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वाराणसी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के नियमित टीकाकरण को सुनिश्चित करने के लिये RISE एप (Rapid Immunization Skill Enhancement - RISE) को लागू किया।
मुख्य बिंदु
- RISE एप के बारे में:
- RISE (Responsive Immunization Support for Everyone) एक डिजिटल प्रशिक्षण और निगरानी प्लेटफॉर्म है, जिसे टीकाकरण कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये विकसित किया गया है। यह एप रीयल-टाइम अपडेट प्रदान करता है, जिससे स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को टीकाकरण शेड्यूल, सुरक्षा प्रोटोकॉल, कोल्ड चेन प्रबंधन और टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावों की निगरानी में सहायता मिलती है।
- RISE एप भारत सरकार के मिशन इन्द्रधनुष को सशक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यह डिजिटल प्लेटफॉर्म स्टाफ नर्सों, सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM) और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं के लिये विकसित किया गया है, ताकि वे बच्चों के नियमित टीकाकरण की सटीक निगरानी और प्रभावी प्रबंधन कर सकें।
- उद्देश्य:
- इस पहल का लक्ष्य टीकाकरण कवरेज में वृद्धि, हिचकिचाहट वाले परिवारों की पहचान और समुचित टीकाकरण सुनिश्चित करना है। यह एप पारंपरिक प्रशिक्षण पद्धतियों को डिजिटल शिक्षण प्रणाली से प्रतिस्थापित कर, टीकाकरण की सुरक्षा और प्रभावशीलता को और अधिक सुदृढ़ करेगा।
- प्रशिक्षण और क्रियान्वयन प्रक्रिया:
- प्रदेश के सभी 75 जिलों में ज़िला-स्तरीय अधिकारियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया जा चुका है।
- वर्तमान में ब्लॉक-स्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण जारी है, जिससे कार्यक्रम का ज़मीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
- योजना के पूर्ण कार्यान्वयन के पश्चात लगभग 52,175 टीकाकरण कर्मियों को डिजिटल उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता और डाटा प्रबंधन की दक्षता में वृद्धि होगी।
- स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न की जा रही है:
मिशन इन्द्रधनुष
- भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 दिसंबर 2014 को ‘मिशन इन्द्रधनुष’ की शुरुआत की थी।
- मिशन इन्द्रधनुष एक बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम है, जो कम टीकाकरण कवरेज वाले 201 ज़िलों में शुरू हुआ था।
- यह यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किये गए 7 रोगों के खिलाफ 7 टीकों का प्रतिनिधित्व करता है। ये रोग हैं-
- तपेदिक (Tuberculosis), पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis), हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B), डिप्थीरिया (Diphtheria), पर्टुसिस (Pertussis), टेटनस (Tetanus) और खसरा (Measles)
- इसके अलावा खसरा रूबेला (Measles Rubella), रोटावायरस (Rb rotavirus), हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी (Haemophilus Influenzae Type-B ) और पोलियो (Polio) के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है।
- कुछ चुने गए राज्यों और ज़िलों में, जापानी एन्सेफलाइटिस (Japanese Encephalitis) और न्यूमोकोकस (Pneumococcus) के खिलाफ भी टीके दिये गए हैं।
- यह यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किये गए 7 रोगों के खिलाफ 7 टीकों का प्रतिनिधित्व करता है। ये रोग हैं-
- पूर्ण टीकाकरण कवरेज में गति देने के लिये भारत ने एक महत्त्वाकांक्षी योजना - तीव्र मिशन इन्द्रधनुष (Intensified Mission Indradhanush) की शुरुआत की है।


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स्वावलंबिनी
चर्चा में क्यों?
