हरियाणा Switch to English
हरियाणा ने युवाओं के लिये योजनाएँ शुरू कीं
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विभाग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम में भाग लिया।
- उन्होंने ड्रोन दीदी योजना, ठेकेदार सक्षम युवा योजना और IT सक्षम युवा योजना लॉन्च की।
प्रमुख बिंदु:
- हरियाणा ने हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत एक लाख से अधिक युवाओं को कौशल विकास में मदद की है और युवाओं को 1.44 लाख नौकरियाँ प्रदान की हैं।
- ठेकेदार सक्षम युवा योजना:
- सरकार 10,000 इंजीनियरिंग डिप्लोमा और डिग्री धारकों को तीन महीने का कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगी ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
- सरकार इन युवाओं को एक वर्ष के लिये 3 लाख रुपए का ब्याज मुक्त ऋण भी उपलब्ध कराएगी।
- युवा राज्य पंचायती राज विभाग के 25 लाख रुपए तक के सरकारी निविदाओं के लिये आवेदन कर सकेंगे।
- IT सक्षम युवा योजना:
- इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार स्नातक और स्नातकोत्तर युवाओं को IT प्रशिक्षण प्रदान करेगी ताकि उन्हें इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने में मदद मिल सके।
- युवाओं को कोडिंग, जावा भाषा, वेब डिजाइनिंग, नेटवर्किंग और डिजिटल मार्केटिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- ड्रोन दीदी योजना:
- इस योजना के तहत राज्य सरकार वर्ष 2024-25 में 5,000 युवतियों को ड्रोन संचालन और प्रबंधन का प्रशिक्षण देगी।
- सरकार उन्हें ड्रोन और अन्य उपकरणों की लागत का 80% प्रदान करेगी।
- बेरोज़गारी अनुदान में वृद्धि:
- मुख्यमंत्री ने 1 अगस्त, 2024 से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण युवाओं के लिये बेरोज़गारी भत्ता 900 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 1,200 रुपए करने की घोषणा की।
- स्नातक युवाओं के लिये बेरोज़गारी अनुदान बढ़ाकर 2,000 रुपए प्रति माह और स्नातकोत्तर युवाओं के लिये 3,500 रुपए प्रति माह कर दिया गया है।
- सरकार 2.61 लाख युवाओं को ऐसे अनुदान उपलब्ध कराएगी।
हरियाणा कौशल विकास मिशन (Haryana Skill Development Mission- HSDM)
- इसकी स्थापना मई 2015 में राज्य सरकार द्वारा की गई थी।
- इसका उद्देश्य युवाओं को हरियाणा और भारत के आर्थिक तथा सर्वांगीण विकास में भाग लेने के लिये सशक्त बनाना है।
- यह विभाग भर में कौशल विकास योजनाओं को तैयार करने और संचालित करने के लिये सरकार के भीतर संपर्क का एकल बिंदु है।
- हरियाणा कौशल विकास मिशन (HSDM) एक एकीकृत मिशन के रूप में कार्य करता है जो राज्य के कौशल विकास लक्ष्य को प्राप्त करने में विभिन्न राज्य विभागों के प्रयासों को जोड़ता है।
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छत्तीसगढ़ Switch to English
NEP के अनुसार छत्तीसगढ़ स्कूल की पाठ्य पुस्तकें
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP), 2020 के मानदंडों के अनुसार स्कूली छात्रों के लिये पाठ्य पुस्तक लेखन एवं पाठ्यक्रम विकास की पहल करने वाला पहला राज्य बन गया है।
मुख्य बिंदु:
- इसका उद्देश्य अगले शैक्षणिक सत्र तक कक्षा 1-3 और 6 के लिये पाठ्यक्रम में परिवर्तन लाना है।
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से राज्य में NEP के ईमानदारी से कार्यान्वयन के लिये प्रक्रिया में तेज़ी लाने का आग्रह एवं निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP), 2020
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP), 2020 का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए 21वीं सदी के लक्ष्यों और सतत् विकास लक्ष्य 4 (Sustainable Development Goal- 4) को पूरा करने के लिये शिक्षा प्रणाली में सुधार करके भारत की उभरती विकास आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- इसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 का स्थान लिया, जिसे 1992 में संशोधित किया गया था।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (National Council of Educational Research and Training- NCERT)
- NCERT एक स्वायत्त संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत की गई थी।
- यह स्कूल शिक्षा से संबंधित मामलों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देने वाली सर्वोच्च संस्था है।
