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धामी ने शुरू की मुफ्त पैथोलॉजी जाँच योजना
चर्चा में क्यों?
17 अगस्त, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के लोगों के लिये दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल (कोरोनेशन) में मुफ्त पैथोलॉजी परीक्षण योजना की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- यह योजना सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के तहत शुरू की गई है।
- इसके तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा उपलब्ध कराई गई धनराशि से राज्य के सरकारी अस्पतालों में 207 प्रकार के पैथोलॉजिकल परीक्षण नि:शुल्क किये जाएंगे।
- यह योजना दो चरणों में लागू की जाएगी। पहले चरण में यह योजना छह ज़िलों- अल्मोड़ा, टिहरी, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के 38 ज़िला उप-अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू होगी। दूसरे चरण में शेष ज़िलों में नि:शुल्क पैथोलॉजी जाँच योजना लागू की जाएगी।
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उत्तराखंड में मिली दुर्लभ आर्किड प्रजाति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण द्वारा भारत में पहली बार उत्तराखंड के चमोली ज़िले के मंडल क्षेत्र में आर्किड की एक दुर्लभ प्रजाति की खोज की पुष्टि की गई है।
प्रमुख बिंदु
- सेफलांथेरा इरेक्टा वर. ओब्लानसेवलाटा नामक आर्किड की इस प्रजाति को वन विभाग की अनुसंधान विंग ने चमोली ज़िले के मंडल क्षेत्र में ह्यूमस समृद्ध बांज-बुरांस (रोडोडेंड्रॉन-ओक) के जंगलों में 1870 मीटर की ऊँचाई पर खोजा।
- हालाँकि, इस प्रजाति को मई 2021 में ही खोजा गया था, लेकिन भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) ने हाल ही में इसकी पुष्टि की है। अब इसे भारतीय वनस्पतियों की सूची के नए संस्करण के रूप में बीएसआई की ओर से आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई है। बीएसआई ने नेलुम्बो पत्रिका के अपने नए संस्करण में सेफलांथेरा इरेक्टा को जोड़ने की पुष्टि की है।
- मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान) संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि रेंज ऑफिसर हरीश नेगी और जूनियर रिसर्च फेलो मनोज सिंह ने इसकी खोज की है। ये स्थलीय ऑर्किड मंडल में फूलों की खोज के दौरान मिट्टी पर उगते पाए गए थे।
- ज़मीन पर पाए जाने वाली आर्किड की यह प्रजाति पाँच से 20 सेंटीमीटर तक लंबी होती है और इस पर मई-जून में सफेद रंग के सुंदर पुष्प खिलते हैं।
- यह प्रजाति जापान, चीन और नेपाल के बाद अब भारत में पाई गई है।
- गौरतलब है कि हाल ही में चमोली ज़िले के गोपेश्वर के समीप खल्ला गाँव में स्थापित उत्तर भारत का पहला आर्किड संरक्षण केंद्र जनता को समर्पित किया गया है।
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