मध्य प्रदेश Switch to English
इंदौर: देश का पहला वाटर प्लस शहर
चर्चा में क्यों?
11 अगस्त, 2021 को भारत सरकार द्वारा जारी स्वच्छ सर्वेक्षण, 2021 के परिणामों में देश में चार बार स्वच्छता में नंबर एक रहे इंदौर को देश का प्रथम ‘वाटर प्लस शहर’ घोषित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- स्वच्छ भारत अभियान में माइक्रो लेवल पर जाने के लिये मंत्रालय ने सफाई के साथ वाटर प्लस को शामिल किया है। इसका मुख्य उद्देश्य शहरों में जलाशयों, नदियों और तालाबों को साफ करना है, ताकि नदी-नालों में केवल साफ और बरसाती पानी ही बहे और सीवरेज के पानी का दोबारा उपयोग होता रहे।
- वाटर प्लस की चयन प्रक्रिया में देश के 84 शहरों ने आवेदन किये थे, जिनमें से सिर्फ 33 शहरों को ज़मीनी सत्यापन के लिये उचित पाया गया था।
- स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत देश के शहरों का विभिन्न स्वच्छता मानकों के आधार पर परीक्षण किया जाता है। इसमें ODF+, ODF++ और Water+ की श्रेणियाँ हैं।
- वाटर प्लस का प्रमाण-पत्र उन शहरों को दिया जाता है, जिन्होंने ओडीएफ डबल प्लस के सभी मानकों को पूर्ण किया हो। साथ ही, आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अवशिष्ठ मल-जल को उपचार के बाद ही पर्यावरण में छोड़ा जाता हो। ट्रीटेड वेस्ट-वाटर का पुन: उपयोग भी सुनिश्चित किया जाता हो।
- स्वच्छ सर्वेक्षण के वाटर प्लस प्रोटोकॉल के दिशानिर्देशों के अनुसार, इंदौर नगर निगम द्वारा 25 छोटे और बड़े नालों में, 1746 सार्वजनिक और 5624 घरेलू सीवरों का दोहन किया गया और शहर की कान्ह एवं सरस्वती नदियों को सीवर लाइन से मुक्त कराया गया।
- गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के हिस्से के रूप में देश भर के शहरों और कस्बों में साफ-सफाई एवं स्वच्छता का एक वार्षिक सर्वेक्षण है।
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