सामाजिक न्याय
बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2023
- 12 Jul 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:बहुआयामी गरीबी सूचकांक, यूएनडीपी, गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर मेन्स के लिये:बहुआयामी गरीबी सूचकांक |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme- UNDP) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (Oxford Poverty and Human Development Initiative- OPHI) द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index- MPI) 2023 जारी किया गया है।
- यह "प्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति के जीवन और कल्याण को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जीवन स्तर के परस्पर संबंधित अभावों को मापता है"।
प्रमुख बिंदु:
- वैश्विक परिदृश्य:
- विश्व स्तर पर 110 देशों के 6.1 अरब लोगों में से 1.1 अरब लोग (कुल जनसंख्या का 18%) बहुआयामी रूप से अत्यंत गरीब हैं।
- उप-सहारा अफ्रीका में गरीबों की संख्या 534 मिलियन है और दक्षिण एशिया में यह संख्या 389 मिलियन है।
- इन दोनों क्षेत्रों में प्रत्येक छह लोगों में से लगभग पाँच लोग गरीब हैं।
- MPI आधारित गरीब लोगों में से आधे यानी 566 मिलियन 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं।
- बच्चों में गरीबी दर 27.7% है, जबकि वयस्कों में यह 13.4% है।
- विश्व स्तर पर 110 देशों के 6.1 अरब लोगों में से 1.1 अरब लोग (कुल जनसंख्या का 18%) बहुआयामी रूप से अत्यंत गरीब हैं।
- भारत के संदर्भ में:
- भारत में गरीबी: भारत में अभी भी 230 मिलियन से अधिक लोग गरीब हैं।
- UNDP के अनुसार, "संवेदनशीलता" को उन लोगों के हिस्से के रूप में परिभाषित किया गया है जो गरीब नहीं हैं लेकिन सभी भारित संकेतकों के 20 - 33.3% में वंचित हैं। उनकी भेद्यता हिस्सेदारी बहुत अधिक हो सकती है।
- भारत की लगभग 18.7% आबादी इस श्रेणी में है।
- गरीबी उन्मूलन में भारत की प्रगति: भारत कंबोडिया, चीन, कांगो, होंडुरास, इंडोनेशिया, मोरक्को, सर्बिया और वियतनाम सहित 25 देशों में से एक है जिन्होंने 15 वर्षों के भीतर अपने वैश्विक MPI मूल्यों को सफलतापूर्वक आधा कर दिया है।
- वर्ष 2005-06 और वर्ष 2019-21 के बीच लगभग 415 मिलियन भारतीय गरीबी से बच गए।
- भारत में गरीबी की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट आई है जो वर्ष 2005-2006 के 55.1% से घटकर वर्ष 2019-2021 में 16.4% हो गई है।
- वर्ष 2005/2006 में भारत में लगभग 645 मिलियन लोगों ने बहुआयामी गरीबी का अनुभव किया, यह संख्या वर्ष 2015-2016 में घटकर लगभग 370 मिलियन और वर्ष 2019-2021 में 230 मिलियन हो गई।
- अभाव संकेतकों में सुधार: भारत ने तीनों अभाव संकेतकों- स्वास्थ्य, शिक्षा, जीवन स्तर में उल्लेखनीय प्रगति की है।
- सभी क्षेत्रों और सामाजिक-आर्थिक समूहों में गरीबी में गिरावट समान रही है।
- सबसे गरीब राज्यों और समूहों, जिनमें बच्चे एवं वंचित जाति समूहों के लोग भी शामिल हैं, में सर्वाधिक तीव्रता से प्रगति हुई।
- बहुआयामी रूप से गरीब और पोषण से वंचित लोगों का प्रतिशत वर्ष 2005-2006 के 44.3% से घटकर वर्ष 2019-2021 में 11.8% हो गया, साथ ही बाल मृत्यु दर 4.5% से घटकर 1.5% हो गई।
- सभी क्षेत्रों और सामाजिक-आर्थिक समूहों में गरीबी में गिरावट समान रही है।
- भारत में गरीबी: भारत में अभी भी 230 मिलियन से अधिक लोग गरीब हैं।
सिफारिशें:
- संदर्भ-विशिष्ट बहुआयामी गरीबी सूचकांकों की आवश्यकता है जो गरीबी की राष्ट्रीय परिभाषाओं को दर्शाते हों।
- जबकि वैश्विक MPI एक मानकीकृत कार्यप्रणाली प्रदान करता है, राष्ट्रीय परिभाषाएँ प्रत्येक देश के लिये विशिष्ट गरीबी की व्यापक समझ प्रदान करती हैं।
- गरीबी का प्रभावी रूप से आकलन तथा समाधान करने के लिये इन संदर्भ-विशिष्ट सूचकांकों पर विचार करना महत्त्वपूर्ण होता है।
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक:
- परिचय:
- यह सूचकांक एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संसाधन है जो 100 से अधिक विकासशील देशों में तीव्र बहुआयामी गरीबी को मापता है।
- इसे प्रथम बार वर्ष 2010 में OPHI तथा UNDP के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय द्वारा प्रारंभ किया गया था।
- MPI स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के विभिन्न 10 संकेतकों में अभावों की निगरानी करता है और इसमें गरीबी की घटना और तीव्रता दोनों शामिल हैं।
MPI संकेतक और आयाम:
एक व्यक्ति बहुआयामी रूप से गरीब है यदि वह भारित संकेतकों (दस संकेतकों में से) के एक-तिहाई या अधिक (मतलब 33% या अधिक) से वंचित है। जो लोग भारित संकेतकों के आधे या अधिक से वंचित हैं, उन्हें अत्यधिक बहुआयामी गरीबी में रहने वाला माना जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्नप्रीलिम्स:प्रश्न. UNDP के समर्थन से ‘ऑक्सफोर्ड निर्धनता एवं मानव विकास नेतृत्व’ द्वारा विकसित ‘बहुआयामी निर्धनता सूचकांक’ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से सम्मिलित है/हैं? (2012)
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. उच्च संवृद्धि के लगातार अनुभव के बावजूद भारत के मानव विकास के निम्नतम संकेतक चल रहे हैं। उन मुद्दों का परीक्षण कीजिये, जो संतुलित और समावेशी विकास को पकड़ में नहीं आने दे रहे हैं। (2019) |