अयोध्या के लिये हेलीकाप्टर सेवा | उत्तर प्रदेश | 19 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा और मथुरा से अयोध्या के लिये हेलीकॉप्टर सेवाएँ देने का निर्णय किया है।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 जनवरी को लखनऊ से हेलीकॉप्टर सेवा का उद्घाटन करेंगे।
- सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिये किराया भी निर्धारित कर दिया है और निकट भविष्य में इसे राज्य के अन्य ज़िलों में भी विस्तारित करने की योजना पर कार्य चल रहा है।
- राज्य सरकार भक्तों के लिये अयोध्या शहर और राम मंदिर का ऐरियल दर्शन भी शुरू कर रही है। इस पहल के लिये पर्यटन विभाग को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
- हेलीकॉप्टर की सवारी सरयू नदी के किनारे टूरिज़्म गेस्ट हाउस के पास बने हेलीपैड से होगी।
- भक्त राम मंदिर, हनुमानगढ़ी और सरयू घाट सहित प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की हवाई यात्रा का आनंद लेंगे।
- वाराणसी में नमो घाट से, लखनऊ में रमाबाई से, प्रयागराज में टूरिज़्म गेस्ट हाउस के पास हेलीपैड से हेलीकॉप्टर सेवाएँ उपलब्ध हैं।
- श्रद्धालु मथुरा के बरसाना में गोवर्धन परिक्रमा के पास हेलीपैड और आगरा में आगरा एक्सप्रेस-वे के पास हेलीपैड से हेलीकॉप्टर सेवाओं का विकल्प चुन सकते हैं।
- क्रमशः 456 कि.मी. और 440 कि.मी. तक फैले इन लंबे मार्गों को पूरा होने में 135 मिनट लगते हैं तथा इसके लिये प्रति श्रद्धालु किराया 35,399 रुपए तय किया गया है।
सरयू नदी
- सरयू एक नदी है जो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से होकर बहती है।
- इस नदी का प्राचीन महत्त्व है क्योंकि इसका उल्लेख वेदों और रामायण में मिलता है।
- यह नदी करनाली और महाकाली नदियों के संगम पर बनती है। यह गंगा नदी की एक सहायक नदी है।
- भगवान राम के जन्मदिन का जश्न मनाने वाले त्योहार राम नवमी पर, हज़ारों लोग अयोध्या में सरयू नदी में डुबकी लगाते हैं।
यूपी सरकार ने YEIDA, UPSIDA, UPEIDA के विस्तार के लिये 2,940 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी | उत्तर प्रदेश | 19 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निकायों, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA), यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) और यूपी एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के लिये 2,940 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी।
मुख्य बिंदु:
- नवगठित बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पहले भूमि अधिग्रहण के लिये 3,000 करोड़ रुपए दिये गए थे।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य में औद्योगिक विस्तार के लिये 8,000 करोड़ रुपए अलग रखे गए थे। शेष 5,000 करोड़ रुपए में से, 1,000 करोड़ रुपए UPEIDA के लिये, 1,500 करोड़ रुपए YEIDA के लिये और 440 करोड़ रुपए UPSIDA के लिये स्वीकृत किये गए हैं।
- सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के विस्तार के लिये कुल 7,042.67 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।
- राज्य सरकार निवेश आकर्षित करने और उत्तर प्रदेश को देश में अग्रणी निवेश स्थल बनाने के लिये प्रतिबद्ध है।
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA)
- यह उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम, 1976 के तहत दिल्ली से सटे उनके संबंधित अधिसूचित क्षेत्रों के व्यवस्थित विकास के लिये बनाया गया है, जो यदि योजनाबद्ध नहीं होते, तो अनधिकृत शहरी विकास की संभावना होती।
यूपी एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA)
- यह राज्य में एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं को विकसित करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2007 में स्थापित एक प्राधिकरण है।
- UPEIDA का मुख्यालय लखनऊ के गोमती नगर में पर्यटन भवन में स्थित है।
राजस्थान ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिये आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की | राजस्थान | 19 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के कारण 22 जनवरी को राज्य में आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है।
- मुख्य बिंदु:
- राज्य का यह आदेश केंद्र द्वारा 22 जनवरी को अपने सभी कर्मचारियों के लिये आधे दिन की छुट्टी की घोषणा के बाद आया है।
- 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के 'प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह की तैयारियों में शामिल हैं:
- राम मंदिर के प्रवेश द्वार पर हाथी, शेर, भगवान हनुमान और भगवान विष्णु के 'वाहन' गरुड़ की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं।
- अभिषेक समारोह के लिये निमंत्रण कार्ड वीवीआईपी, पुजारियों, दानदाताओं और कई राजनेताओं सहित मेहमानों को भेज दिये गए हैं।
- मंदिर के उद्घाटन की तैयारी में शहर में बड़े सुधार हुए हैं:
- राम मंदिर के उद्घाटन से पहले, अयोध्या में होटल की कीमतें कथित तौर पर बढ़ गईं और कई पहले से ही बुक हैं।
- वंदे भारत एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख मंदिरों - राम जन्मभूमि और गोरखनाथ को जोड़ेगी।
- एयरलाइंस दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों से सेवा प्रदान करेंगी।
