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छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिये DA बढ़ोतरी की घोषणा की
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने दिवाली से पहले अपने कर्मचारियों के लिये महँगाई भत्ते (DA) में 4% की बढ़ोतरी की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- महँगाई भत्ते में बढ़ोतरी का विवरण :
- छत्तीसगढ़ सरकार ने महँगाई भत्ते में 4% की वृद्धि की, जिससे राज्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिला।
- इससे कुल महँगाई भत्ता मूल वेतन का 42% हो गया है, जो सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप है।
- महँगाई भत्ता (DA):
- यह महँगाई को संतुलित करने के लिये जीवन-यापन की लागत का समायोजन है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रदान किया जाता है। इसकी गणना मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में की जाती है।
- अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
- उपभोक्ता व्यय में वृद्धि: इस वृद्धि से प्रयोज्य आय में वृद्धि होती है, विशेष रूप से त्योहारों के समय, जिससे उपभोक्ता मांग में वृद्धि होती है।
- मुद्रास्फीति नियंत्रण: DA कर्मचारियों को मुद्रास्फीति का प्रबंधन करने में सहायता करता है, लेकिन यदि आपूर्ति में वृद्धि नहीं होती है तो मांग में वृद्धि से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
- राजकोषीय दबाव: सरकार के लिये, महँगाई भत्ते में वृद्धि से व्यय में वृद्धि होती है, जो राजकोषीय बजट पर दबाव डाल सकती है, लेकिन उपभोग के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।
वेतन आयोग
- वेतन आयोग केंद्र सरकार द्वारा गठित एक निकाय है जो कर्मचारियों के वेतन ढाँचे की समीक्षा करता है तथा उसमें परिवर्तन की अनुशंसा करता है ।
- वेतन आयोग का गठन व्यय विभाग (वित्त मंत्रालय) के अंतर्गत आता है।
- वेतन आयोग का गठन आमतौर पर हर 10 वर्ष में किया जाता है और पहला वेतन आयोग 1946 में स्थापित किया गया था। आज़ादी के बाद से अब तक कुल सात वेतन आयोग गठित किये जा चुके हैं।
- नवीनतम वेतन आयोग 2014 में स्थापित किया गया था और इसकी अनुशंसा 2016 में लागू हुईं। वर्तमान में, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 7वें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर वेतन मिलता है।
- सरकार के लिये वेतन आयोग की अनुशंसाओं को स्वीकार करना अनिवार्य नहीं है। सरकार अनुशंसाओं को स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प चुन सकती है।
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