शासन व्यवस्था
स्वच्छ नगर एप
- 19 Aug 2019
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चर्चा में क्यों?
कुछ समय पहले केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की शुरुआत की थी जिसकी थीम है ‘स्वच्छता हमारा अधिकार है’। मंत्रालय ने अपशिष्ट जल के उपचार हेतु ‘स्वच्छ नगर एप’ (Swachh Nagar App) और वाटर प्लस (Water+) प्रोटोकॉल भी शुरू किया है जो स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में शहरों की स्वच्छता रैंकिंग का हिस्सा बन जाएंगे।
परिचय
- इस एप की कई विशेषताएँ हैं जैसे- शहरी स्थानीय निकायों द्वारा कचरा संग्रहण कार्य को मार्ग व वाहन की निगरानी के ज़रिये ट्रैक करना, नागरिकों को सूचना देना, उपयोगकर्त्ता शुल्क को ऑनलाइन जमा करना और एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र का होना।
- इस प्रकार यह एप निगरानी के अभाव में पृथक कचरे के संग्रहण और कचरा वाहनों व कचरा बीनने वालों को ट्रैक करने जैसे प्रभावी कचरा प्रबंधन के रास्ते में आने वाले कई प्रश्नों का समाधान करेगा।
- यह एप आगरा, पलवल और पोर्ट ब्लेयर में पहले से ही कार्य कर रहा है और अब इसे पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा।
वाटर प्लस (Water+) प्रोटोकॉल
- वाटर प्लस प्रोटोकॉल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करने के लिये दिशा-निर्देश जारी करना है कि शहरों और कस्बों के अनुपचारित अपशिष्ट जल को पर्यावरण में निष्काषित नहीं किया जाएगा, ताकि स्वच्छता मूल्य श्रृंखला की स्थिरता को सक्षम बनाया जा सके।
- यदि कोई शहर 100% अपशिष्ट जल उपचारित करता है और उपचारित अपशिष्ट जल के 10% का उपयोग सुनिश्चित करता है, तो उसे Water+ का टैग दिया जा सकता है।
mSBM एप
- इस कार्यक्रम में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त mSBM एप को भी प्रारंभ किया गया, यह एक मोबाइल एप है जिसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने विकसित किया है। यह बैकएंड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रारूप का उपयोग करते हुए अपलोड की गई फोटो में लाभार्थी का चेहरा और टॉयलट सीट को पहचानने में मदद करता है।
- यह एप व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के लिये आवेदकों को फोटोग्राफ अपलोड करने के बाद SBM-U के तहत उनके आवेदन की स्थिति को रियल टाइम यानी उसी समय जानने की सुविधा देगा।
- यह एप संबंधित शहरी स्थानीय निकाय के नोडल अधिकारी को आवेदन के सत्यापन और मंज़ूरी में भी मदद करेगा जिससे आवेदकों के लिये प्रक्रिया समय को बहुत अधिक कम किया जा सकेगा।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी
Swachh Bharat Mission-Urban
- घर, समाज और देश में स्वच्छता को जीवनशैली का अंग बनाने के लिय सार्वभौमिक साफ-सफाई का यह अभियान 2 अक्तूबर, 2014 में शुरू किया गया।
- इस अभियान में दो उप-अभियान शामिल हैं- स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) तथा स्वच्छ भारत अभियान (शहरी)। इस अभियान में जहाँ ग्रामीण इलाकों के लिये ‘पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय’ व ‘ग्रामीण विकास मंत्रालय’ जुड़े हुए हैं, वहीं शहरों के लिये शहरी विकास मंत्रालय ज़िम्मेदार है।
मिशन का उद्देश्य:
- भारत में खुले में शौच की समस्या को समाप्त करना अर्थात् संपूर्ण देश को खुले में शौच करने से मुक्त (ओ.डी.एफ.) घोषित करना, हर घर में शौचालय का निर्माण, जल की आपूर्ति और ठोस व तरल कचरे का उचित तरीके से प्रबंधन करना है।
- इस अभियान में सड़कों और फुटपाथों की सफाई, अनधिकृत क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाना, मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन करना तथा स्वच्छता से जुड़ी प्रथाओं के बारे में लोगों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाना शामिल हैं।
इस मिशन के 6 प्रमुख घटक हैं:
- व्यक्तिगत घरेलू शौचालय
- सामुदायिक शौचालय
- सार्वजनिक शौचालय
- नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
- सूचना और शिक्षित संचार (IEC) तथा सार्वजनिक जागरूकता
- क्षमता निर्माण
- अगस्त 2019 तक 24 राज्यों और 3,800 से अधिक शहरों को खुले में शौच मुक्त (Open Defecation-Free:ODF) प्रमाणित किया गया है।
- 98% से अधिक शौचालयों के निर्माण के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है।