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किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च
चर्चा में क्यों?
हाल ही में किसानों ने शंभू बॉर्डर स्थित अपने विरोध स्थल से दिल्ली के लिये पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन हरियाणा पुलिस की बहुस्तरीय बैरिकेडिंग ने उन्हें रोक दिया।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत हरियाणा पुलिस ने किसानों को निषेधाज्ञा का हवाला दिया।
प्रमुख बिंदु
- किसानों की मांग:
- किसान केंद्र सरकार से फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर मार्च कर रहे हैं।
- इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा के बैनर तले किसान कर रहे हैं।
- विरोध कार्यवाहियाँ:
- पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर 13 फरवरी 2024 से डेरा डाले किसानों को दिल्ली के रास्ते में सुरक्षा बलों ने रोक दिया।
- कुछ प्रदर्शनकारियों ने घग्गर नदी पर बने पुल पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए लोहे के जालीदार बैरिकेड को धक्का देकर गिरा दिया।
- हरियाणा में सरकार की प्रतिक्रिया:
- हरियाणा सरकार ने 6 से 9 दिसंबर 2024 तक अंबाला ज़िले के 11 गाँवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवाओं को निलंबित कर दिया है।
- सुरक्षा के कड़े उपाय:
- दिल्ली पुलिस ने चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
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