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उत्तराखंड में आठ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड के टनकपुर में 2217 करोड़ रुपए की 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
मुख्य बिंदु:
- काठगोदाम से नैनीताल रोड को 2-लेन पेव्ड शोल्डर के साथ चौड़ा करने से नैनीताल-मानसखंड मंदिरों तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
- काशीपुर से रामनगर रोड के 4-लेन के चौड़ा होने से पर्यटकों के लिये जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और मानसखंड मंदिरों तक पहुँचना आसान हो जाएगा।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 309A पर उडियारी बैंड से कांडा मार्ग के 2-लेन के चौड़ा होने और मरम्मत होने से बागेश्वर में बागनाथ तथा बैजनाथ मंदिरों तक पहुँच आसान हो जाएगी।
- उत्तराखंड में उत्कृष्ट बुनियादी ढाँचा तैयार करने के उद्देश्य से न केवल सड़कों और राजमार्गों का कार्य चल रहा है, बल्कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 87 विस्तार पर दीवारों का भी निर्माण किया जा रहा है।
- बागेश्वर ज़िले में सरयू और गोमदी नदियों पर दो पुलों की मरम्मत का कार्य भी 5 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है।
- इन परियोजनाओं से न केवल पर्यटकों को लाभ होगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिये भी आवागमन आसान हो जाएगा और पर्यावरण को कोई नुकसान पहुँचाए बिना स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी।
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भारत की पहली हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा उत्तराखंड में शुरू होगी
चर्चा में क्यों?
भारत अपनी पहली हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (HEMS) देखने के लिये तैयार है, जो ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से संचालित होगी।
मुख्य बिंदु:
- नई HEMS 150 किलोमीटर के कवरेज़ दायरे के साथ प्रोजेक्ट 'संजीवनी' के तहत संचालित होगी।
- इससे दुर्घटना पीड़ितों और मरीज़ों को पहाड़ी इलाकों से एम्स तक समय पर परिवहन सुनिश्चित हो सकेगा।
- किसी दुर्घटना के तुरंत बाद महत्त्वपूर्ण 'गोल्डन आर्स' के दौरान मरीज़ों को बचाने के लिये आपातकालीन हेलीकॉप्टर सेवाएँ अपरिहार्य होंगी, जब विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल महत्त्वपूर्ण होती है।
- यह पहल उत्तराखंड के लिये एक वरदान होगी, एक ऐसा राज्य जो प्रत्येक वर्ष पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और साहसिक उत्साही लोगों को आकर्षित करता है, साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से भी जूझता है।
- हिंडन एयर बेस से पिथौरागढ़ तक हवाई कनेक्टिविटी के लिये राज्य सरकार के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए एक अन्य परियोजना की शुरुआत की भी घोषणा की गई।
हेलीकाप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (HEMS)
- इसे प्रोजेक्ट संजीवनी कहा जाता है; एम्स ऋषिकेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने के हेतु एक हेलीकॉप्टर तैनात किया जाएगा।
- इसमें शिक्षा, पर्यावरण, कृषि और पशुधन स्वास्थ्य देखभाल जैसे विभिन्न क्षेत्रों को लक्षित करने वाली कई पहल शामिल हैं।
- हेलीकॉप्टर 20 मिनट के नोटिस पर अस्पताल में तैनात होगा और 150 किमी. के दायरे के क्षेत्र को कवर करेगा।
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हरिद्वार में 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार में 4,755 करोड़ रुपए की 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया।
मुख्य बिंदु:
- जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें रुद्रप्रयाग में लमेरी से कर्णप्रयाग तक 2-लेन पेव्ड शोल्डर और हरिद्वार में चमोली तथा दूधाधारी एलिवेटेड फ्लाईओवर का चौड़ीकरण शामिल है।
- ये परियोजनाएँ न केवल परिवहन को आसान बनाएँगी बल्कि ऋषिकेश से भारत-चीन सीमा तक बेहतर कनेक्टिविटी भी प्रदान करेंगी।
- फ्लाईओवर से धार्मिक नगरी हरिद्वार में ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और अन्य धार्मिक स्थलों तक पहुँचना आसान हो जाएगा।
- इन परियोजनाओं के निर्माण से उत्तराखंड विकास की तेज़ी से बढेगा। चारधाम मार्गों पर श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम होगी।
- उत्तराखंड की अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी।
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उत्तराखंड ग्रीन सेस लगाएगा
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड सरकार अन्य राज्यों से राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस/हरित उपकर लागू करने के लिये पूरी तरह तैयार है।
- ग्रीन सेस पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से सरकार द्वारा लगाया जाने वाला कर का एक रूप है।
मुख्य बिंदु:
- फास्टैग के माध्यम से टोल प्लाज़ा पर उपकर 20 रुपए से 80 रुपए तक एकत्र किया जाएगा। संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) द्वारा ईंधन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों और कारों को छूट दी जाएगी।
- इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के रियायतदाताओं द्वारा एकत्र किया जाएगा।
- परिवहन विभाग के अनुसार, तिपहिया और चार पहिया वाहनों (हल्के मोटर वाहन) पर ग्रीन सेस के रूप में क्रमशः 20 रुपए तथा 40 रुपए लगेंगे, जबकि मध्यम एवं भारी मोटर वाहनों को क्रमशः 60 रुपए व 80 रुपए का भुगतान करना होगा।
- दोपहिया वाहन, सरकारी वाहन, फायर टेंडर और एम्बुलेंस, सेना के वाहन तथा कृषि हेतु उपयोग किये जाने वाले वाहनों को ग्रीन सेस से छूट दी जाएगी।
- दूसरे राज्यों के वाहनों को एक दिन के लिये निर्धारित दर का भुगतान करके एक बार प्रवेश का विकल्प होगा।
- वैकल्पिक रूप से, वे तीन महीने की अवधि के लिये मानक दर का 20 गुना या पूरे वर्ष के लिये ग्रीन सेस दर का 60 गुना भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं।
फास्टैग (FASTag)
- यह एक साधन/उपकरण है जो गतिशील वाहन को निर्बाध रूप से सीधे टोल भुगतान करने के लिये रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करता है।
- NHAI ने FASTag की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने के लिये दो मोबाइल ऐप - MyFASTag और FASTag पार्टनर लॉन्च किये।
- टैग जारी होने की तारीख से 5 वर्ष के लिये वैध है जो 7 अलग-अलग रंग कोड में आता है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)
- NHAI का गठन वर्ष 1988 में संसद के एक अधिनियम द्वारा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत सरकार द्वारा सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव तथा प्रबंधन के लिये एक केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में किया गया था।
- हालाँकि प्राधिकरण फरवरी, 1995 में चालू हो गया।
- प्राधिकरण में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष होता है और अधिकतम पाँच पूर्णकालिक सदस्य तथा चार अंशकालिक सदस्य जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।
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