झारखंड Switch to English
झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग पर ED का छापा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के तहत राँची में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के परिसरों पर छापा मारा, जिसमें उसने हाल ही में भारी नकदी ज़ब्त की।
मुख्य बिंदु:
- ED ने न्यायालय के समक्ष दावा किया था कि ग्रामीण विकास विभाग के "ऊपर से नीचे (Top to bottom)" तक के सरकारी अधिकारी कथित अवैध नकद भुगतान साँठगाँठ में शामिल हैं।
- यह भी दावा किया गया कि मामले में "वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं" के नाम सामने आए हैं तथा इसकी जाँच की जा रही है।
- मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सितंबर 2020 में झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (जमशेदपुर) और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा राज्य ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता व कुछ अन्य के खिलाफ मार्च 2023 में दर्ज की गई FIR पर आधारित है।
प्रवर्तन निदेशालय (The Directorate of Enforcement- ED)
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक बहु-अनुशासनात्मक संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग (अवैध धन को वैध करना) के अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जाँच करता है।
- यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है।
- भारत सरकार की एक प्रमुख वित्तीय जाँच एजेंसी के रूप में ED भारत के संविधान और कानूनों के सख्त अनुपालन में कार्य करता है।
धन शोधन या ‘मनी लॉन्ड्रिंग’
- मनी लॉन्ड्रिंग का अभिप्राय अवैध रूप से अर्जित आय को छिपाना या बदलना है ताकि वह वैध स्रोतों से उत्पन्न प्रतीत हो। यह अक्सर मादक पदार्थों की तस्करी, डकैती या ज़बरन वसूली जैसे अन्य गंभीर अपराधों का एक घटक है।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग विश्व सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2 से 5% के बीच होने का अनुमान है।
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