प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Jun 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
मध्य प्रदेश Switch to English

बोरवेल से होने वाली मौतों को रोकने के लिये विधेयक

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश सरकार एक विधिक प्रारूप तैयार करने की प्रक्रिया में है, जिसे भारत में अपनी तरह का पहला कानून माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य खुले बोरवेल से होने वाली मौतों को रोकना है।

  • पिछले सात महीनों में मध्य प्रदेश में नौ से अधिक ऐसी घटनाएँ दर्ज की गई हैं।

मुख्य बिंदु:

  • सुझाए गए कानून में ऐसी आपदाओं को रोकने, ऐसी आपदा होने पर इससे किस प्रकार निपटना है और जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया के बारे में विशेष निर्देश होंगे।
  • विधेयक में खुले और सूखे बोरवेल की पहचान कर उन लोगों पर भारी ज़ुर्माना लगाने की बात कही गई है जो उन्हें बंद करने या भरने में विफल रहते हैं, जिससे बोरवेल खतरे का कारण बन जाते हैं।
  • अगर बोरवेल निजी ज़मीन पर है, तो ज़मीन के मालिक पर ज़ुर्माना लगाया जाएगा। अगर यह सरकारी ज़मीन है, तो संबंधित विभाग और अधिकारी को दंडित किया जाएगा।
    • दूसरे चरण में अगर कोई व्यक्ति खुले बोरवेल में गिरता है, तो आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। अभी तक, आरोपी पर लापरवाही का मामला दर्ज किया जाता है। नए कानून के तहत, आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
  • भूमि मालिक या सरकारी अधिकारी के अलावा बोरवेल खोदने वाली एजेंसी की भी ज़िम्मेदारी तय की जाएगी।
  • नागरिकों के लिये एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे वे खुले बोरवेल के बारे में सरकार को सूचित कर सकें, ताकि निवारक कार्रवाई की जा सके।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2