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हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 56 करोड़ रुपए की 10 परियोजनाओं को स्वीकृति दी
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने सिरसा, हिसार, पलवल, महेंद्रगढ़, झज्जर और रेवाड़ी ज़िलों में ग्रामीण संवर्धन जल आपूर्ति कार्यक्रम के तहत 56.4 करोड़ रुपए की 10 परियोजनाएँ लागू करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली इन परियोजनाओं के लिये प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की।
- अधिकारियों के अनुसार, जलापूर्ति योजना में शामिल हैं:
- नियाना गाँव, हिसार में जल आपूर्ति में सुधार के लिये 2.95 करोड़ रुपए;
- कुरांगवाली, सिरसा में जल आपूर्ति योजना और वितरण प्रणाली को मज़बूत बनाने के लिये 5.9 करोड़ रुपए
- रेवाड़ी के सात गाँवों में नहर आधारित जलापूर्ति योजना के लिये 16.9 करोड़ रुपए;
- झज्जर के नेओला ब्लॉक में स्वतंत्र जल कार्य प्रदान करने के लिये 6.2 करोड़ रुपए
- महेंद्रगढ़ की नांगल सिरोही तहसील में बूस्टिंग स्टेशनों का निर्माण के लिये 2.7 करोड़ रुपए।
ग्रामीण संवर्धन जल आपूर्ति कार्यक्रम
- इस कार्यक्रम के तहत, गतिविधियों की एक शृंखला शुरू करके गाँवों में मौजूदा पेयजल आपूर्ति सुविधाओं में सुधार/मज़बूतीकरण किया जाता है, जिसमें अतिरिक्त ट्यूबवेलों की ड्रिलिंग, मौजूदा नहर आधारित योजनाओं का विस्तार, नए नहर आधारित जल कार्यों का निर्माण, बूस्टिंग स्टेशनों का निर्माण, मौजूदा वितरण प्रणाली को मज़बूत करना आदि शामिल हैं।
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किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसानों के 'दिल्ली चलो' आंदोलन के दौरान किसी भी कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिये हरियाणा में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कम-से-कम 50 कंपनियाँ तैनात की हैं।
मुख्य बिंदु:
- हरियाणा पुलिस ने किसानों से राजधानी तक प्रस्तावित मार्च में बिना अनुमति के भाग नहीं लेने को कहा है।
- आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हरियाणा सरकार ने केंद्र से रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) सहित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कम-से-कम 64 कंपनियों को तैनात करने का अनुरोध किया था।
- वर्ष 2020 में, किसानों ने तीन कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जो वर्ष 2021 में दिल्ली सीमाओं पर उनके विरोध प्रदर्शन के एक वर्ष के बाद निरस्त कर दिये गए थे।
- निम्नलिखित मांगों को लेकर दिसंबर 2023 में दिल्ली चलो की घोषणा की गई:
- सभी फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी।
- स्वामीनाथन आयोग फार्मूला लागू करना।
- किसानों की पूर्ण ऋण माफी।
- किसानों और मज़दूरों के लिये पेंशन।
- वर्ष 2020-21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेना।
- किसान विरोध 2.0 का नेतृत्व विभिन्न यूनियनों द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 2020 के विरोध के बाद किसान संघों में कई गुटबाज़ी देखी गई।
- 'दिल्ली चलो' मार्च में देशभर से 200 से ज़्यादा किसान संगठन हिस्सा लेंगे।
- किसानों को दिल्ली में प्रवेश न करने देने के लिये उठाए गए कदम:
- दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है।
- हरियाणा सरकार ने पंजाब के साथ अपनी सीमाएँ सील कर दीं।
- कंटीले तार, सीमेंट के बैरिकेड, सड़कों पर कीलें लगा दी गई हैं।
- राष्ट्रीय राजधानी के सभी प्रवेश बिंदुओं पर व्यापक सुरक्षा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
- MSP वह गारंटीकृत राशि है जो किसानों को तब दी जाती है जब सरकार उनकी फसल खरीदती है।
- MSP कृषि लागत और मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices- CACP) की सिफारिशों पर आधारित है, जो उत्पादन लागत, मांग तथा आपूर्ति, बाज़ार मूल्य रुझान, अंतर-फसल मूल्य समानता आदि जैसे विभिन्न कारकों पर विचार करता है।
स्वामीनाथन आयोग
- स्वामीनाथन आयोग की स्थापना वर्ष 2004 में हुई थी।
- इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को MSP को उत्पादन की भारित औसत लागत से कम-से-कम 50% अधिक तक बढ़ाना चाहिये। इसे C2+ 50% फॉर्मूला के रूप में भी जाना जाता है।
- इसमें किसानों को 50% रिटर्न देने के लिये पूंजी की अनुमानित लागत और भूमि पर किराया (जिसे 'C2' कहा जाता है) शामिल है।
रैपिड एक्शन फोर्स (RAF)
- यह दंगा और भीड़ नियंत्रण स्थितियों से निपटने के लिये अक्तूबर 1992 में स्थापित केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की एक विशेष त्वरित प्रतिक्रिया शाखा है।
- यह एक शून्य-प्रतिक्रिया बल है जिसे कम-से-कम समय के भीतर संकट की स्थितियों में तैनात किया जा सकता है, जिससे आम जनता में विश्वास और सुरक्षा उत्पन्न होती है
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