उत्तर प्रदेश Switch to English
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुल्तानपुर ज़िले के करवल खीरी में 341 किमी. लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। इसके खुलने के बाद गाज़ीपुर से राजधानी दिल्ली का सफर 10 घंटों में हो सकेगा।
प्रमुख बिंदु
- 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चाँद सराय से शुरू होगा और गाज़ीपुर तक पहुँचेगा। यह एक्सप्रेस-वे 9 ज़िलों- लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आज़मगढ़, मऊ और गाज़ीपुर को जोड़ेगा।
- इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में 36 महीने का वक्त लगा तथा इसकी लागत 22 हज़ार 497 करोड़ रुपए है।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की महत्त्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2018 में आज़मगढ़ में रखी थी।
- इस अवसर पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों के आकस्मिक उपयोग के लिये इस एक्सप्रेस-वे पर बनी 3.2 किमी. लंबी हवाई पटेी पर एयर शो किया गया, जिसमें राफेल, सुखोई और मिराज जैसे लड़ाकू विमानों ने टच एंड गो ऑपरेशन (यानी, विमान उड़ते हुए आते हैं और ज़मीन छूते ही दोबारा उड़ जाते हैं) के तहत करतब दिखाया तथा जगुआर और मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने लैंडिंग की।
- इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में 3 अन्य एक्सप्रेस-वे के तैयार किये जा रहे हैं, जिनमें 300 किमी. लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया और इटावा को जोड़ेगा। 90 किमी. लंबा गोरखपुर एक्सप्रेस-वे गोरखपुर, अंबेडकर नगर, संत कबीर नगर और आज़मगढ़ को जोड़ेगा तथा 600 किमी. लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को जोड़ेगा।
बिहार Switch to English
स्कॉच गवर्नेंस गोल्ड अवॉर्ड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वर्चुअल रूप से आयोजित 75 वें स्कॉच (Skoch) सम्मेलन में बिहार को स्कॉच गवर्नेंच गोल्ड अवॉर्ड प्राप्त हुआ है। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन चल रही मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना को स्कॉच संस्थान द्वारा रजत पुरस्कार प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार को यह अवॉर्ड लोक सेवाओं की ऑनलाइन प्रदायगी और ई. गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिये प्रदान किया गया है।
- ‘बिहार ई-लोक सेवा’के रूप में अपनाए गए नवाचार की अनूठी पहल का कार्यान्वयन के लिये बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन को यह अवॉर्ड दिया गया है।
- विदित हो कि बिहार सरकार द्वारा अपने नागरिकों को नियत समय में लोक सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2011 को बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम लागू किया था।
- स्कॉच अवॉर्ड डिजिटल, वित्तीय और सामाजिक समावेशन के सर्वोत्तम प्रयासों के लिये ‘स्कॉच ग्रुप’के द्वारा प्रदान किया जाता है।
- इसके तहत सर्वोत्तम शासन, समावेशी विकास, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों में उत्कृष्टता, परिवर्तन प्रबंधन, कॉर्पोरेट नेतृत्व, कॉर्पोरेट प्रशासन, नागरिक सेवा वितरण, क्षमता निर्माण और सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को शामिल किया जाता है।
राजस्थान Switch to English
62वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी राज्य कला पुरस्कारों की घोषणा
चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2021 को राजस्थान ललित कला अकादमी के निर्णायक मंडल द्वारा 62वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी के राज्य कला पुरस्कारों की घोषणा की गई। इसके अंतर्गत राज्य के 10 कलाकारों की कलाकृतियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने बताया कि प्रदर्शनी में राज्य भर से 196 कलाकारों की 584 कलाकृतियाँ प्राप्त हुई थीं, जिनमें से निर्णायक मंडल ने प्रदर्शनी के लिये 97 कलाकारों की 121 कलाकृतियों का चयन किया। इनमें पुरस्कृत कलाकृतियाँ भी सम्मिलित हैं।
