उत्तर प्रदेश Switch to English
लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में यूपी अग्रणी
चर्चा में क्यों?
नीति आयोग द्वारा जारी एक पेपर 'भारत में बहुआयामी गरीबी 2005-06' के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने पिछले नौ वर्षों में बहुआयामी गरीबी (MDP) से अधिकतम संख्या में लोगों को बाहर निकालने में राज्यों के बीच अपना नेतृत्व बनाए रखा है।
- संगठन ने बताया कि यूपी में 5.94 करोड़ लोग MDP से निकले हैं।
मुख्य बिंदु:
- पेपर में, यह बताया गया था कि वर्ष 2015-16 में 37.68% से यूपी में बहुआयामी गरीबों की संख्या वर्ष 2019-21 में घटकर 22.95% हो गई।
- नीति आयोग के पेपर में कहा गया है कि वर्ष 2022-23 में यह आँकड़ा घटकर 17.40% रह गया है।
- नीति आयोग ने बहुआयामी गरीबी को मापने के लिये सतत् विकास लक्ष्यों से जुड़े 12 संकेतकों पर विचार किया।
- ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (OPHI) तथा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने भी पेपर में योगदान दिया।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बहुआयामी गरीबी वर्ष 2013-14 में 29.17% से घटकर वर्ष 2022-23 में 11.28% हो गई और इस अवधि के दौरान 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए।
नीति आयोग
- योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को एक नए संस्थान नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार की परिकल्पना की परिकल्पना के लिये 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया था।
- इसके दो हब हैं:
- टीम इंडिया हब- राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस का काम करता है।
- ज्ञान और नवोन्मेष हब- नीति आयोग के थिंक-टैंक की भाँति कार्य करता है।
ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (OPHI)
- OPHI ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ऑक्सफोर्ड अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग के अंतर्गत एक आर्थिक अनुसंधान और नीति केंद्र है। इसकी स्थापना वर्ष 2007 में हुई थी।
- इसका उद्देश्य लोगों के अनुभवों और मूल्यों पर आधारित बहुआयामी गरीबी को कम करने के लिये एक अधिक व्यवस्थित प्रणाली तथा आर्थिक ढाँचे का निर्माण करना एवं उसे आगे बढ़ना है।
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