प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 13 Mar 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
झारखंड Switch to English

झारखंड को तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस मिली

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पीएम ने तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन किया, जो झारखंड की राजधानी रांची और उत्तर प्रदेश के वाराणसी के बीच संचालित होगी।

मुख्य बिंदु:

  • देश भर में कई अन्य रेलवे परियोजनाओं के अनावरण के साथ-साथ पीएम ने अहमदाबाद से सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
  • राज्यपाल के अनुसार रांची स्टेशन के सौंदर्यीकरण और विभिन्न सुविधाओं की स्थापना के लिये राज्य में 350 करोड़ रुपए की परियोजनाएँ चल रही हैं।
    • राज्य की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस रांची-पटना रूट पर शुरू हुई, जिसे 27 जून, 2023 को हरी झंडी दिखाई गई।
    • रांची और हावड़ा के बीच दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस को 24 सितंबर 2023 को शुरू किया गया।
  • पीएम ने रांची-बोंडामुंडा रेलवे लाइन का भी उद्घाटन किया और रांची, हटिया, गोविंदपुर रोड, इटकी, मुरी, पिस्का, सिल्ली, टांगरबासुली, तातीसिलवाई स्टेशनों, बरकाकाना, रांची रोड एवं प्रधानखंता स्टेशनों पर 'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना के तहत स्टॉलों का भी उद्घाटन किया।

‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना

  • यह रेल मंत्रालय के अधीन भारतीय रेलवे की एक पहल है।
  • इसे 25 मार्च, 2022 को 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से लॉन्च किया गया था।
  • यह स्थानीय लोगों को देश भर में स्वदेशी उत्पाद बेचने के लिये विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किये गए बिक्री आउटलेट प्रदान करता है।
  • यह योजना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद द्वारा डिज़ाइन की गई है।
  • इसका उद्देश्य प्रत्येक रेलवे स्टेशन को एक प्रचार केंद्र के रूप में बनाना और स्थानीय एवं स्वदेशी विनिर्माण उत्पादों का प्रदर्शन करना है।

वंदे भारत ट्रेन

  • यह एक स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित सेमी हाई स्पीड, स्व-चालित ट्रेन है जिसे राजधानी ट्रेनों की शुरुआत के बाद से गति एवं यात्री सुविधा के मामले में भारतीय रेलवे के लिये अगली बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
  • पहली वंदे भारत का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ((ICF), चेन्नई द्वारा 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था।
  • वंदे भारत अलग-अलग इंजनों द्वारा खींचे जाने वाले यात्री डिब्बों की पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में ट्रेन सेट तकनीक को अपनाने का भारत का पहला प्रयास था।
  • ट्रेन सेट कॉन्फ़िगरेशन, हालाँकि जटिल है, तेज़ है, रखरखाव में आसान है, कम ऊर्जा की खपत करता है और ट्रेन संचालन में अधिक लचीला है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow