उत्तराखंड
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पर कैबिनेट की मुहर
- 17 Nov 2022
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चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पर मुहर लग गई।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में 26 प्रस्ताव आए, जिनमें से 25 पर मुहर लग गई। इनमें उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण का कानून सख्त बना दिया गया है।
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के तहत अब उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण कराने वालों को दस साल तक की सजा होगी।
- उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति का जबरन धर्मांतरण करने पर एक से पाँच साल की सजा और 25 हज़ार रुपए जुर्माना है, जबकि उत्तराखंड में ऐसा करने पर दो से सात साल की सजा होगी और 25 हज़ार जुर्माना होगा।
- प्रदेश में सामूहिक धर्मांतरण के मामले में अब तीन से दस साल तक की सजा होगी, पहले अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान था। साथ ही पीड़ितों को कोर्ट के माध्यम से पाँच लाख रुपए की प्रतिपूर्ति भी मिल सकेगी।
- मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में धर्मांतरण का कानून अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा। पहले यह असंज्ञेय अपराध था। अब सरकार इसे विधानसभा पटल पर रखेगी।