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने नीति आयोग के सहयोग से मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में महिला उद्यमिता कार्यक्रम स्वावलंबिनी की शुरुआत की।
मुख्य बिंदु
- उदेश्य:
- यह एक महिला उद्यमिता कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को उद्यमशील मानसिकता विकसित करने, आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने और व्यावसायिक सफलता के लिये मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है।
- कार्यक्रम संरचना:
- MSDE ने उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (EAP), महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP), फैकल्टी विकास कार्यक्रम (FDP) एवं वित्तपोषण सहित एक चरण-वार उद्यमशीलता प्रक्रिया की शुरूआत की है।
- इसके तहत सफल उद्यमों को मान्यता देना एवं पुरस्कृत करना शामिल है जिससे अन्य को प्रेरणा मिलने के साथ भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को आगे बढ़ाने के लिये एक स्पष्ट ढाँचा स्थापित होगा।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में उद्यमशीलता की संस्कृति को मज़बूत करना, महिलाओं के लिये व्यवसाय सृजन को एक व्यवहार्य करिअर मार्ग बनाना। भारत के आर्थिक परिवर्तन के प्रमुख चालक के रूप में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देना।
- स्वावलंबिनी राष्ट्रीय नीतियों के साथ संरेखित
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 : कौशल एकीकरण, उद्योग सहयोग और उद्यमिता-संचालित शिक्षा को बढ़ावा देती है।
- यह महिला उद्यमियों के लिये वित्तीय और परामर्श सहायता सुनिश्चित करके इस पर काम करती है।
- यह स्टैंड-अप इंडिया, PM मुद्रा योजना और महिला उद्यमिता मंच जैसी पहलों को मज़बूत करती है।
- स्वावलंबिनी केंद्रीय बजट 2025 के अनुरूप है, जिसमें 10,000 करोड़ रुपए के स्टार्ट-अप फंड की शुरुआत की गई है और पहले पाँच वर्षों के लिये स्टार्ट-अप लाभांश पर 100% कर छूट दी गई है, जिससे उभरते महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों के लिये महत्त्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 : कौशल एकीकरण, उद्योग सहयोग और उद्यमिता-संचालित शिक्षा को बढ़ावा देती है।
भारत में महिला उद्यमिता परिदृश्य
- भारत में कुल MSME: 63 मिलियन से अधिक, महिला स्वामित्व वाले MSME 20% (12.39 मिलियन)।
- रोजगार योगदान: महिलाओं के नेतृत्व वाले MSME 22-27 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करते हैं।
- महिला उद्यमिता में भारत का स्थान: महिला उद्यमिता पर मास्टरकार्ड सूचकांक (MIWE) 2021 में भारत वर्तमान में 65 देशों में से 57 वें स्थान पर है।
- वैश्विक उद्यमिता एवं विकास संस्थान के अनुसार, वैश्विक महिला उद्यमिता सूचकांक (FEI) में भारत का स्थान 77 देशों में 70वाँ है।
- महिला-नेतृत्व वाले MSME में सर्वाधिक भागीदारी वाले शीर्ष राज्य: पश्चिम बंगाल (23.42%), तमिलनाडु (10.37%), तेलंगाना (7.85%), कर्नाटक (7.56%) और आंध्र प्रदेश (6.76%)।


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वाराणसी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के बीच वाराणसी में अत्याधुनिक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) विकसित करने हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
मुख्य बिंदु
- MMLP के बारे में :
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उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य सड़क, रेल व जल मार्गों से निर्बाध माल ढुलाई, कम लागत और व्यापारिक दक्षता को बढ़ाकर आपूर्ति शृंखला को मज़बूत करना है।
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- महत्त्व और प्रभाव:
- 150 एकड़ में फैले इस पार्क का NH7 और पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारे (EDFC) से सीधा जुड़ाव होगा, जिससे माल परिवहन सुगम और वहनीय होगा।
- राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (NW-1) से संपर्क होने के कारण जलमार्ग के माध्यम से भी माल परिवहन की सुविधा मिलेगी, जिससे परिवहन लागत में कमी आएगी।
- इस लॉजिस्टिक्स पार्क के निर्माण से महत्त्वपूर्ण निवेश आकर्षित होगा, जिससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
- स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारियों, उद्योगों और MSMEs को लाभ होगा, जिससे उत्पादन और निर्यात में वृद्धि होगी।
- इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे।
- लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का आधुनिकीकरण होगा, जिससे भविष्य में अन्य शहरों में भी ऐसे केंद्र विकसित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
- यह "गति शक्ति" योजना और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के तहत एक मॉडल की तरह कार्य करेगा, जिससे अन्य राज्यों में भी ऐसी परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI):
- IWAI, जहाज़रानी मंत्रालय (Ministry of Shipping) के अधीन एक सांविधिक निकाय है।
- यह जहाज़रानी मंत्रालय से प्राप्त अनुदान के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्गो पर अंतर्देशीय जल परिवहन अवसंरचना के विकास और अनुरक्षण का कार्य करता है।
- प्राधिकरण का मुख्यालय नोएडा (उत्तर-प्रदेश) में क्षेत्रीय कार्यालय पटना, कोलकाता, गुवाहाटी और कोची में तथा उप-कार्यालय प्रयागराज, वाराणसी, भागलपुर, रक्का और कोल्लम में हैं।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना
- उद्देश्य: ज़मीनी स्तर पर काम में तेज़ी लाना, लागत में कमी करना और रोज़गार सृजित करने पर ध्यान देने के साथ-साथ आगामी चार वर्षों में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।
- गति शक्ति योजना के तहत वर्ष 2019 में शुरू की गई 110 लाख करोड़ रुपए की ‘राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन’ को समाहित किया गया है।
- लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती के अलावा इस योजना का उद्देश्य कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और व्यापार को बढ़ावा देने हेतु बंदरगाहों पर टर्नअराउंड समय को कम करना है।
- इसका लक्ष्य 11 औद्योगिक गलियारे और दो नए रक्षा गलियारे (एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में) बनाना भी है। इसके तहत सभी गाँवों में 4G कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा। साथ ही गैस पाइपलाइन नेटवर्क में 17,000 किलोमीटर की क्षमता जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।
- एकीकृत दृष्टिकोण: यह बुनियादी अवसंरचना से संबंधित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाने पर ज़ोर देता है।
- गति शक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म: इसमें एक अंब्रेला प्लेटफॉर्म का निर्माण शामिल है, जिसके माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के बीच वास्तविक समय पर समन्वय के माध्यम से बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं का निर्माण कर उन्हें प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकता है।

