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सुरक्षित सीमा से अधिक ओज़ोन का स्तर
चर्चा में क्यों?
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) के अनुसार, पिछले 15 दिनों में शहर के कुछ क्षेत्रों में निचले वायुमंडल स्तर का ओज़ोन स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक हो गया है।
- मुख्य बिंदु:
- मानेसर सेक्टर 51 और ग्वालपहाड़ी में वायु निगरानी स्टेशनों के डेटा 100 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर (ug/m3) आठ घंटे की ओज़ोन सीमा को पार करने के कई उदाहरणों का संकेत देते हैं।
- विशेषज्ञों ने स्थिति को चिंताजनक बताया है, यह देखते हुए कि निचले वायुमंडल स्तर पर ओज़ोन का अस्तित्त्व नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और सल्फर ऑक्साइड (Sox) जैसे अन्य प्रदूषकों के बढ़े हुए स्तर को इंगित करता है।
- ये प्रदूषक सूर्य की रोशनी के साथ संपर्क करके ओज़ोन का उत्पादन करते हैं, यह घटना मुख्य रूप से दिन के दौरान उन स्थानों पर होती है जहाँ यातायात की भीड़ होती है या जहाँ कई उद्योग सक्रिय होते हैं।
- क्षोभमंडल ओज़ोन एक्सपोज़र से स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न होते हैं तथा अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज़ जैसी चिकित्सा समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
- HSPCB अधिकारियों ने घोषणा की कि उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को सड़क की धूल और अपशिष्ट जलाने को कम करने के निर्देश दिये हैं।
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