- इस निर्णायक मंडल में अब्बास बाटलीवाला (उदयपुर), असित कुमार पटनायक (दिल्ली) एवं मदनलाल (चंडीगढ़) शामिल हैं।
- प्रदर्शनी में जिन दस कलाकारों की कलाकृतियों को पुरस्कृत करने के लिये चुना गया है, वे हैं-
- रिचा माहेश्वरी (कोसमोस)
- कमल किशोर जोशी (मेघराज)
- डॉ. मणि भारतीय (लैंडस्केप)
- योगेन्द्र सिंह नरूका (ए मैरिज पार्टी)
- दुर्गेश कुमार अटल (प्लोवर)
- निर्मल यादव (द ल्यूनार शेड्स)
- कुमुदनी भरावा सोनी (कहाँ घूमे कहाँ जाए)
- राजेंद्र प्रसाद मीना (मूवमेंट आफ जॉय)
- सुनील कुमावत (होप-3)
- ऋतु शेखावत (फ्लोइंग वर्लपुल)
- इन 10 कलाकारों को पच्चीस-पच्चीस हज़ार रुपए के नकद पुरस्कार, प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान किये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि राजस्थान ललित कला अकादमी राजस्थान की ललित कला संस्कृति को बढ़ावा देने, फैलाने और विकसित करने के लिये राजस्थान सरकार का प्रमुख ललित कला संस्थान है। यह एक गैर-लाभकारी, स्वायत्त निकाय है, जिसे कला और संस्कृति मंत्रालय, राजस्थान द्वारा वित्तपोषित किया जाता है।
- अपनी भूमिका के अनुसरण में अकादमी प्रदर्शनियों, संस्थानों की छात्रवृत्ति, प्रायोजन, फेलोशिप, सहायता योजनाओं, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड्स का आयोजन करती है और वृत्तचित्र सामग्री प्रकाशित करती है।
मध्य प्रदेश Switch to English
बकरी दूध विक्रय का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने जनजातीय गौरव दिवस से बड़वानी के राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान बकरी दूध विक्रय का प्रदेश में शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- बकरी दूध विक्रय की शुरुआत जबलपुर और इंदौर के जनजाति बहुल ज़िलों से एकत्र दूध से की गई है। इंदौर संभाग के धार, झाबुआ, बड़वानी और जबलपुर संभाग के सिवनी, बालाघाट ज़िलों की जनजातियों से 50 से 70 रुपए प्रति किलो की दर से बकरी का दूध इंदौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा खरीदा जा रहा है।
- गौरतलब है कि बकरी का दूध पौरिुटक खनिज तत्त्वों से भरपूर होता है। कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, तांबा, ज़िंक आदि का उत्तम स्रोत होने से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।
- इसमें वसा के कण अन्य दूध की तुलना में छोटे होने से जल्दी एवं आसानी से पच जाता है। दैनिक अनुसंशित मूल्य का 33 प्रतिशत कैल्शियम शरीर को प्रदाय कर हडिड्यों के घनत्व को बढ़ाता है।
- बकरी के दूध में मध्यम श्रेणी का फैटी एसिड होने से यह शरीर को अधिक ऊर्जा देने के बावजूद चर्बी के रूप में जमा नहीं होता। इससे वज़न नियंत्रित रहता है। आँतों के विकार और कोरोनरी रोग के इलाज में भी सहायक है।
- बकरी का दूध शरीर में अच्छे कोलेस्टॉल के स्तर को बढ़ाकर खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता।
- बकरी का दूध चयापचय (मेटाबॉलिक) एजेंट होने से कॉपर और आयरन को भी मेटाबोलास कर सकता है। पाचन और कब्ज की समस्या तथा सूजन दूर करने में भी सहायक है। बकरी के दूध में उपलब्ध वसा एवं ट्राइग्लिसराइड्स मानव त्वचा में निखार लाते हैं। त्वचा को नर्म एवं स्वस्थ रखता है। इसमें मौजूद विटामिन-A चेहरे के कील-मुँहासे को दूर कर रंग में निखार लाता है।
- बकरी का दूध रक्त में प्लेटलेट्स को नियंत्रित कर डेंगू से सुरक्षा करता है। लेक्टोज इन्टोलरेंट लोगों के लिये बकरी का दूध एक अच्छा विकल्प है। जिन लोगों को दुग्ध शर्करा से एलर्जी है, उनके लिये बकरी का दूध अच्छा विकल्प है। बकरी के दूध में अधिकतर A&2 (Casien) नामक प्रोटीन होता है, जो एलर्जिक नहीं होता और कोलाइटिस, चिड़चिड़ापन एवं आंतों के सिंड्रोम आदि से सुरक्षा प्रदान करता है। बकरी का दूध अस्थिक्षय को भी रोकता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के शिक्षित युवाओं को स्व-रोज़गार से जोड़ने के लिये ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना’शुरू करने की मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के 18 से 40 वर्ष अवस्था तक के न्यूनतम 12वीं कक्षा पास युवाओं को प्राप्त होगा।
