स्वतंत्रता दिवस पर पाएँ सभी ऑनलाइन, पेनड्राइव कोर्सेज़, डीएलपी और टेस्ट सीरीज़ पर 40% की छूट। 15-18 अगस्त । डिस्काउंट का लाभ उठाने के लिये यह फॉर्म ज़रूर भरें। कॉलबैक फॉर्म:
अभी रजिस्टर करें
ध्यान दें:

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 40% का स्पेशल डिस्काउंट । ऑफर सभी ऑनलाइन, पेनड्राइव कोर्सेज़ और टेस्ट सीरीज़ पर, साथ ही बुक्स पर 20% की विशेष छूट । ऑफर 18 अगस्त तक वैध ।

झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Aug 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
झारखंड Switch to English

झारखंड के कार्मिकों को वीरता और सेवा पदक मिलेंगे

चर्चा में क्यों?

सूत्रों के अनुसार, 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के तहत दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में झारखंड के 19 कर्मचारियों और अधिकारियों को उनकी अनुकरणीय सेवा एवं बहादुरी के लिये सम्मानित किया गया।

मुख्य बिंदु:

  • गढ़वा के पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police- SP) दीपक कुमार पांडेय को इनामी नक्सली को मार गिराने के लिये वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा।
    • वीरता पदक पाने वाले अन्य लोगों में उप निरीक्षक विश्वजीत कुमार सिंह, हवलदार उमेश सिंह, कांस्टेबल सुभाष दास, कांस्टेबल गोपाल गंझू, कांस्टेबल रवींद्र टोप्पो और सहायक उप निरीक्षक (ASI) सच्चिदानंद सिंह शामिल हैं।
  • झारखंड के 11 पुलिस कर्मियों को सराहनीय सेवा पदक मिलेगा।
    • पुरस्कार प्राप्त करने वालों में हेड कांस्टेबल सलोमी मिंज, कांस्टेबल विमल कुमार छेत्री, कांस्टेबल रणधीर कुमार सिंह, कांस्टेबल संजीव कुमार गुप्ता, कांस्टेबल हेमा रानी कुल्लू, हेड कांस्टेबल संजय उरांव, हेड कांस्टेबल अरुण उरांव, कांस्टेबल रेखा कुमारी, हेड कांस्टेबल ऋतुराज, हेड कांस्टेबल राजेंद्र राम और हेड कांस्टेबल संजय कुमार शामिल हैं।

वीरता पुरस्कार

  • सशस्त्र बलों, अन्य विधिपूर्वक गठित बलों और नागरिकों के अधिकारियों/कार्मिकों की बहादुरी तथा  बलिदान के सम्मान के लिये भारत सरकार द्वारा वीरता पुरस्कारों की स्थापना की गई है।
  • स्वतंत्रता के बाद, पहले तीन वीरता पुरस्कार अर्थात् परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को स्थापित किये गये थे तथा15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माने गये थे।
    • इसके बाद, भारत सरकार द्वारा 4 जनवरी, 1952 को अन्य तीन वीरता पुरस्कार अर्थात् अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III की स्थापना की गई, जो 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माने गए।
      • जनवरी 1967 में इन पुरस्कारों का नाम बदलकर क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया।
  • इन वीरता पुरस्कारों की घोषणा वर्ष में दो बार की जाती है, पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर और फिर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर।
  • वीरता पुरस्कारों को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
    • युद्धकालीन वीरता पुरस्कार:
      • ये पुरस्कार शत्रु के सामने बहादुरी के लिये दिये जाते हैं।
    • शांतिकालीन वीरता पुरस्कार:
      • ये पुरस्कार शत्रु के विरुद्ध बहादुरी के अलावा अन्य कार्यों के लिये भी दिये जाते हैं।
  • इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम इस प्रकार है: परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2