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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Feb 2025
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उत्तराखंड में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये अनुदान

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये पंद्रहवें वित्त आयोग (XV FC) का अनुदान जारी किया है।

प्रमुख बिंदु

  • XV FC अनुदान: 
    • सरकार ने उत्तराखंड के लिये वित्त वर्ष 2024-25 के लिये अनटाइड अनुदान की पहली किस्त, 93.9643 करोड़ रुपए जारी कर दी है।
    • सरकार ने पंजाब में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये 225.1707 करोड़ रुपए की अनटाइड अनुदान की पहली किस्त जारी कर दी है।
    • सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिये वित्त वर्ष 2024-25 के लिये 237.1393 करोड़ रुपए की अनटाइड ग्रांट की दूसरी किस्त वितरित की है।
  • अनुदान आवंटन की प्रक्रिया:
    • पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये XV FC अनुदान की सिफारिश करते हैं।
    • वित्त मंत्रालय इन अनुदानों को प्रति वित्तीय वर्ष दो किस्तों में जारी करता है।
  • XV FC अनुदान का उपयोग:
  • अप्रतिबंधित अनुदान:
    • पंचायती राज संस्थाएँ और ग्रामीण स्थानीय निकाय इन अनुदानों का उपयोग संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिये कर सकते हैं।
    • इन अनुदानों का उपयोग वेतन और स्थापना लागतों के लिये नहीं किया जा सकता।
  • बंधे हुए अनुदान:

वित्त आयोग

  • यह एक संवैधानिक निकाय है, जो संवैधानिक व्यवस्था और वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच कर आय के वितरण की विधि और नियम निर्धारित करता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत भारत के राष्ट्रपति को पाँच वर्ष के अंतराल पर या उससे पहले एक वित्त आयोग का गठन करना आवश्यक है।
  • प्रथम वित्त आयोग की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी और अब तक पंद्रह वित्त आयोग स्थापित हो चुके हैं।

 15वाँ वित्त आयोग

  • एन.के. सिंह की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा 27 नवंबर 2017 को योजना आयोग की समाप्ति और वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने की पृष्ठभूमि में किया गया था।
  • नवंबर 2019 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग को पहले वित्त वर्ष 2020-21 के लिये अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत करने और वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिये अंतिम रिपोर्ट 30 अक्टूबर, 2020 तक प्रस्तुत करने के लिये इसके कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दी थी।



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