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उत्तराखंड में जलविद्युत परियोजना का पुनर्निर्माण
चर्चा में क्यों?
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने उत्तराखंड में हिमालय की ऊपरी गंगा क्षेत्र में एक जलविद्युत परियोजना के पुनर्निर्माण के लिये पर्यावरणीय मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो वर्ष 2013 में बड़े पैमाने पर हुए फ्लैश फ्लड के दौरान लगभग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई थी, जिसमें 6,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
मुख्य बिंदु:
- नदी घाटी और जलविद्युत परियोजनाओं के लिये मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने फाटा ब्यूंग जलविद्युत परियोजना (76 मेगावाट) को संदर्भ की शर्तों (Terms of Reference- ToR) के अनुदान को मंज़ूरी दे दी।
- फाटा ब्यूंग परियोजना ने मंदाकिनी नदी के प्रवाह को अवरुद्ध करके वर्ष 2013 में बादल फटने (Cloudburst) और फ्लैश फ्लड से होने वाली क्षति को और भी बढ़ा दिया।
मंदाकिनी नदी
- यह उत्तराखंड में अलकनंदा नदी की एक सहायक नदी है।
- यह नदी रुद्रप्रयाग और सोनप्रयाग क्षेत्रों के बीच लगभग 81 किलोमीटर तक प्रवाहित होती है तथा चोराबाड़ी ग्लेशियर से निकलती है।
- मंदाकिनी सोनप्रयाग में सोनगंगा नदी में विलीन हो जाती है और उखीमठ में मध्यमहेश्वर मंदिर के पास से बहती है।
- अपने मार्ग के अंत में यह अलकनंदा में गिरती है, जो गंगा में मिल जाती है।
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