लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को लेकर क्या समस्याएँ विद्यमान हैं? क्या इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिये? विचार प्रस्तुत करें।

    14 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर आवश्यक उपभोग की वस्तुएँ प्रदान करना है ताकि मूल्य वृद्धि के प्रभावों से उन्हें बचाया जा सके तथा नागरिकों में न्यूनतम पोषण की स्थिति को भी बनाए रखा जा सके। भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित की जाने वाली वस्तुओं में सबसे महत्त्वपूर्ण चावल, गेंहू, चीनी और मिट्टी का तेल हैं। इस प्रणाली के खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाली प्रमुख एजेंसी भारतीय खाद्य निगम है। निगम का कार्य अनाज व अन्य पदार्थों की खरीद, बिक्री व भंडारण करना है। 


    भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कई मुद्दों पर आलोचना की गई है, आलोचना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –

    • कुछ सर्वेक्षणों के आधार पर यह बात सामने आई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में  गरीबों को अब भी खुले बाज़ार पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है, अर्थात् इन क्षेत्रों में PDS का सम्पूर्ण लाभ नहीं पहुँच पाया है। 

    • इस प्रणाली में वस्तुओं पर दी जाने वाली सब्सिडी के कारण राजकोष पर भारी दबाव पड़ता है। हालाँकि सीधे लाभ हस्तांतरण (DBT) द्वारा सब्सिडी को नियंत्रित करने का प्रयास सरकार द्वारा किया गया है।

    • कुछ आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार भारत की यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली, वस्तुओं की कीमतों में उछाल का प्रमुख कारण है क्योंकि सरकार द्वारा खाद्यान्न की बड़ी खरीद खुले बाज़ार में इसकी उपलब्धता को कम कर देती है। 

    • इस प्रणाली के लाभों का वितरण देश में समरूप नहीं है। इसमें क्षेत्रीय विषमताएँ विद्यमान हैं। जैसे दक्षिण के राज्यों ने अपनी गरीब आबादी के एक बड़े हिस्से को इसका लाभ पहुँचाने में सफलता पाई जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में गरीबों की एक बड़ी आबादी इसके लाभों से वंचित रह गई।

    • भारतीय खाद्य निगम के संचालन में भी खामियाँ हैं। शांता कुमार समिति ने निगम की प्रचालनात्मक कुशलता और वित्तीय प्रबंधन हेतु कई सुझाव दिये थे, परंतु उन पर कोई उल्लेखनीय कदम अब तक नहीं उठाया गया है।

    • लीकेज इस प्रणाली की एक और बड़ी समस्या रही है। इसमें खाद्यान्न हितग्राहियों तक न पहुँचकर सीधे खुले बाज़ार में पहुँचता है।

    हाल ही में भारत सरकार ने वर्तमान की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को समाप्त करने की मंशा जताई है। फिलहाल हरियाणा व पुदुच्चेरी में यह प्रणाली समाप्त कर दी गई है और DBT के माध्यम से लाभ सीधे हितग्राहियों तक पहुँचाया जा रहा है। यदि इन दोनों जगहों पर यह मॉडल सफल होता है तो सरकार इसे पूरे देश में लागू कर सकती है। परंतु जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभ की पहुँच समरूप नहीं रही , तो यह संभावना बनती है कि इसे हटाने के बाद के प्रभाव भी समरूप न रहें। अतः इसे पूरे देश में लागू करने के पहले सरकार को इसके बाद के संभावित प्रभावों का गहन अध्ययन कर लेना चाहिये, क्योंकि यह मसला गरीबों की खाद्य सुरक्षा और पोषण से जुड़ा हुआ है। 

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2