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स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Oct 2021
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राजस्थान Switch to English

राष्ट्रीय अमृता हाट का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

15 अक्तूबर, 2021 को महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री के लिये बाज़ार उपलब्ध कराने हेतु जयपुर में जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में ‘राष्ट्रीय अमृता हाट’ का उद्घाटन किया तथा संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की ओर से तैयार किये गए जागरूकता रथों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रमुख बिंदु

  • महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अमृता हाट से इन महिलाओं की मेहनत और हुनर को बढ़ावा मिलेगा तथा इन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। 
  • उन्होंने कहा कि त्योहारी मौसम में यहाँ से घरेलू आवश्यकताओं के सामान एवं हस्तनिर्मित सज़ावटी और कलात्मक व गुणवत्तापूर्ण सामान की खरीदारी की जा सकती है।
  • अमृता हाट में कशीदाकारी, लाख की चूड़ियाँ, पेपरमेशी आइटम, सलवार-सूट, टेराकोटा, कश्मीरी ऊनी शॉल, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, चिकन एवं ज्वैलरी वर्क, काँच एवं पेच वर्क, सभी प्रकार के आचार, मुरब्बा, मसाले एवं अन्य हस्तनिर्मित आकर्षक उत्पाद ग्राहकों को वाज़िब दाम में उपलब्ध हैं। 
  • उल्लेखनीय है कि जयपुरवासियों के लिये एक ही जगह विभिन्न स्थानों के हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री के उद्देश्य से शिल्पग्राम में राष्ट्रीय अमृता हाट का आयोजन 15 से 24 अक्तूबर, 2021 तक किया जा रहा है। 
  • इस हाट में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 140 स्टॉल लगाए गए हैं। मेले में आगंतुकों का प्रवेश नि:शुल्क है। मेला परिसर में आगंतुकों के लिये अनेक लजीज व्यंजन भी बिक्री हेतु उपलब्ध हैं।

राजस्थान Switch to English

राजस्व दिवस

चर्चा में क्यों?

15 अक्तूबर, 2021 को राजस्थान राजस्व विभाग द्वारा राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की अध्यक्षता में राजस्व दिवस मनाया गया।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्व दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राजस्व विभाग के जयपुर ज़िले के कार्मिकों- किशनगढ़ रेनवाल तहसीलदार सुमन चौधरी, सांगानेर नायब तहसीलदार नीरु सिंह, भू-अभिलेख निरीक्षक गोपाल सिंह और पटवारी राजेंद्र सिंह गुर्जर को सम्मानित किया गया। 
  • उल्लेखनीय है कि राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने राजस्थान विधानसभा में 28 फरवरी, 2020 को राजस्व विभाग की बजट अनुदान मांगों पर अपने भाषण के दौरान राज्य में 15 अक्तूबर को राजस्व दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। 
  • गौरतलब है कि 15 अक्तूबर, 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम लागू हुआ था, जिससे काश्तकारों को खातेदारी अधिकार संभव हुए थे।

मध्य प्रदेश Switch to English

‘जायका’ का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

15 अक्तूबर, 2021 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल द्वारा संग्रहालय भ्रमण पर आने वाले दर्शकों की मांग पर भील जनजाति के पारंपरिक भोजन कार्यक्रम ‘जायका’ की शुरुआत की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • इस संबंध में निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि पिछले दो दशकों में विश्व के तमाम बड़े वैज्ञानिकों ने अपने शोध से ये साबित किया है कि जनजातियों के प्राकृतिक आहार को अपनाने से पोषक तत्त्वों की कमी से होने वाले अनेक रोगों से निजात मिल सकती है। 
  • संग्रहालय की कैंटीन में प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को दोपहर 1 बजे से 4 बजे के मध्य प्रदेश की भील जनजाति का पारंपरिक भोजन मक्के की रोटी, बैगन का भर्ता, धनिया-लहसुन की चटनी, गुड़ आदि उपलब्ध रहते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि मक्के की रोटी का सेवन करने से शरीर को फाइबर प्राप्त होता है, जो पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने में मदद करता है। यह शरीर में कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। साथ ही फाइबर युक्त आहार से लंबे समय तक भूख नहीं लगती।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश

चर्चा में क्यों?

14 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश रवि विजयकुमार मलिमथ को सांदीपनि सभागार राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि 16 सितंबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने देश के 8 राज्यों के मुख्य न्यायाधीश सहित कई अन्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की थी, जिनमें मध्य प्रदेश के तत्कालीन न्यायाधीश मोहम्मद रफीक को हिमाचल प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को मध्य प्रदेश स्थानांतरित करने की सिफारिश शामिल थी। 
  • 25 मई, 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति मलिमथ ने 28 जनवरी, 1987 को कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी। इन्होंने बतौर अधिवक्ता संवैधानिक, सिविल, आपराधिक, श्रम और सेवा मामलों में महारत हासिल की। इन्हें 18 फरवरी, 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश और 17 फरवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
  • इन्होंने 5 मार्च, 2020 को उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का पद ग्रहण किया। 28 जुलाई, 2020 को इन्हें उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके उपरांत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर 7 जनवरी, 2021 को कार्यभार संभाला तथा 28 जून, 2021 को इन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली।

मध्य प्रदेश Switch to English

लाडली लक्ष्मी उत्सव

चर्चा में क्यों?

