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परिवार पहचान पत्र (PPP)
चर्चा में क्यों?
हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण ने परिवार पहचान पत्र संबंधी डाटा साझा करने के संबंध में सख्त नियम जारी किये।
- ये नए विनियम उन शर्तों को परिभाषित करते हैं जिनके अंतर्गत पारिवारिक सूचना डाटा भंडार से पारिवारिक जानकारी को व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करते हुए सरकारी संस्थाओं के साथ साझा किया जा सकता है।
मुख्य बिंदु
- डाटा साझा करने का उद्देश्य : साझा किये गए डाटा का उपयोग केवल सरकारी कार्यक्रमों, भर्ती सत्यापन और सार्वजनिक सेवा लाभों के लिये किया जा सकता है।
- प्रतिबंधित डाटा साझाकरण : डाटा केवल 'पात्र राज्य संस्थाओं' के साथ साझा किया जा सकता है, जिसमें केंद्र सरकार, हरियाणा राज्य सरकार, वैधानिक प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, बोर्ड, निगम और अन्य सरकार-नियंत्रित एजेंसियाँ शामिल हैं।
- पारिवारिक पहचान: प्रत्येक परिवार को आठ अंकों की पारिवारिक पहचान मिलेगी, जो जन्म, मृत्यु और विवाह प्रमाण-पत्र जैसे आवश्यक अभिलेखों से जुड़ी होगी।
- जब भी कोई जीवन घटना जैसे जन्म, मृत्यु या विवाह घटित होगी, तो परिवार आईडी स्वचालित रूप से अपडेट हो जाएगी।
- सरकारी योजनाओं के साथ एकीकरण: डाटा बेस को छात्रवृत्ति, सब्सिडी और पेंशन सहित विभिन्न स्वतंत्र योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे लाभार्थी चयन में स्थिरता और सटीकता सुनिश्चित होगी।
- स्वचालित लाभार्थी चयन: PPP डाटा बेस में डाटा पात्रता का निर्धारण करेगा, जिससे सरकारी लाभों के लिये स्वचालित स्व-चयन की अनुमति मिलेगी।
- बार-बार दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता समाप्त: एक बार प्रमाणीकरण और सत्यापन हो जाने के बाद, लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के लिये अलग-अलग दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी।
नोट: पीपीपी पहल डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है और इसका उद्देश्य हरियाणा के निवासियों के लिये सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक पहुँच को सरल बनाना है।