राजस्थान Switch to English
मृदा एवं खाद स्वराज अभियान
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के दक्षिणी क्षेत्र, विशेष रूप से आदिवासी बहुल क्षेत्रों में "मृदा एवं खाद स्वराज अभियान" के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल की जा रही है।
मुख्य बिंदु:
- अभियान के बारे में:
- इसका उद्देश्य मृदा स्वास्थ्य में सुधार लाना, जैविक खेती को बढ़ावा देना और ग्रामीण महिलाओं को खेती और नेतृत्व में सशक्त बनाना है।
- यह स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मज़बूत कदम है।
- यह अभियान राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के त्रि-संगम पर स्थित छह आदिवासी बहुल ज़िलों को कवर करेगा।
- दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा और आस-पास के क्षेत्रों में इसका मुख्य क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- इस अभियान में गाय के गोबर और खेत की खाद को वैज्ञानिक तरीकों से उन्नत करना तथा रॉक फॉस्फेट और जैव उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना शामिल है।
- महिलाओं को निम्न कार्यों में प्रशिक्षित किया जाएगा:
- मृदा परीक्षण
- जैविक खाद निर्माण
- सहकारी समितियों का गठन और प्रबंधन
- यह अभियान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जैसे कार्यक्रमों से समन्वय स्थापित करता है।
- इस अभियान के अंतर्गत:
- गड्ढा निर्माण, सामग्री वितरण और सामुदायिक कार्यक्रमों के आयोजन से कृषि उत्पादकता बढ़ाई जाएगी।
- किसानों की रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटेगी और इनपुट लागत में 15-20% तक की कमी आएगी।
- फसल उत्पादन में 20-30% तक की वृद्धि संभव है।
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM):
- यह वर्ष 2011 में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है।
- इसका उद्देश्य देश भर में ग्रामीण गरीब परिवारों के लिये अनेक प्रकार की आजीविकाओं को बढ़ावा देने और वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुँच के माध्यम से ग्रामीण गरीबी को खत्म करना है।
- इसमें स्वयं सहायता की भावना से सामुदायिक पेशेवरों के माध्यम से सामुदायिक संस्थानों के साथ कार्य करना शामिल है, जो DAY-NRLM का एक अनूठा प्रस्ताव है।
- यह आजीविका को प्रभावित करता है, जैसे:
- ग्रामीण परिवारों को SHGs में संगठित करना।
- प्रत्येक ग्रामीण गरीब परिवार से एक महिला सदस्य को स्वयं सहायता समूहों में संगठित करना।
- SHG सदस्यों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहायता करना।
- अपने स्वयं के संस्थानों और बैंकों से वित्तीय संसाधनों तक पहुँच प्रदान करना।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
- 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले के सूरतगढ़ में राष्ट्रव्यापी ‘राष्ट्रीय मृदा सेहत कार्ड’ योजना का शुभारंभ किया गया।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश भर के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किये जाने में राज्यों का सहयोग करना है।
- इस योजना की थीम है: स्वस्थ धरा, खेत हरा।
- इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवा एवं किसान जिनकी आयु 40 वर्ष तक है, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना एवं नमूना परीक्षण कर सकते हैं।
- प्रयोगशाला स्थापित करने में 5 लाख रूपए तक का खर्च आता हैं, जिसका 75 प्रतिशत केंद्र एवं राज्य सरकार वहन करती है। स्वयं सहायता समूह, कृषक सहकारी समितियाँ, कृषक समूह या कृषक उत्पादक संगठनों के लिये भी यहीं प्रावधान है।
- योजना के तहत मृदा की स्थिति का आकलन नियमित रूप से राज्य सरकारों द्वारा हर 2 वर्ष में किया जाता है, ताकि पोषक तत्त्वों की कमी की पहचान के साथ ही सुधार लागू हो सकें।