नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Nov 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तराखंड Switch to English

चार धाम यात्रा 2024 के दौरान तीर्थयात्रियों की मृत्यु

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2024 में उत्तराखंड में 192 दिनों की चार धाम यात्रा, जिसमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे ऊँचे स्थान वाले मंदिर शामिल हैं, में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण 246 तीर्थयात्रियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तराखंड सरकार के आँकड़ों के अनुसार, चार धाम यात्रा में 47,03,905 से अधिक तीर्थयात्रियों ने भाग लिया, जो 10 मई 2024 को शुरू हुई और 17 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाली है।
    • वर्ष 2023 में मृत्यु दर 230 से अधिक हो गई, जबकि वर्ष 2022 में यह संख्या 300 से अधिक थी।
  • हेलीकॉप्टर यात्रा और स्वास्थ्य ज़ोखिम:
    • केदारनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिये हेलीकॉप्टर का उपयोग करने वाले तीर्थयात्रियों में मृत्यु दर बहुत अधिक देखी गई। अनुकूलन के बिना उच्च ऊँचाई (लगभग 3,000 मीटर) पर तेज़ी से चढ़ने से स्वास्थ्य ज़ोखिम बढ़ जाता है।
    • सभी चार धाम तीर्थस्थलों पर ऑक्सीजन की कमी से ऊँचाई संबंधी बीमारी हो सकती है, जो कि यदि तुरंत प्रबंधित न की जाए तो घातक हो सकती है।
    • अपर्याप्त आवास, मार्ग पर भीड़भाड़, चरम और परिवर्तनशील मौसम की स्थिति, तथा अपर्याप्त स्वास्थ्य जाँच जैसे मुद्दे।
  • चार धाम यात्रा का आर्थिक प्रभाव:
    • इस यात्रा से प्रतिवर्ष लगभग 7,500 करोड़ रुपए की आय होती है, जो उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
    • यह यात्रा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार प्रदान करती है, जिसमें होटल कर्मचारी, गाइड, टैक्सी चालक, पुजारी, खच्चर संचालक, कुली और पर्यटन और हस्तशिल्प क्षेत्र के अन्य लोग शामिल हैं।
  • आलोचना और चिंताएँ:
    • यद्यपि राज्य ने इस वर्ष तीर्थयात्रियों के लिये स्वास्थ्य जाँच अनिवार्य कर दी है, फिर भी उच्च मृत्यु दर ने चिंता उत्पन्न कर दी है। 
    • नीति आयोग जैसे थिंक टैंक ने बार-बार भारतीय हिमालयी क्षेत्र में सतत् पर्यटन प्रथाओं का आह्वान किया है तथा राज्य से इन मानकों के अनुरूप कार्य करने का आग्रह किया है।

चार धाम यात्रा

  • यमुनोत्री धाम:
    • अवस्थिति: उत्तरकाशी ज़िला।
    • समर्पित: देवी यमुना को।
    • यमुना नदी भारत में गंगा नदी के बाद दूसरी सबसे पवित्र नदी है।
  • गंगोत्री धाम:
    • अवस्थिति: उत्तरकाशी ज़िला।
    • समर्पित: देवी गंगा को।
    • सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र मानी जाती है।
  • केदारनाथ धाम:
    • अवस्थिति: रुद्रप्रयाग ज़िला।
    • समर्पित: भगवान शिव को।
    • मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
    • भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों (भगवान शिव के दिव्य प्रतिनिधित्व) में से एक।
  • बद्रीनाथ धाम:
    • अवस्थिति: चमोली ज़िला।
    • पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का स्थान।
    • समर्पित: भगवान विष्णु को।
    • वैष्णवों के लिये पवित्र तीर्थस्थलों में से एक।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow