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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Jan 2024
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वायु प्रदूषण के विश्लेषण हेतु अध्ययन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार सरकार ने वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिये मुज़फ्फरपुर और गया में वास्तविक समय स्रोत विभाजन अध्ययन/रीयल टाइम सोर्सेज अपोर्शनमेंट स्टडी करने का निर्णय लिया है।

  • यह निर्णय इसलिये लिया गया क्योंकि मुज़फ्फरपुर, गया और राज्य की राजधानी पटना वायु प्रदूषण के रुझान के मामले में 122 गैर-प्राप्ति शहरों में से हैं।

मुख्य बिंदु:

  • यह अध्ययन बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (दिल्ली और पटना) द्वारा आयोजित किया जाएगा।
    • अध्ययन दोनों शहरों के विस्तारित शहरी क्षेत्रों के "परिवेशी वायु में पीएम2.5 और पीएम10 के मौसमी वायु में कणों के सघनता स्तर" की पहचान करेगा।
    • पीएम 2.5 और पीएम 10 वायु में मौजूद सूक्ष्म कण हैं तथा इनके संपर्क में आना स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।
  • वास्तविक समय स्रोत विभाजन अध्ययन किसी क्षेत्र में वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिये ज़िम्मेदार वाहनों, धूल, बायोमास जलने और उद्योगों से उत्सर्जन जैसे कारकों की पहचान करने में सहायता करता है।
  • बिहार की राजधानी पटना में पर्यावरण और सतत् विकास संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पहले से ही इस तरह का अध्ययन कर रहा है जो कि सितंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
  • केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) शुरू किया है, जिसने वायु प्रदूषण को कम करने के लिये रणनीतियाँ प्रस्तावित की हैं।
    • NCAP ने 122 संवेदनशील शहरों की पहचान की जहाँ ‘राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों' (NAAQS) का उल्लंघन होता है।
  • उत्सर्जन स्रोत, कणों की वहन क्षमता और स्रोत विभाजन के अलावा, विशेषज्ञ नदी तल सामग्री (मिट्टी) के योगदान तथा सड़क की धूल के स्रोत पर भी आँकड़े एकत्र करेंगे।
  • परिवहन के दौरान निर्माण सामग्री को ढकना, भवन निर्माण के लिये अनिवार्य ग्रीन शील्ड, ग्रीन बेल्ट का विकास, ई-वाहनों को बढ़ावा देना और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन का उपयोग, वाहन उत्सर्जन की कड़ी जाँच तथा स्मॉग गन का उपयोग कुछ ऐसे कदम हैं, जो राज्य में संबंधित अधिकारियों द्वारा उठाए जा रहे हैं।
  • सिन्धु-गंगा के मैदान को बड़े पैमाने पर एयरोसोल लोडिंग का सामना करना पड़ता है, जो कई शहरों में वायु प्रदूषण का एक कारण भी है।
    • एरोसोल को गैस में ठोस या तरल कणों की निलंबन प्रणाली के रूप में परिभाषित किया गया है।

राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS)

  • NAAQs वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत CPCB द्वारा अधिसूचित विभिन्न पहचाने गए प्रदूषकों के संदर्भ में परिवेशी वायु गुणवत्ता के मानक हैं।
    • NAAQS के तहत प्रदूषकों की सूची में PM10, PM2.5, SO2, NO2, CO, NH3, ओज़ोन, लेड, बेंज़ीन, बेंजो-पाइरेन, आर्सेनिक और निकेल शामिल है।


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