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शैक्षिक प्रशासन में नवाचार के लिये प्रदेश के छ: अधिकारियों को राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
10 फरवरी, 2022 को शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (नीपा), नई दिल्ली द्वारा शैक्षिक प्रशासन में नवाचार के लिये मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग के छ: अधिकारियों को राष्ट्रीय अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- नीपा ने इस सम्मान के लिये मध्य प्रदेश से सर्व शिक्षा अभियान के तत्कालीन डीपीसी गोपाल सिंह बघेल (सिवनी), तत्कालीन डीपीसी आर.एस. तिवारी (हरदा), तत्कालीन डीपीसी कमल कुमार नागर (राजगढ़), शोएब खान बीआरसीसी (मंदसौर), रामानुज शर्मा बीईओ/बीआरसीसी (अलीराजपुर) और प्रवीण चंद्र उपाध्याय बीआरसीसी (मंडला) का चयन किया है।
- इन सभी अधिकारीयों को नई दिल्ली में आयोजित वर्चुअल सम्मान समारोह में सम्मिलित हुए। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने डिजिटल प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये।
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ग्वालियर में बेबी फीडिंग सेंटर शुरू
चर्चा में क्यों?
10 फरवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी और कुलसचिव डॉ. सुशील मंडेरिया ने विश्वविद्यालय में पहला बेबी फीडिंग सेंटर ‘दुलार’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- जीवाजी विश्वविद्यालय यह अनूठी शुरुआत करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है।
- कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने बताया कि परीक्षा के दौरान आने वाली माँ और बच्चे की संवेदनाओं को समझ कर इस फीडिंग सेंटर को परीक्षा भवन में ही बनाने का निर्देश दिया गया है।
- इस फीडिंग सेंटर का नाम ‘दुलार’ रखा गया है।
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इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान फॉर हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट (आईडीपी) पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन
चर्चा में क्यों?
10 फरवरी, 2022 को भोपाल में मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग एवं विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ‘इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान फॉर हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन’पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग में किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यशाला में तीन तकनीकी सत्र हुए। पहले सत्र में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिये संस्थागत विकास योजना की अवधारणा और आवश्यकता पर चर्चा हुई, दूसरा सत्र संस्थान परिसर डिज़ाइन और स्पेस प्लानिंग पर आधारित रहा तथा तीसरे सत्र में एक आदर्श आईडीपी की अनिवार्यताओं पर चर्चा हुई।
- इस अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) शैक्षणिक गुणवक्ता और उत्कृष्टता के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण और आवश्यक है। यह आईडीपी शिक्षा का विज़न डॉक्यूमेंट है।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) की रूपरेखा तैयार की है। इससे शिक्षण संस्थान अपने लक्ष्यों और बुनियादी ढाँचे को बेहतर बना सकते हैं। आईडीपी उच्च शिक्षा की सकल नामांकन दर को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।
- संस्थागत विकास योजना का मूल उद्देश्य शिक्षण संस्थानों की गुणवक्ता और बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाकर विद्यार्थियों को एक सफल नागरिक बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को संस्थागत विकास योजना तैयार करना अनिवार्य होगा।
- उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा संस्थाओं के लिये संस्थागत विकास योजना पर देश में पहली बार इस तरह की कार्यशाला आयोजित की गई है।
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