- राम मंदिर के निर्माण से पहले ही अयोध्या की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। ज़िले में आने वाले पर्यटकों की बढ़ती संख्या स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न करती है।
पुलिस महानिदेशकों का अखिल भारतीय सम्मेलन | राजस्थान | 19 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने जयपुर, राजस्थान में पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षकों के 58वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया।
मुख्य बिंदु:
- यह तीन दिवसीय कार्यक्रम था जिसे हाइब्रिड मोड में पुलिस महानिदेशक (DGP), पुलिस महानिरीक्षक (IGP) तथा केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के साथ आयोजित किया गया था।
- आयोजित सम्मेलन में साइबर अपराध, पुलिस व्यवस्था में प्रौद्योगिकी, आतंकवाद-रोधी चुनौतियाँ, वामपंथी उग्रवाद तथा जेल सुधार एवं आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
- सम्मेलन का एक अन्य प्रमुख एजेंडा नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिये रोड मैप पर विचार-विमर्श है।
- इंटेलिजेंस ब्यूरो ने वर्ष 1920 में भारत में IGP का पहला सम्मेलन आयोजित किया था और तब से, ये सम्मेलन नियमित रूप से नई दिल्ली में आयोजित किये जा रहे हैं।
- आज़ादी के बाद आयोजित इस तरह के पहले सम्मेलन का उद्घाटन 12 जनवरी 1950 को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था।
- प्रारंभ में, यह एक द्विवार्षिक कार्यक्रम था, लेकिन वर्ष 1973 के बाद, यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस संगठनों के साथ-साथ केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के लिये एक वार्षिक बैठक बन गई।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने थर्मल पावर प्लांटों के लिये कोयला ब्लॉक का अनुरोध किया | उत्तराखंड | 19 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में CM धामी ने दिल्ली में केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात की तथा उनसे न्यूनतम 1,000 मेगावाट के पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने हेतु उत्तराखंड को प्राथमिकता के आधार पर लगभग 125 मिलियन टन की भंडारण क्षमता वाला कोयला ब्लॉक आवंटित करने का अनुरोध किया।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड उन कुछ राज्यों में से है जहाँ कोई भी थर्मल पावर स्टेशन चालू नहीं है।
- अनुकूल औद्योगिक नीति के कारण राज्य में तेज़ी से औद्योगिक विकास हुआ है जिसके परिणामस्वरूप विद्युत की मांग में लगातार वृद्धि हुई है।
- CM के अनुसार, शीत ऋतु के दौरान विद्युत की कमी गंभीर हो जाती है क्योंकि ठंडे तापमान से नदियों में जल का प्रवाह कम हो जाता है। प्रत्येक वर्ष राज्य में विद्युत की मांग लगभग 4% से 5% की दर से बढ़ रही है।
भारत में थर्मल पावर सेक्टर
- थर्मल पावर प्लांट या थर्मल पावर स्टेशन ऐसे पावर स्टेशन हैं जो ऊष्मा से विद्युत उत्पन्न करते हैं। थर्मल पावर प्लांट ऊष्मा उत्पन्न करने के लिये ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों का उपयोग करते हैं, जिनमें कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस और भूतापीय स्रोत शामिल हैं।
- थर्मल पावर सेक्टर भारत में विद्युत उत्पादन का एक प्रमुख स्रोत रहा है, जो देश की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का लगभग 75% है।
- भारत के ताप विद्युत संयंत्र कोयले पर बहुत अधिक निर्भर हैं, जो अधिकतर दूसरे देशों से आयात किया जाता है। इससे आपूर्ति में व्यवधान और मूल्य में अस्थिरता हो सकती है।
- थर्मल पावर की उच्चतम स्थापित क्षमता वाले शीर्ष पाँच राज्य हैं– महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।
भारत में दलहन उत्पादन की स्थिति | मध्य प्रदेश | 19 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, अधिक क्षेत्रफल के कारण भारत वर्ष 2023-24 फसल वर्ष के दौरान मसूर (Lentil) का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक बनने के लिये तैयार है।
- मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र मसूर का कटोरा माना जाता है जो देश के कुल मसूर उत्पादन में लगभग 25% का योगदान देता है।
मुख्य बिंदु:
मसूर
- परिचय:
- मसूर ‘फली (Legume) परिवार’ का एक झाड़ीदार वार्षिक शाकाहारी पौधा है।
- ये खाने योग्य फलियाँ हैं, जो अपने लेंस के आकार के, चपटे टुकड़ों वाले बीजों के लिये जानी जाती हैं।
- मसूर के पौधे सामान्यतः छोटे होते हैं और उनमें स्व-परागण वाले फूल लगते हैं।
- मसूर की दाल ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, फाइबर, फास्फोरस, लौह, जस्ता, कैरोटीन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट के उत्कृष्ट स्रोत हैं।
- जलवायु संबंधी स्थिति:
- मसूर मुख्यतः वर्षा आधारित फसल के रूप में उगाई जाती है।
- इसकी वानस्पतिक वृद्धि के समय ठंडे तापमान और परिपक्वता के समय गर्म तापमान की आवश्यकता होती है।
- मसूर की खेती रबी मौसम में की जाती है।
- मृदा प्रकार:
- मसूर की दलहन का उत्पादन विभिन्न प्रकार की मृदा में किया जा सकता है जिसमें रेत से लेकर चिकनी दुमट इत्यादि जैसी मृदाएँ शामिल हैं किंतु इसका सबसे अच्छा उत्पादन मध्यम उर्वरता वाली गहरी बलुई दुमट मृदा में होता है।
- 7 pH मान के आसपास की मृदा इसके लिये सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बाढ़ अथवा जलभराव की स्थिति मसूर की फसल को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।