- इस योजना में विनिर्माण इकाई के लिये एक लाख से 50 लाख रुपए तक की परियोजनाएँ तथा सेवा इकाई अथवा खुदरा व्यवसाय के लिये एक लाख से 25 लाख रुपए तक की परियोजनाएँ मान्य की जाएगी।
- राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में वितरित ऋण पर तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज़ अनुदान तथा ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर से हितग्राही को अधिकतम 7 वर्षों तक दिया जाएगा।
- इस योजना का क्रियान्वयन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से उद्योग, सेवा या व्यवसाय स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को बैंकों के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त होगा। साथ ही बैंक ऋण के लिये कोई कोलेट्रल सिक्यूरिटी भी नहीं देनी पड़ेगी।
हरियाणा Switch to English
‘हरियाणा अणु विद्युत परियोजना’ की समीक्षा बैठक
चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2021 को हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा फतेहाबाद ज़िला के गाँव गोरखपुर में स्थापित की जा रही 4700 मेगावाट क्षमता की ‘हरियाणा अणु विद्युत परियोजना’ की समीक्षा की।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर एनपीसीआईएल के डीजीएम (मानव संसाधन) ने बताया कि इस परियोजना पर अब तक 3400 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके हैं। परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड ने गत 18 नवंबर, 2020 को आवश्यक परमाणु एंव रेडियोलॉजिक सुरक्षा, औद्योगिक एवं अग्नि सुरक्षा और सिविल इंजीनियरिंग के पहलुओं की समीक्षा की तथा संतोषजनक पाए जाने पर जीएचएवीपी-1 और 2 के निर्माण की मंज़ूरी दी।
- न्यूक्लियर बिल्डिंग-1 व 2 क्षेत्र के नींव का कार्य पूरा कर लिया गया है और मुख्य इकाई का निर्माण कार्य उच्च स्तर पर शुरू कर दिया गया है। टरबाईन और उसके सहायक उपकरणों के निर्माण का कार्य बीएचईल को दिया गया है। प्रमुख रिएक्टर उपकरण, जैसे- एंडशील्ड पहले ही प्राप्त हो चुके हैं और कैलेंड्रिया एवं स्टीम जेनरेटर जैसे अन्य उपकरण प्राप्ति के विभिन्न चरणों में हैं।
- अग्रोहा में एनपीसीआईएल कॉलोनी का निर्माण अग्रिम चरण में है, जहाँ मार्च, 2022 तक आवास शुरू करने की योजना है। 700 मेगावाट की पहली इकाई का उत्पादन वर्ष 2026 में शुरू हो जाएगा और शेष तीन इकाईयों को बाद में प्रति वर्ष एक इकाई के हिसाब से चालू कर दिया जाएगा।
- एनपीसीआईएल ने सीएसआर के तहत आसपास के क्षेत्रों में अब तक लगभग 26 करोड़ रुपए विभिन्न गतिविधियों पर खर्च किये हैं और 8 करोड़ रुपए इस वित्तीय वर्ष (2021-22) में खर्च करने की योजना है।
झारखंड Switch to English
यूनिवर्सल पेंशन योजना
चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद राज्य में ‘यूनिवर्सल पेंशन योजना’ लागू कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत संचालित इस पेंशन योजना को सरल बनाया गया है। इसमें एपीएल और बीपीएल कार्ड की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
- इस योजना की खास बात यह है कि अब 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी वृद्धजनों को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा। बशर्ते आवेदक करदाता न हो। गरीब, नि:शक्त और निराश्रित, जिनमें विधवा, एकल, परित्यक्त महिलाएँ भी शामिल हैं, इस स्कीम से आच्छादित होंगे। इन सभी को एक हज़ार रुपए महीने सीधे बैंक खाता में प्राप्त होगा।
- सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन योजना के तहत 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
- सरकार के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के माध्यम से इस पेंशन योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
- यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत जिन अलग-अलग लाभुकों को लाभ देने का प्रावधान है, वे इस प्रकार हैं-
- मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना- इसके तहत आवेदक (पुरुष अथवा महिला) की उम्र 60 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिये। उम्र संबंधी दस्तावेज़ की ज़रूरत पड़ेगी। साथ ही, आवेदक करदाता नहीं होना चाहिये।
- मुख्यमंत्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला, जिनके पति की मृत्यु हो गई हो, पेंशन के लिये पात्र होगी। इसके लिये पति की मृत्यु प्रमाण-पत्र की ज़रूरत होगी।
- इसके अलावा 18 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु की परित्यक्त महिला, 45 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की एकल महिला को भी पेंशन का लाभ मिलेगा। इन दोनों ही वर्गों के तहत आनेवाली महिलाओं को मुखिया एवं पंचायत सचिव/ वार्ड पार्षद एवं राजस्व उपनिरीक्षक का संयुक्त प्रमाण-पत्र अथवा विधायक/सांसद अथवा किसी राजपत्रित पदाधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण-पत्र की ज़रूरत होगी।
- स्वामी विवेकानंद नि:शक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के तहत दिव्यांगता संबंधी प्रमाण-पत्र की छायाप्रति तथा आयु प्रमाण-पत्र (18 वर्ष से कम उम्र होने पर जन्म प्रमाण-पत्र या स्कूल अथवा कॉलेज के प्रधानाचार्य के हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र) की ज़रूरत पड़ेगी।
- एचआईवी/एड्स पीड़ित व्यक्ति सहायतार्थ पेंशन योजना के तहत आयु सीमा नहीं रखी गई है। आवेदक के लिये ART/ARD प्राप्त करने संबंधी चिकित्सा प्रमाण-पत्र की ज़रूरत होगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
टोल फ्री चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर
चर्चा में क्यों
15 नवंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ ने अपराध अनुसंधान विभाग, पुलिस मुख्यालय और यूनिसेफ द्वारा बाल संरक्षण पर आयोजित एक कार्यक्रम में एक टोल फ्री चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1800-123-6010 शुरू किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर किशोर अपराध पर एक पुस्तिका का विमोचन किया गया तथा बाल सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया गया।
- इस अवसर पर बाल सुरक्षा पर आधारित नौ वीडियो दिखाए गए। चित्रकला एवं चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
- उल्लेखनीय है कि बाल दिवस को चिह्नित करने के लिए राज्यव्यापी श्बाल सुरक्षा सप्ताहश् शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य माता-पिता और नागरिकों को बच्चों की सुरक्षा और उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना है।
- इसके तहत बाल मजदूरी और भीख मांगने के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाएगा। तथा पीड़ित बच्चों को छुड़ाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड Switch to English
मतदाता जागरूकता
चर्चा में क्यों
15 नवंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) सौजन्या ने महिलाओं और युवाओं को मतदाता सूचियों में पंजीकरण के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सचिवालय से मतदाता जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रमुख बिंदु
- सीईओ सौजन्या ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए वर्तमान में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है और ये वैन इस कार्यक्रम के बारे में जागरूकता पैदा करेंगी।
- उन्होंने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल में एक-एक वैन को सेवा में लगाया गया है। ये वैन 15 से 22 नवंबर तक गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करेंगी।
- उन्होंने कहा कि कलाकारों की एक टीम वैन के साथ जाएगी और वे नुक्कड़ नाटकों द्वारा जागरूकता पैदा करेंगे। वैन में स्वीप सामग्री और एक सार्वजनिक संबोधन प्रणाली भी होगी।
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