर के लिये रेलवे का उन्नयन | हरियाणा | 21 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
दिल्ली-अंबाला रेल कॉरिडोर पर बढ़ते भार को देखते हुए रेल मंत्रालय ने मौजूदा दो-ट्रैक प्रणाली को चार-लाइन कॉरिडोर में अपग्रेड करने की योजना बनाई है।
- रेलवे अधिकारियों ने परियोजना के विवरण पर चर्चा करने के लिये उपायुक्तों की अध्यक्षता में पानीपत और सोनीपत में ज़िला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की।
मुख्य बिंदु
- विस्तार की आवश्यकता:
- सोनीपत के उपायुक्त ने बढ़ते रेल भार के कारण दिल्ली-अंबाला रेल कॉरिडोर के विस्तार की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
- वर्तमान दो-ट्रैक प्रणाली अपर्याप्त है, जिसके कारण रेल मंत्रालय को दिल्ली से अंबाला तक 193.6 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के विस्तार की योजना बनानी पड़ी है।
- परियोजना का दायरा और लागत:
- इस विस्तार में मार्ग के 32 रेलवे स्टेशनों पर विकास कार्य शामिल होगा।
- इस परियोजना की अनुमानित लागत 7,074 करोड़ रुपए है तथा इसे चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।
- भूमि अधिग्रहण विवरण:
- विस्तार के लिये 15 गाँवों की 11 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है:
- समालखा खंड में 8 गाँव
- पानीपत में 7 गाँव
- प्रशासन भूस्वामियों को उचित मुआवज़ा सुनिश्चित करेगा।
- रेलवे का भूमि प्रस्ताव:
- परियोजना के लिये 85 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें शामिल हैं:
- 80 हेक्टेयर निजी भूमि
- 5 हेक्टेयर सरकारी भूमि
- पूरा होने पर उन्नत कॉरिडोर जनता के लिये काफी बेहतर सुविधाएँ प्रदान करेगा।
भारतीय रेल
- भारतीय रेलवे की स्थापना 1853 में हुई थी और यह दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है।
- भारतीय उपमहाद्वीप पर पहला रेलमार्ग बम्बई से थाणे तक 21 मील की दूरी तक फैला था।
- अनुमान है कि 2050 तक कुल वैश्विक रेल गतिविधि में भारत की हिस्सेदारी 40% होगी।
- भारतीय रेलवे ने आधुनिक रेलवे प्रणाली विकसित करने के लिये भारत के लिये राष्ट्रीय रेल योजना (NRP)-2030 तैयार की है।