स्कूलों में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन | छत्तीसगढ़ | 08 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में स्थानीय भाषा तथा बोलियों को शामिल करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
- यह आदिवासी क्षेत्रों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) 2020 को लागू करने की दिशा में एक बड़ा निर्णय है।
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा विभाग को 18 स्थानीय भाषाओं और बोलियों में द्विभाषी पुस्तकें विकसित करने तथा वितरित करने का निर्देश दिया था, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक संसाधन उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
- व्यावसायिक शिक्षा पर भी विशेष ज़ोर दिया गया है तथा इन क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ाने की योजना है।
- स्थानीय बोलियों में सादी भाषा भी शामिल है, जिसे आदिवासी बहुल जशपुर ज़िले में प्राथमिक शिक्षा के लिये शुरू किया जा सकता है।
- NEP 2020 में त्रि-भाषा सूत्र यह अनिवार्य करता है कि भारत में प्रत्येक छात्र को तीन भाषाएँ सीखनी चाहिये- जिनमें से दो मूल भारतीय भाषाएँ होनी चाहिये, जिसमें एक क्षेत्रीय भाषा शामिल हो, और तीसरी अंग्रेज़ी हो।
- इसका उद्देश्य छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं से परिचित कराकर राष्ट्रीय एकता को मज़बूत करना तथा भाषायी विविधता के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना है।
- इसका उद्देश्य छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं से परिचित कराकर राष्ट्रीय एकता को मज़बूत करना तथा भाषायी विविधता के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना है।
- रायपुर में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में बच्चों को स्कूलों में दाखिला लेने हेतु प्रोत्साहित करने के लिये शाला प्रवेशोत्सव मनाया जाता है।
- छत्तीसगढ़ के सुदूर आदिवासी ज़िले जशपुर के बगिया गाँव में राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव वर्ष 2024 का उद्घाटन किया गया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का उद्देश्य भारत की उभरती विकास आवश्यकताओं से निपटना है।
- इसमें शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव, इसके नियमन और प्रबंधन सहित, एक आधुनिक प्रणाली स्थापित करने का आह्वान किया गया है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं मूल्यों का सम्मान करते हुए सतत् विकास लक्ष्य 4 (SDG4) सहित 21वीं सदी के शैक्षिक लक्ष्यों के साथ संरेखित हो।
- इसने वर्ष 1992 में संशोधित चौंतीस वर्ष पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 (NPE 1986/92) का स्थान लिया है।