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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Mar 2025
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शौर्य वेदनाम उत्सव

चर्चा में क्यों?

7 और 8 मार्च 2025 को बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के मोतिहारी में प्रथम शौर्य वेदनाम उत्सव का आयोजन किया गया।

मुख्य बिंदु

उत्सव के बारे में: 

  • उद्देश्य 
    • इस उत्सव का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करना और युवाओं व आम नागरिकों को रक्षा बलों के प्रति जागरूक और प्रेरित करना था।
  • आयोजन और प्रमुख अतिथि
    • यह उत्सव रक्षा मंत्रालय और पूर्वी चंपारण ज़िला प्रशासन के सहयोग से आयोजित किया गया।
    • उत्सव का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया और प्रमुख अतिथियों में राधा मोहन सिंह (रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष) लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
  • सैन्य प्रदर्शन और आकर्षण
    • इस आयोजन में सेना, नौसेना और वायु सेना की आधुनिक सैन्य तकनीकों और उपकरणों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें शामिल थे:
      • भारतीय सेना ने के-9 वज्र तोप, टी-90 भीष्म टैंक, स्वाति रडार और BMP लड़ाकू वाहन जैसे उन्नत उपकरणों का प्रदर्शन किया।
      • नौसेना ने पनडुब्बियों, विध्वंसक जहाजों और विमान वाहकों के मॉडल प्रदर्शित किये, जिससे नौसैनिक शक्ति का व्यापक परिचय मिला।
      • भारतीय वायु सेना ने फ्लाईपास्ट और लड़ाकू विमानों तथा हेलीकॉप्टरों के प्रदर्शन के माध्यम से अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।

मोतिहारी के बारे में: 

  • मोतिहारी बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक नगर है। 
  • यह नेपाल सीमा पर स्थित, पूर्वी चंपारण ज़िले का मुख्यालय है।
  • किंवदंती के अनुसार, मोतिहारी का नाम दो व्यक्तियों मोती सिंह और हरि सिंह के नाम पर पड़ा।
  • यह प्रसिद्ध लेखक जॉर्ज ऑरवेल का जन्मस्थान है और महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह का प्रमुख केंद्र रहा है।
  • दर्शनीय स्थल
    • केसरिया बौद्ध स्तूप: केसरिया में स्थित यह दुनिया के सबसे ऊँचे बौद्ध स्तूपों में से है।
    • अशोक स्तंभ:लौरिया गाँव में स्थित यह 36½ फीट ऊँचा स्तंभ सम्राट अशोक द्वारा 249 ई० पूर्व में स्थापित करवाया गया था। इसे "स्तंभ धर्म लेख" के नाम से भी जाना जाता है।

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बिहार मंत्रिमंडल में बदलाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल में बदलाव करते हुए नए सात मंत्रियों को विभाग आवंटित किये। इसके साथ ही पहले के कई मंत्रियों की ज़िम्मेदारी भी बदली गई है।

मुख्य बिंदु 

  • यह बदलाव 28 फरवरी 2025 को बजट सत्र के एक दिन पहले किया गया। जो मंत्री एक से अधिक विभाग संभाल रहे थे, अब उनके कुछ विभागों को नए मंत्रियों के बीच बाँटा गया है।
  • नए मंत्रियों को आवंटित विभाग:
    • संजय सरावगी – राजस्व एवं भूमि
    • सुनील कुमार – वन एवं पर्यावरण
    • विजय मंडल – आपदा प्रबंधन
    • कृष्ण कुमार मंटू – सूचना प्रावैधिकी (आईटी)
    • मोतीलाल प्रसाद – कला एवं संस्कृति
    • राजू कुमार सिंह – पर्यटन
    • जीवेश मिश्रा – शहरी विकास
  • विभागों में फेरबदल:
  • विजय सिन्हा से सड़क निर्माण विभाग लेकर नितिन नवीन को दिया गया।
  • मंगल पांडे से कृषि विभाग लेकर विजय सिन्हा को दिया गया।
  • नितिन नवीन से कानून विभाग लेकर मंगल पांडे को दिया गया।
  • विजय सिन्हा से कला एवं संस्कृति विभाग लेकर मोतीलाल प्रसाद को दिया गया।
  • नितिन नवीन से शहरी विकास विभाग लेकर जीवेश मिश्रा को दिया गया।
  • संतोष सुमन से सूचना प्रावैधिकी विभाग लेकर कृष्ण कुमार मंटू को दिया गया।
    • अब संतोष सुमन के पास केवल लघु जल संसाधन विभाग बचा है।

मंत्रिपरिषद 

  • परिचय :
    • संविधान के अनुच्छेद 74 में मंत्रिपरिषद के गठन के बारे में उल्लेख किया गया है जबकि अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति, उनके कार्यकाल, ज़िम्मेदारी, शपथ, योग्यता और मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते से संबंधित है।
    •  मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की तीन श्रेणियाँ होती हैं, अर्थात् कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और उप मंत्री। इन सभी मंत्रियों में  शीर्ष स्थान पर प्रधानमंत्री होता है।
    •  कैबिनेट मंत्री: ये केंद्र सरकार के महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों जैसे-गृह, रक्षा, वित्त, विदेश मामलों आदि के प्रमुख होते हैं।
      • कैबिनेट केंद्र सरकार के महत्त्वपूर्ण मामलों में नीति निर्धारण निकाय है।
    •  राज्य मंत्री: इन्हें या तो मंत्रालयों/विभागों का स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है या कैबिनेट मंत्रियों से संबद्ध किया जा सकता है।
    • उप मंत्री:  ये कैबिनेट मंत्रियों या राज्य मंत्रियों से संबंधित होते हैं तथा उनके प्रशासनिक, राजनीतिक और संसदीय कर्तव्यों में उनकी सहायता करते हैं।
  • राज्यों में मंत्रिपरिषद:
    • अनुच्छेद 163 केंद्र में मंत्रिपरिषद के समान राज्यों में मंत्रिपरिषद के गठन और कार्यों का प्रावधान करता है (अनुच्छेद 163: राज्यपाल की सहायता और उसे सलाह देने के लिये COM) और अनुच्छेद 164: मंत्रियों के रूप में अन्य प्रावधान)।

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