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उत्तर प्रदेश: सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों के लिये अनुकूल
चर्चा में क्यों?
एक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की प्रस्तावित सेमीकंडक्टर नीति 2024 पर आधारित प्रस्तुतीकरण की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण उद्योगों में उन्नति के साथ-साथ उच्च दक्षता वाले उपकरणों जैसे स्मार्टफोन, कंप्यूटर और चिकित्सा संबंधित उपकरणों में के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्वांटम कंप्यूटिंग में नवाचार को भी बढ़ावा देता है।
- यह राज्य की आर्थिक वृद्धि और नवाचार में योगदान देगा तथा रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाते हुए पर्याप्त रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
- युवाओं को सेमीकंडक्टर निर्माण में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री ने राज्य के दो IIT सहित तकनीकी संस्थानों में ऐसे पाठ्यक्रमों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा।
- सेमीकंडक्टर उद्योगों में CM इंटर्नशिप कार्यक्रम के तहत युवाओं के लिये दो वर्ष के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिये।
- सेमीकंडक्टर चिप क्षेत्र ने पिछले दो वर्षों में 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक निवेश करने की योजना की घोषणा की है।
- सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये, भारत सरकार ने 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रोत्साहन परिव्यय प्रदान करने का निर्णय लिया है।
- सीएम का सुझाव है कि नीति में वैश्विक सेमीकंडक्टर निवेशकों को आकर्षित करने के लिये वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन के वितरण के प्रावधान शामिल होने चाहिये।
- ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का चौथा राज्य होगा।
- नई नीति में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित पूंजी के अलावा अतिरिक्त पूंजी निवेश भी शामिल होना चाहिये।
- भूमि की खरीद/पट्टे पर स्टाम्प शुल्क में छूट का भी प्रावधान होना चाहिये।
- नीति में विद्युत शुल्क में छूट, ड्यूल पावर ग्रिड नेटवर्क ट्रांसमिशन एवं व्हीलिंग शुल्क, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, पेटेंट, जल आपूर्ति, पावर बैंकिंग, अनुसंधान और विकास सहायता हेतु प्रावधान किये जाने चाहिये।
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