14 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश में राज्यस्तरीय ‘लाडली लक्ष्मी उत्सव’ का आयोजन प्रदेश की प्रत्येक आंगनबाड़ी एवं पंचायत भवन में वर्चुअल रूप से किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस कार्यक्रम में लगभग 40 लाख लाडली लक्ष्मी बेटियों को वर्चुअली जोड़ा गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से ‘लाडली लक्ष्मी उत्सव’ में प्रदेश की 21 हज़ार 550 लाडलियों के खातों में 5.99 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति का अंतरण किया।
  • उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार ने बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्थिति और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से 1 अप्रैल, 2007 को ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ लागू की थी। 
  • योजना के प्रारंभ से अब तक प्रदेश भर की 39.81 लाख बालिकाएँ लाडली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत हो होकर लाभान्वित हो रही हैं।
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 ‘आत्मनिर्भर लाडली’ को प्रारंभ करने की घोषणा की, जिससे प्रदेश की हर बेटी सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेगी। 
  • इस योजना के तहत स्नातक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को 2 साल की शिक्षा पूरी करने के बाद 20 हज़ार रुपए की राशि राज्य सरकार प्रदान करेगी। कॉलेज में दाखिला लेने वाली लाडली लक्ष्मी बेटियों को 25 हज़ार रुपए की राशि दी जाएगी। साथ ही, बेटियों के जन्म की संख्या के आधार पर लाडली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायत/ग्राम घोषित करेंगे किये जाएंगे।
  • हर सरकारी विद्यालय (सभी कन्या छात्रावासों सहित) में डिजिटल और फाइनेंशियल लिटरेसी केंद्र स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक लाडली लक्ष्मी को 18 वर्ष की आयु होने पर लर्ऩिग ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 ‘आत्मनिर्भर लाडली’ को बेहतर बनाने के लिये आमजन से सुझाव लेकर योजना में बदलाव भी किये जाएंगे। प्रदेश के हर ज़िले में साल में एक दिन लाडली लक्ष्मी उत्सव का आयोजन भी किया जाएगा।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा सांझी उत्सव-2021

चर्चा में क्यों?

7 से 15 अक्तूबर, 2021 तक कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग एवं विरासत हेरिटेज विलेज, कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में हरियाणा सांझी उत्सव’ का आयोजन किया गया। इस उत्सव में कुरुक्षेत्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस उत्सव में टीम नंबर 22 का प्रतिनिधित्व करने वाली 65 वर्षीय निर्मला देवी ने पहला पुरस्कार, जबकि टीम नंबर 24 का प्रतिनिधित्व करने वाली कैथल की चंदो देवी ने दूसरा पुरस्कार हासिल किया।
  • इसी प्रकार टीम नंबर 2 का प्रतिनिधित्व करने वाली करनाल की सिमरन ने तीसरा, टीम नंबर 23 का प्रतिनिधित्व करने वाले कुरुक्षेत्र की रमनदीप ने चौथा तथा टीम नंबर 19 का प्रतिनिधित्व करने वाले करनाल की मुकेश रानी ने पाँचवा स्थान हासिल किया। टीम नंबर 29 के बल्लभगढ़ निवासी 65 वर्षीय सूरज देवी को विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • प्रथम पुरस्कार विजेता को 51,000 रुपए, द्वितीय पुरस्कार विजेता को 31,000 रुपए तथा तृतीय पुरस्कार विजेता को 21,000 रुपए की पुरस्कार राशि दी गई।
  • 2 महिला कलाकारों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 11,000 रुपए और विशेष पुरस्कार जीतने वाली महिला कलाकार को 51,000 रुपए की राशि दी गई। 
  • हरियाणा के कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की प्रभारी रेणु हुड्डा ने बताया कि हरियाणा सरकार और विरासत हेरिटेज विलेज के सहयोग से राज्यस्तरीय हरियाणा सांझी उत्सव लोक रूप में पहली बार आयोजित किया गया।
  • सांझी मेकिंग प्रतियोगिता में 54 से अधिक महिला कलाकारों ने भाग लिया। सांझी उत्सव के दौरान पहली बार सांझी गीत गाए गए। सांझी के गीतों पर महिला कलाकारों ने लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। इसके अलावा, राज्य भर से कई कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों ने अपने प्रदर्शन से लोगों का मनोरंजन किया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

माई स्टेम्प योजना

चर्चा में क्यों?

