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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Sep 2024
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कथित लव जिहाद और भूमि जिहाद पर सरकार की कार्रवाई

चर्चा में क्यों

हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने राज्य में जनसांख्यिकीय परिवर्तन पर बढ़ती चिंताओं के बीच लव जिहाद, भूमि जिहाद और ज़बरन धर्मांतरण के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की है।

मुख्य बिंदु

  • जनसांख्यिकीय परिवर्तनों पर चिंता व्यक्त की गई, विशेष रूप से पुरुला, धारचूला और नंदनगर जैसे क्षेत्रों में।
  • उत्तराखंड की जनसंख्या: लगभग 11.1 मिलियन, जिसमें हिंदू धर्म प्रमुख धर्म (82.97%) है, उसके बाद इस्लाम (13.95%) और ईसाई धर्म (0.37%) हैं, जैसा कि 2011 की जनगणना तथा 2023 के अनुमानों द्वारा पता चलता है
    • जबकि राज्य में शहरी प्रवास और विकास हो रहा है, जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को लेकर चिंताओं ने तनाव बढ़ा दिया है, विशेष रूप से धार्मिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में।
  • उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2018
    • इस कानून के तहत धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को यह घोषित करना आवश्यक है कि उनका धर्म परिवर्तन ज़ोर जबरदस्ती, दबाव या धोखाधड़ी के माध्यम से नहीं किया गया है
      • यह प्राधिकारियों को उन विवाहों को अमान्य घोषित करने का अधिकार भी देता है, जो केवल लड़की को एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने के लिये किये गए हों।
    • कड़े प्रावधान: यह अधिनियम गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण को संज्ञेय और गैर-ज़मानती अपराध बनाता है तथा बल, लालच या धोखाधड़ी के माध्यम से धर्मांतरण को अपराध मानता है।
    • अधिक सज़ा: अवैध धर्म परिवर्तन के लिये अपराधियों को न्यूनतम 3 वर्ष से अधिकतम 10 वर्ष तक की जेल की सज़ा हो सकती है।
    • उच्च ज़ुर्माना: 50,000 रुपए का अनिवार्य ज़ुर्माना लगाया जाता है तथा संभावित रूप से अपराधी को पीड़ित को मुआवज़े के रूप में 5 लाख रुपए तक का भुगतान करना पड़ता है।



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