रामगढ़ बाँध | राजस्थान | 14 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2025 को राजस्थान के जल संसाधन मंत्री ने रामगढ़ बाँध के विभिन्न मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण कार्यों का शिलान्यास किया।
मुख्य बिंदु
मुद्दे के बारे में:
- रामगढ़ बाँध के पुनरोद्धार के लिये बजट घोषणा वर्ष 2024-25 के तहत 252.93 लाख रुपए स्वीकृत किये गए हैं। यह कार्य अगले 12 महीनों में पूर्ण किया जाएगा।
- रामजल सेतु लिंक परियोजना के तहत ईसरदा बाँध से रामगढ़ बाँध तक पानी लाने की योजना बनाई गई है।
- इस परियोजना के अंतर्गत 120 किमी. की दूरी में से (35 किमी. नहर द्वारा और 85 किमी. पाइपलाइन द्वारा) जल आपूर्ति की जाएगी।
- इस परियोजना से लगभग 3.50 लाख लोगों को पानी मिल सकेगा।
- मरम्मत कार्यों में शामिल हैं:
- पाल की क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत
- पैरापेट वॉल और कंट्रोल रूम का निर्माण
- डूब क्षेत्र की सीढ़ियों, छतरी का सौंदर्यीकरण
- पत्थर की पिचिंग आदि।
- यह परियोजना किसानों, पशुपालकों एवं ग्रामीणों के लिये जल संकट से राहत दिलाने में मील का पत्थर साबित होगी।
- इससे आगामी वर्षों में रामगढ़ क्षेत्र के विकास को गति देने के साथ-साथ राज्य के समग्र और संतुलित विकास को मज़बूती मिलेगी।
रामगढ़ बाँध
- इस बाँध का निर्माण 1904 में जयपुर के तत्कालीन शासक सवाई माधो सिंह द्वितीय के शासनकाल के दौरान किया गया था।
- बाणगंगा नदी के निकट स्थित इस बाँध का कुल जलग्रहण क्षेत्रफल 841.14 वर्ग किलोमीटर है।
- यह बाँध जयपुर के अनेक क्षेत्रों जैसे शाहपुर, आमेर, विराटनगर तक फैला हुआ है। 75.04 मिलियन क्यूबिक मीटर की अधिकतम जलधारण क्षमता के साथ निर्मित इस बाँध को लेकर सरकार ने वर्ष 1978 में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया था, जिसके अनुसार इसका जल केवल पेयजल आपूर्ति के लिये ही उपयोग में लिया जाएगा।

रामजल सेतु लिंक परियोजना
- यह एक अंतरराज्यीय नदी जोड़ परियोजना है, जिसका उद्देश्य राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच जल संसाधनों का संतुलन बनाना है। इसका नाम बदलकर अब रामजल सेतु लिंक परियोजना रखा गया है।
- इस परियोजना से चंबल नदी और उसकी सहायक नदियों — कुन्नू, कूल, पार्वती और कालीसिंध के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, रूपारेल, पार्वतनी और गंभीर नदी बेसिन में भेजा जाएगा।
- इससे राजस्थान के 17 ज़िलों को लाभ मिलेगा।