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वंचित बच्चों की शिक्षा हेतु धनराशि वितरण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्य सरकार ने निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम या शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत, निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 3.25 लाख से अधिक वंचित बच्चों की शिक्षा खर्च के लिये 250 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि वितरित की है।
मुख्य बिंदु:
- RTE के तहत निजी स्कूलों में नामांकित वंचित और कमज़ोर वर्ग के प्रत्येक बच्चे को 450 रुपए का मासिक बजट आवंटन मिलेगा।
- इस पहल का उद्देश्य इन बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करना है।
- RTE अधिनियम के अनुपालन में, 35,666 छात्रों की आकांक्षाएँ पूरी हो गई हैं, जिनमें से सबसे अधिक संख्या लखनऊ ज़िले से है, क्योंकि वे निजी स्कूलों में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
- शिक्षण शुल्क को कवर करने के अलावा, सरकार पुस्तकों, नोटबुक और पोशाक जैसी शैक्षिक सामग्री के लिये प्रति बच्चे को सालाना 5,000 रुपए भी प्रदान करती है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शैक्षिक पहल
- अटल आवासीय विद्यालय योजना: अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिये यह पहल शुरू की गई। इस योजना के तहत, पंजीकृत श्रमिकों के 6 से 16 वर्ष की आयु के बीच के दो बच्चों को समर्पित स्कूलों में निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्राप्त होती है
- महादेवी वर्मा श्रमिक पुस्तक क्रय धन योजना (MVSPKDPY): वर्ष 2022 में शुरू की गई, निर्माण श्रमिकों की बेटियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक सराहनीय पहल है
- SC/ST प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति: यह छात्रवृत्ति कार्यक्रम हाशिये पर रहने वाले समुदायों के छात्रों को सशक्त बनाने में शिक्षा के महत्त्व पर आधारित है और इसका उद्देश्य वित्तीय अंतर को समाप्त करना है जो अन्यथा उनकी शैक्षणिक प्रगति में बाधा बन सकता है
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