उत्तर प्रदेश Switch to English
हरित उद्योग आधार
चर्चा में क्यों ?
राज्य सरकार 19 फरवरी, 2024 को होने वाले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में उत्तर प्रदेश को 'हरित उद्योग आधार' वाले राज्य के रूप में स्थापित करेगी।
मुख्य बिंदु:
- उद्योग विभाग नए खिलाड़ियों को आकर्षित करने के लिये अपने सौर, जैव ईंधन, पंप स्टोरेज और EV बैटरी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोजेक्ट करेगा।
- अधिकारियों के मुताबिक, यूपी की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 22.38 गीगावाट (GW) थी जो कई राज्यों की तुलना में काफी अधिक है।
- राज्य एक ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर लेकर आ रहा है जिसमें सौर ऊर्जा के उपयोग के लिये लगभग 1,54,000 हेक्टेयर भूमि बैंक है। सरकार ने 3,600 मेगावाट की क्षमता वाले छह सौर पार्कों को स्वीकृति दी है।
- भारत में कुल ईवी का 25% यूपी में उपयोग किया जाता है। राज्य ने पहले ही 450 से अधिक सक्रिय चार्जिंग स्टेशनों का एक नेटवर्क विकसित कर लिया है, जबकि अन्य 100 से अधिक पाइपलाइन में हैं और एक्सप्रेस-वे, सार्वजनिक स्थानों एवं इमारतों के किनारे पहले से ही पहचाने गए स्थान हैं।
- सात माल ढुलाई स्मार्ट शहरों के लिये ईवी योजना की कवायद चल रही है।
- यूपी ने सोनभद्र, मिर्ज़ापुर और चंदौली में 13,250 मेगावाट की संचयी क्षमता वाली आठ परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी है।
- यह ध्यान में रखते हुए कि यूपी अकेले राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत लक्ष्य का 1/5 हिस्सा उपभोग कर सकता है, राज्य संपीड़ित बायोगैस संयंत्र, बायोडीज़ल/इथेनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिये एकल खिड़की अनुमोदन लेकर आया है।
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