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झारखंड Switch to English
रोगियों के प्रति भेदभाव समाप्त करने का अभियान
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, झारखंड में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus- HIV) रोगियों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिये जागरूकता उत्पन्न करने हेतु 1 सितंबर, 2024 को एक अभियान शुरू किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- इसकी घोषणा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के सभागार में गहन IEC (सूचना, शिक्षा, संचार) अभियान के शुभारंभ के दौरान की गई।
- झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक के अनुसार यह अभियान ज़िला, प्रखंड और गाँव स्तर पर चलाया जाएगा।
- अभियान के माध्यम से विशेषकर युवाओं को HIV और यौन संचारित रोगों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus- HIV)
- परिचय:
- HIV एक वायरस है जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को क्षति पहुँचाता है।
- यह मुख्य रूप से CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लक्षित करता है और उन्हें नुकसान पहुँचाता है, CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाएँ संक्रमण तथा बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता के लिये आवश्यक होती हैं।
- HIV समय बीतने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमण और कैंसर की चपेट में आ जाता है।
- संचरण:
- इसके संचरण के प्राथमिक स्रोत- रक्त, शुक्राणु, यौनिक तरल पदार्थ, स्तनपान आदि माने जाते हैं।
- गंभीरता:
- यदि उपचार नहीं किया जाता है, तो वायरस किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट कर देता है तथा उसे एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिसिएंसी सिंड्रोम (AIDS) चरण में कहा जाता है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली के कमज़ोर होने के कारण कई अन्य संक्रमण घेर लेते हैं जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु हो सकती है।
- उपचार:
- हालाँकि वर्तमान में संक्रमण का कोई इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) का उपयोग करके वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है।
- ये दवाएँ शरीर के भीतर वायरस की प्रतिकृति बनाने की क्षमता को कम कर देती हैं, जिससे CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है।
- हालाँकि वर्तमान में संक्रमण का कोई इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) का उपयोग करके वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है।
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झारखंड Switch to English
झारखंड में 'ढाका' लिखा हुआ घायल गिद्ध मिला
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड के हज़ारीबाग ज़िले में एक बाँध में एक लुप्तप्राय सफेद पीठ वाला गिद्ध घायल अवस्था में पाया गया। गिद्ध के एक पैर में धातु की अँगूठी थी, जिस पर 'ढाका' शब्द लिखा हुआ था।
मुख्य बिंदु
- पुलिस को संदेह है कि ढाका के पक्षी शोधकर्त्ता जॉन मालोट, जो ब्रिटेन स्थित रॉयल सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स से जुड़े हैं, ने ढाका से झारखंड तक पक्षी की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिये गिद्ध को सौर ऊर्जा चालित रेडियो ट्रैकिंग कॉलर पहनाने के बाद उसे छोड़ दिया।
सफेद पीठ वाला भारतीय गिद्ध
- वे मध्यम आकार के, गहरे रंग के गिद्ध हैं।
- वैज्ञानिक नाम: जिप्स बंगालेंसिस Gyps bengalensis
- वितरण: पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्याँमार (बर्मा), थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया और दक्षिणी वियतनाम।
- निवास स्थान: ज़्यादातर मैदानी इलाकों में और कम बार पहाड़ी इलाकों में पाए जाते हैं। खेती के नज़दीक के गाँवों तथा शहरों में भी देखे जा सकते हैं।
- विशेषताएँ:
- वयस्क 75 से 85 सेमी. लंबे होते हैं।
- गर्दन पर सफेद रफ, दुम और पंखों के नीचे का आवरण।
- वयस्कों का रंग काला होता है, जबकि युवा भूरे रंग के होते हैं।
- उनके पंखों का फैलाव 180 से 210 सेमी. होता है।
- वज़न: 3.5 से 7.5 किलोग्राम तक होता है।
- IUCN स्थिति: गंभीर रूप से लुप्तप्राय
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बिहार Switch to English
वक्फ बोर्ड की ज़मीन पर बहुउद्देशीय भवन
चर्चा में क्यों?
