उत्तराखंड के मोटे अनाज के किसानों की आय में वृद्धि: अध्ययन | उत्तराखंड | 19 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रबंधन संस्थान, काशीपुर के एक अध्ययन के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कदन्न की कृषि को बढ़ावा देने के कारण उत्तराखंड में कदन्न उगाने वाले चार में से तीन किसानों की वार्षिक आय में 10-20% की वृद्धि देखी गई है।
इस अध्ययन को "उत्तराखंड में कदन्न के उत्पादन: इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और विपणन चुनौतियों का एक अनुभवजन्य विश्लेषण" नाम दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
- 2,100 से अधिक किसानों पर किये गए अध्ययन में पाया गया कि उनमें से कई अभी भी कदन्न-आधारित उत्पादों की बढ़ती मांग से अवगत नहीं हैं और अभी भी इसे केवल व्यक्तिगत उपभोग के लिये छोटे पैमाने पर उगा रहे हैं।
इस अध्ययन के अनुसार, राज्य में कदन्न उगाने वाले 75% किसानों की आय में 10-20% की वृद्धि देखी गई है क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार इस फसल की कृषि को बढ़ावा दे रही है।
- हालाँकि अध्ययन में सर्वेक्षण में शामिल 2,100 किसानों में से कदन्न उगाने वाले किसानों की संख्या निर्दिष्ट नहीं की गई है।
- इसे छह महीने की अवधि में संस्थान के चार वरिष्ठ प्रोफेसर और पाँच डेटा संग्रहकर्त्ताओं द्वारा संचालित किया गया था।
- यह अध्ययन कदन्न उत्पादन की विपणन क्षमता की चुनौतियों का समाधान करने और इसकी आर्थिक उपस्थिति बढ़ाने के लिये प्रभावी रणनीतियों की पहचान करने हेतु आयोजित किया गया था।
- सर्वेक्षण के लिये नमूना आकार राज्य के प्रमुख पहाड़ी क्षेत्रों से एकत्र किया गया था, जिसमें पिथौरागढ़, जोशीमठ, रुद्रप्रयाग और चमोली शामिल हैं।
सरकार द्वारा की गई संबंधित पहल
- राष्ट्रीय मिलेट्स मिशन (NMM): कदन्न के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2007 में एनएमएम शुरू किया गया था।
- मूल्य समर्थन योजना (PSS): कदन्न की कृषि के लिये किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- मूल्यवर्धित उत्पादों का विकास: कदन्न की मांग और खपत बढ़ाने के लिये मूल्यवर्धित कदन्न-आधारित उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है।
- PDS में कदन को बढ़ावा देना: सरकार ने इसे जनता के लिये सुलभ और किफायती बनाने हेतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कदन्न प्रस्तुत किया है।
- जैविक खेती को बढ़ावा: जैविक कदन्न के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के लिये सरकार कदन्न की जैविक कृषि को बढ़ावा दे रही है।