14 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में भारतीय डाक विभाग, छत्तीसगढ़ परिमंडल द्वारा ‘माई स्टेम्प योजना’ के तहत राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव पर डाक टिकट एवं विशेष आवरण का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • यह डाक टिकट देश के सभी बड़े डाकघरों के काउंटरों में उपलब्ध होगा तथा टिकट का संग्रहण करने वालों के लिये उपयोगी होगा।
  • इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल आर.के. जायभाय ने बताया कि विशेष आवरण छत्तीसगढ़ राज्य के 21वें स्थापना दिवस एवं इस दौरान 28, 29 और 30 अक्तूबर 2021 को राजधानी रायपुर में आयोजित हो रहे द्वितीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के उपलक्ष्य में जारी किया गया है। 
  • गौरतलब है कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आमंत्रण सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रशासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल/प्रशासक और जनजातीय कलाकारों को भेजा गया है। 
  • इस नृत्य महोत्सव में भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के जनजातीय कलाकारों द्वारा कला और संस्कृति की अपनी समृद्ध विरासत का प्रदर्शन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछे का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

14 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाले छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछे का लोकार्पण किया। शासकीय आयोजनों में यह गमछा अतिथियों को भेंट किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ द्वारा ये गमछे टसर सिल्क एवं कॉटन बुनकरों तथा गोदना हस्त शिल्पियों द्वारा तैयार किये गए हैं। 
  • गमछे पर छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी- पहाड़ी मैना, राजकीय पशु-वन भैंसा, मांदर, बस्तर के प्रसिद्ध गौर मुकुट और लोक नृत्य करते लोक कलाकारों के चित्र गोदना चित्रकारी से अंकित किये गए हैं।
  • गमछे की डिज़ाइन में धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ राज्य को प्रदर्शित करने के लिये धान की बाली तथा हल जोतते किसान को दर्शाया गया है। सरगुजा की पारंपरिक भित्ति चित्र कला की छाप गमछे के बार्डर में अंकित की गई है। 
  • गमछा तैयार करने के पारिश्रमिक के अलावा गमछे से होने वाली आय का 95 प्रतिशत हिस्सा बुनकरों तथा गोदना शिल्पकारों को दिया जाएगा।
  • टसर सिल्क गमछे में बुनकर द्वारा ताने में फिलेचर सिल्क यार्न तथा बाने में डाभा टसर यार्न एवं घींचा यार्न का उपयोग किया गया है। गमछे की चौड़ाई 24 इंच तथा लंबाई 84 इंच है।
  • इस टसर सिल्क गमछे की बुनाई सिवनी चांपा के बुनकरों द्वारा की गई है। गमछे की बुनाई के उपरांत उनमें सरगुजा की महिला गोदना शिल्पियों के द्वारा गोदना प्रिंट के माध्यम से डिज़ाइनों को उकेरा गया है। 
  • कॉटन गमछे को राज्य के बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव के बुनकरों द्वारा हथकरघों पर बुनाई के माध्यम से तैयार किया गया है। 
  • गमछे में ताने में 2/40 काउंट का कॉटन यार्न तथा बाने में 20 माउंट का कॉटन यार्न उपयोग किया गया है। इसकी भी चौड़ाई 24 इंच तथा लंबाई 84 इंच है। 
  • एक सिल्क गमछे का मूल्य 1,534 रुपए (जी.एस.टी. सहित) निर्धारित है। सिल्क गमछे की बुनाई मज़दूरी 120 रुपए प्रति नग है, जबकि कॉटन गमछे का मूल्य 239 रुपए (जी.एस.टी. सहित) प्रति नग निर्धारित है। 
  • इन गमछों को राज्य के स्मृति चिह्न के रूप में मान्यता दिये जाने से बुनाई के माध्यम से 300 बुनकरों को तथा 100 गोदना शिल्पियों को वर्ष भर का रोज़गार प्राप्त होगा। कॉटन गमछे की बुनाई मज़दूरी 60 रुपए प्रति नग है।

उत्तराखंड Switch to English

पर्वतारोहियों को रिस्टबैंड ट्रैकर मुहैया कराएगा उत्तराखंड

चर्चा में क्यों?

14 अक्तूबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस.एस. संधू ने राज्य सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में पर्वतारोहियों और ट्रेकर्स के लिये रिस्टबैंड प्रदान करने का आदेश दिया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाल ही में पर्वतारोहियों और ट्रेकर्स को रिस्टबैंड प्रदान करने का निर्णय लिया है, ताकि आपदा या दुर्घटना के समय उपग्रहों और अन्य साधनों की मदद से उनका पता लगाया जा सके। 
  • इसके साथ ही संधू ने संबंधित अधिकारियों को पर्यटन को गति देने के लिये कनेक्टिविटी पर काम करने और हेलीपैड तथा हेलीपोर्ट के निर्माण कार्य में तेज़ी लाने का निर्देश दिया।
  • उन्होंने ऐसे क्षेत्रों पर मुख्य रूप से फोकस करने का निर्देश दिया, जहाँ पर्यटन संबंधी गतिविधियों की काफी संभावनाएँ हैं, लेकिन कनेक्टिविटी की कमी के कारण पिछड़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने यात्रा मार्गों पर पर्यटकों के लिये हर 20-30 किलोमीटर पर पेयजल और शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।

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