बिहार सरकार सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत संपत्तियों को विकसित करने के लिये बहुउद्देशीय भवन, विवाह भवन, मार्केट कॉम्प्लेक्स तथा अन्य संरचनाओं के निर्माण की तैयारी कर रही है।
मुख्य बिंदु
- वर्ष 2023-24 में पटना, पूर्णिया, कैमूर, कटिहार, किशनगंज, नवादा और सीवान में बहुउद्देश्यीय भवनों, बाज़ार परिसरों तथा पुस्तकालयों के निर्माण के लिये दस परियोजनाएँ प्रस्तावित की गई थीं।
- बिहार राज्य मदरसा सुधारीकरण योजना (BRMSY) के तहत राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 21 नए मदरसे स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।
- मदरसा बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने के लिये पेयजल, पुस्तकालय, उपकरण, शौचालय और कंप्यूटर विज्ञान प्रयोगशाला जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
वक्फ बोर्ड (Waqf Board)
- वक्फ बोर्ड एक कानूनी इकाई है जो संपत्ति अर्जित करने, उसे रखने और हस्तांतरित करने में सक्षम है। यह मुकदमा करने एवं न्यायालय में मुकदमा किये जाने दोनों में सक्षम है।
- यह वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है, खोई हुई संपत्तियों को वापस प्राप्त करता है और बिक्री, उपहार, बंधक ऋण या गिरवी कर्ज़, विनिमय या पट्टे के माध्यम से अचल वक्फ संपत्तियों के हस्तांतरण को मंज़ूरी देता है, जिसमें बोर्ड के कम-से-कम दो तिहाई सदस्य लेन-देन के पक्ष में मतदान करते हैं
- वर्ष 1964 में स्थापित केंद्रीय वक्फ परिषद (CWC) पूरे भारत में राज्य स्तरीय वक्फ बोर्डों की देख-रेख के साथ ही सलाह भी देती है।
- वक्फ संपत्तियाँ: वक्फ बोर्ड को भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद तीसरा सबसे बड़ा भूमिधारक कहा जाता है।
- वर्तमान में 8 लाख एकड़ में विस्तृत 8,72,292 पंजीकृत वक्फ संपत्तियाँ हैं। इन संपत्तियों से 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है।
- एक बार जब किसी संपत्ति को वक्फ घोषित कर दिया जाता है तो वह अहस्तांतरणीय हो जाती है और ईश्वर के प्रति एक धर्मार्थ कार्य के रूप में स्थायी रूप से सुरक्षित रहती है, जो अनिवार्य रूप से ईश्वर को स्वामित्व हस्तांतरित कर देती है।
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उत्तर प्रदेश Switch to English
राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में समस्याओं का समाधान
चर्चा में क्यों?
एक आधिकारिक बयान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र को राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी समस्या का समय पर समाधान करने का आश्वासन दिया।
मुख्य बिंदु
- उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिये विभागीय भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
- भूमि अधिग्रहण एवं मुआवज़ा वितरण की प्रक्रिया निर्धारित समय में पूरी कर ली जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ से संबंधित परियोजनाओं को पूर्ण करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
महा कुंभ
- कुंभ मेला संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की UNESCO प्रतिनिधि सूची) के अंतर्गत आता है।
- यह पृथ्वी पर तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण समागम है, जिसके दौरान प्रतिभागी पवित्र नदी में स्नान करते हैं या डुबकी लगाते हैं।
- यह नासिक में गोदावरी नदी, उज्जैन में शिप्रा नदी, हरिद्वार में गंगा और प्रयागराज में गंगा, यमुना तथा पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर होता है। इस को ‘संगम’ कहा जाता है।
- चूँकि यह भारत के चार अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाता है, इसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं, जिससे यह सांस्कृतिक रूप से विविधतापूर्ण त्योहार बन जाता है।एक महीने से अधिक समय तक चलने वाले इस मेले में एक विशाल तंबूनुमा बस्ती का निर्माण किया जाता है, जिसमें झोपड़ियाँ, मंच, नागरिक सुविधाएँ, प्रशासनिक और सुरक्षा उपाय शामिल होते हैं।
- इसका आयोजन सरकार, स्थानीय प्राधिकारियों और पुलिस द्वारा
- अत्यंत कुशलतापूर्वक किया जाता है।
- यह मेला विशेष रूप से वनों, पहाड़ों और गुफाओं के सुदूर स्थानों से आये धार्मिक तपस्वियों की असाधारण उपस्थिति के लिये प्रसिद्ध है।
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