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वीरता पुरस्कार

  • 11 May 2023
  • 6 min read

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों, अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस बलों के 37 कर्मियों को कर्त्तव्य निर्वहन में उनकी बहादुरी एवं साहस के लिये वीरता पुरस्कार प्रदान किया। आठ कर्मियों को कीर्ति चक्र तथा 29 कर्मियों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।

भारत में वीरता पुरस्कार:

  • स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को प्रारंभिक तीन वीरता पुरस्कार- परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र स्थापित किये गए थे, जिन्हें 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया।
  • इसके बाद वर्ष 1952 में अन्य तीन वीरता पुरस्कार- ‘अशोक चक्र वर्ग-I’, ‘अशोक चक्र वर्ग-II’ और ‘अशोक चक्र वर्ग-III’ स्थापित किये गए, जिन्हें 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया।
    • जनवरी 1967 में इन पुरस्कारों का नाम बदलकर क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया।
  • इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम है- परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र।

  • वीरता पुरस्कारों की घोषणा वर्ष में दो बार की जाती है - पहले, गणतंत्र दिवस के अवसर पर और फिर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर।

कीर्ति चक्र 

  • परिचय: 
    • यह महावीर चक्र के समान दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है।
    • अद्भुत वीरता, अदम्य साहस और कर्त्तव्य के प्रति अत्यधिक समर्पण का प्रदर्शन करने या  युद्ध के मैदान से दूर आत्म-बलिदान करने वालों को इससे सम्मानित किया जाता है। 
  • योग्यता एवं स्वरूप:
    • इसे मरणोपरांत सम्मान के अतिरिक्त नागरिकों और सैनिकों दोनों को प्रदान किया जाता है।
    • इसके केंद्र में कमल के फूल के साथ एक गोलाकार रजत पदक और उसके चारों ओर एक चक्र, दो नारंगी धारियों वाले हरे रंग का रिबन लगा होता है।

शौर्य चक्र

  • परिचय: 
    • यह दुश्मन के खिलाफ असाधारण वीरता, साहसी कार्य या आत्म-बलिदान के लिये दिया जाने वाला एकमात्र भारतीय सैन्य अलंकरण है।
    • यह बहादुरी, वीरता और कर्त्तव्य के प्रति समर्पण की भावना रखने वालों को दिया जाता है।
  • योग्यता एवं स्वरूप:
    • इसे मरणोपरांत सम्मान के अतिरिक्त नागरिकों और सैनिकों दोनों को प्रदान किया जाता है।
    • इसके केंद्र में भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चक्र की प्रतिकृति के साथ गोलाकार कांस्य पदक बना हुआ है।
    • इसमें अशोक चक्र के चारों ओर एक कमल की माला बनी हुई है।
    • इसमें तीन ऊर्ध्वाधर रेखाओं के साथ हरे रंग का रिबन लगा होता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021) 

  1. भारत रत्न और पद्म पुरस्कार भारत के संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अंतर्गत उपाधियाँ हैं।
  2. वर्ष 1954 में प्रारंभ किये गए पद्म पुरस्कारों को केवल एक बार निलंबित किया गया था।
  3. किसी वर्ष-विशेष में भारत रत्न पुरस्कारों की अधिकतम संख्या पाँच तक सीमित है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही नहीं हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (d) 

व्याख्या: 

  • पद्म पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस पर की जाती है। यह वर्ष 1954 में स्थापित किया गया था और यह भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाते हैं:
    • पद्म विभूषण (असाधारण और विशिष्ट सेवा)
    • पद्म भूषण (उच्च क्रम की प्रतिष्ठित सेवा)
    • पद्मश्री (प्रतिष्ठित सेवा)
  • अनुच्छेद 18(1) राज्य को किसी भी नागरिक या गैर-नागरिक को उपाधि प्रदान करने से रोकता है। हालाँकि सैन्य और शैक्षणिक भेदों को निषेध से छूट दी गई है। भारत रत्न और पद्म पुरस्कार अनुच्छेद 18(1) के अंतर्गत उपाधियाँ नहीं हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • पद्म पुरस्कारों के पदानुक्रम में पद्म विभूषण सर्वोच्च है, इसके बाद पद्म भूषण और पद्मश्री हैं।
  • पद्म पुरस्कारों को वर्ष 1978, 1979 और 1993 से 1997 के दौरान निलंबित कर दिया गया था। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा/सर्वोच्च प्रदर्शन की मान्यता हेतु प्रदान किया जाता है।
  • भारत रत्न हेतु सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा भारत के राष्ट्रपति को की जाती है। भारत रत्न पुरस्कारों की संख्या किसी विशेष वर्ष में अधिकतम तीन तक सीमित हैअतः कथन 3 सही नहीं है।
  • अतः विकल्प (d) सही है।

स्रोत: इकोनाॅमिक्स टाइम्स

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