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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Mar 2025
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गौ संरक्षण अधिनियम के तहत मामले

चर्चा में क्यों?

हरियाणा सरकार ने राज्य भर में अधिकार क्षेत्र वाली चार विशेष अदालतें स्थापित करके गौ संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के तीव्रता से निपटारे का निर्णय लिया है।

मुख्य बिंदु

  • विशेष न्यायालयों की स्थापना: 
    • राज्यपाल ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की मंजूरी से नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार में विशेष अदालतें स्थापित की हैं।
    • इन अदालतों का नेतृत्व वरिष्ठतम अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश तथा सिविल न्यायाधीश करेंगे जो नियमित मामलों को संभालेंगे।
    • ये अदालतें हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्द्धन अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों से संबंधित मामलों का त्वरित निपटारा करेंगी।
  • विशेष न्यायालयों का क्षेत्राधिकार:
    • नूंह न्यायालय: नूंह, रेवाड़ी, नारनौल, चरखी दादरी और भिवानी ज़िलों के मामलों की निगरानी करेगा।
    • पलवल न्यायालय: पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक और सोनीपत ज़िलों को कवर करेगा।
    • अंबाला न्यायालय: इसका क्षेत्राधिकार अंबाला, पंचकूला, पानीपत, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल ज़िलों पर होगा।
    • हिसार न्यायालय: हिसार, जींद, फतेहाबाद, सिरसा और कैथल ज़िलों के मामलों को संभालेगा।
  • हरियाणा का गौ संरक्षण कानून:
    • हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्द्धन अधिनियम वर्ष 2015 में बनाया गया था।
    • यह कानून गायों की हत्या पर सख्ती से प्रतिबंध लगाता है तथा इसका उद्देश्य गोमांस की खपत को कम करना है।
    • यह कानून गायों की हत्या, बलि चढ़ाने या हत्या करवाने पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, आत्मरक्षा में या दुर्घटनावश गाय को मारना कानून के तहत हत्या नहीं माना जाता।
  • विशेष कार्य बल की भूमिका:
    • हरियाणा में इस अधिनियम को लागू करने के लिये विशेष गौ संरक्षण कार्य बल उत्तरदायी है
    • टास्क फोर्स जनता से पशु तस्करी और हत्या के बारे में सक्रिय रूप से जानकारी एकत्र करती है और तदनुसार कार्रवाई करती है।


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