नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Jun 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

मादक पदार्थों की तस्करी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में त्रिपुरा-मिज़ोरम अंतर-राज्यीय सीमा के पास 26 किलोग्राम से अधिक गांजा के साथ दो कथित महिला तस्करों को गिरफ्तार किया गया।

मुख्य बिंदु:

  • NDPS अधिनियम, 1985 किसी व्यक्ति को किसी भी मादक औषधि या मन:प्रभावी पदार्थ का उत्पादन, रखने, बेचने, खरीदने, परिवहन करने, भंडारण करने और/या उपभोग करने से रोकता है।
    • NDPS अधिनियम, 1985 के एक प्रावधान के तहत मादक औषधियों के दुरुपयोग पर नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कोष भी बनाया गया था, ताकि अधिनियम के कार्यान्वयन में होने वाले व्यय को पूरा किया जा सके।
  • मादक पदार्थों की तस्करी से तात्पर्य अवैध व्यापार से है जिसमें अवैध औषधियों की खेती, निर्माण, वितरण और बिक्री शामिल है।
    • इसमें कोकीन, हेरोइन, मेथामफेटामाइन और सिंथेटिक ड्रग्स जैसे मादक औषधियों के उत्पादन के साथ-साथ इन पदार्थों के परिवहन तथा वितरण सहित अवैध ड्रग व्यापार से जुड़ी कई तरह की गतिविधियाँ शामिल हैं।
    • नशीली दवाओं की तस्करी आपराधिक संगठनों के एक जटिल नेटवर्क के भीतर संचालित होती है जो सीमाओं, क्षेत्रों और यहाँ तक कि महाद्वीपों में फैली हुई है।

कैनबिस

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कैनबिस एक सामान्य शब्द है जिसका प्रयोग कैनबिस सैटाईवा नामक पादप की कई मन:प्रभावी गुणों को दर्शाने के लिये किया जाता है।
    • WHO के अनुसार, कैनबिस विश्व में अब तक की सबसे व्यापक रूप से खेती, तस्करी और दुरुपयोग की जाने वाली अवैध औषधि है।
    • कैनबिस की अधिकांश प्रजातियाँ द्विलिंगी पादप हैं जिन्हें नर या मादा पादप के रूप में पहचाना जा सकता है। परागण रहित मादा पौधों को हशीश कहा जाता है।
  • कैनबिस में प्रमुख मन:प्रभावी घटक डेल्टा9 टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow