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स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Oct 2021
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में निर्मित ‘वेबली स्कॉट’ बाज़ार में हुआ लॉन्च

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को प्रसिद्ध ब्रिटिश आग्नेयास्त्र कंपनी वेबली और स्कॉट की घरेलू रिवॉल्वर ने लखनऊ में अपनी पहली डिलीवरी के साथ भारतीय बाज़ार में धूम मचा दी।

प्रमुख बिंदु

  • कैपिटल गन हाउस के जेपीएस सियाल ने बताया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेड इन इंडिया’ अभियान के तहत निजी क्षेत्र में बनाई गई पहली रिवॉल्वर है। पहली रिवॉल्वर सुधीर कुमार गुप्ता को सौंपी गई। 
  • ब्रिटिश फर्म ने आग्नेयास्त्रों के निर्माण के लिये लखनऊ स्थित सियाल निर्माताओं के साथ समझौता किया था और इसका निर्माण हरदोई में किया जा रहा है। समझौते के मुताबिक कंपनी रिवॉल्वर को सीधे नहीं, बल्कि गन हाउस के ज़रिये बेचेगी।
  • यह इकाई देश में वेबले और स्कॉट की पहली इकाई है। इस यूनिट में रिवॉल्वर, पिस्तौल, एयरगन बनाए जाएंगे। रिवॉल्वर की कीमत करीब 1.55 लाख रुपए होगी।
  • उल्लेखनीय है कि वेबले ब्रिटिश साम्राज्य की सेना, विशेष रूप से ब्रिटिश सेना को 1887 से दोनों विश्व युद्धों के दौरान आपूर्ति की गई रिवॉल्वर और स्वचालित पिस्तौल के लिये प्रसिद्ध है।
  • 2010 में वेबले और स्कॉट ने व्यावसायिक बिक्री के लिये शॉटगन के उत्पादन को फिर से शुरू किया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश में बड़ी ग्राम पंचायतों में खुलेंगे उप-लोक सेवा केंद्र

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोक सेवा केंद्रों का विस्तार तहसील से आगे ग्राम पंचायत स्तर तक करने के लिये आगामी एक साल में पाँच हज़ार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों में उप-लोक सेवा केंद्र स्थापित करने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • इन उप-लोक सेवा केंद्र के द्वारा नागरिकों को उनके द्वार पर सेवाएँ उपलब्ध करवाई जाएंगी। नागरिकों को खसरा की प्रति सिर्फ 10 रुपए प्रति पृष्ठ उपलब्ध करवाई जाएगी। यह सेवा 181 जनसेवा पर रजिस्टर्ड ह्वाट्सएप नंबर पर भी भेजने की सुविधा शुरू की जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक चले जनकल्याण और सुराज अभियान के समापन दिवस पर यह घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 7 नये पोर्टल और 8 लोक सेवा केंद्र प्रारंभ किये। 
  • इनमें सामान्य प्रशासन, नगरीय विकास, योजना एवं सांख्यिकी, गृह और ऊर्जा विभाग के नवीन पोर्टल प्रारंभ किये गए। इन पोर्टल से नागरिकों को मिलने वाली जन सुविधाएँ बढ़ेंगी और उनके कार्य आसान होंगे। गृह विभाग के पोर्टल पर अब
    ई-एफआईआर हो सकेगी।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं-
    • मध्य प्रदेश में ई-रुपीकी व्यवस्था को ई-वाउचर के रूप में लागू किया जाएगा। आयुष्मान भारत के अंतर्गत मरीजों की उपचार राशि एवं छात्रवृत्ति के भुगतान के लिये ‘ई-रुपी’ के माध्यम से सीधे हितग्राहियों को विशिष्ट प्रयोजन के उद्देश्य से कैश बेनिफिट ट्रांसफर किया जा सकेगा।
    • नवजात शिशु के माता-पिता को बच्चे के जन्म के समय ही जन्म प्रमाण-पत्र के साथ अनुसूचित जाति/जनजाति प्रकरणों में जाति प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये जाएंगे।
    • कुछ विशिष्ट नागरिक सेवाएँ, जैसे- वाहनों का फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण, वाहन पंजीयन, दस्तावेजों की प्रमाणित नकल, सैप्टिक टैंक, सीवेज सफाई और वाटर टैंक के लिये सेवाएँ निजी सेवा प्रदाताओं के माध्यम से भी प्रदान की जाएंगी।
    • नागरिक सेवाएँ, जैसे- आय, निवास प्रमाण-पत्र, खसरा/भू-अभिलेख, छात्रवृत्ति, पेंशन इत्यादि सेवाओं के लिये आवेदन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यथा ह्वॉट्सएप/टेलीग्राम/कू ऐप पर प्राप्त करके नागरिकों को बिना शासकीय कार्यालय आए चेटबोट के माध्यम से संबंधित ऐप पर ही सेवा ऑनलाइन प्रदान की जाएगी।
    • समस्त सरकारी भर्तियों में चयनित अभ्यर्थियों के चरित्र सत्यापन के संबंध में वर्तमान प्रचलित प्रक्रिया को सरल करते हुए केवल शपथ-पत्र के आधार पर नियुक्ति एवं ज्वाइनिंग दी जाएगी।
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम की उपयोगिता और गंभीर कुपोषित बच्चों के समेकित पोषण से संबंधित पुस्तिका और मोटे अनाज़ों के महत्त्व और उनसे निर्मित व्यंजन के संबंध में पुस्तिका का विमोचन भी किया।

मध्य प्रदेश Switch to English

एकमुश्त समझौता योजना

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को मध्य प्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ ने प्राथमिक गृह निर्माण संस्थाओं और उनके सदस्यों को बकाया ऋण की वसूली के लिये ‘एकमुश्त समझौता योजना’ लागू की है। योजना में दंड ब्याज में 100 फीसदी छूट देने का प्रावधान किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • एकमुश्त समझौता योजना के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक के ऋण प्रकरणों के 421 करोड़ 54 लाख रुपए के ऋण की वसूली हो सकेगी।
  • वर्तमान में संघ द्वारा दी गई राशि पर ब्याज, दंड-ब्याज मिलाकर वर्तमान परिस्थितियों में ब्याज की दर अत्यधिक हो जाती है। इससे खाताधारकों पर बोझ बढ़ रहा है। साथ ही वसूली में भी आसानी नहीं होती और वैधानिक जटिलताओं की स्थिति बनती है। 
  • एकमुश्त समझौता योजना में बकायादार आवेदन देने के तिथि से 30 दिन की अवधि में कुल मांग की 25 प्रतिशत राशि जमा कर समझौते के पात्र हो जाएंगे। इसके बाद बकायादार को अगले छ: माह में पूरी ऋण राशि जमा करना होगी। 
  • इस योजना का लाभ लेने के लिये ऋणी सदस्यों और क्षेत्रीय कार्यालय आवास संघ से संस्था निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त कर सकती है। ऋणी सदस्यों को संस्था के आवेदन पर क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा योजना में संपूर्ण बकाया राशि और योजना का लाभ देने के बाद शेष बकाया राशि की वसूली की जानकारी दी जाएगी। 
  • आवेदन पर अनुशंसा कर आवास संघ मुख्यालय भेजा जाएगा। आवास संघ मुख्यालय में आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन की समयावधि में प्रकरण का निराकरण कर दिया जाएगा। एकमुश्त समझौता की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रखी गई है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा सांझी उत्सव

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को हरियाणा सरकार के कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग व विरासत हेरिटेज विलेज कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में ‘हरियाणा सांझी उत्सव’ विरासत हेरिटेज विलेज, कुरुक्षेत्र में शुरू हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • इस उत्सव में हरियाणा के अलग-अलग ज़िलों से 50 से अधिक टीमें भाग ले रही हैं। विजेताओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सांत्वना पुरस्कार के रूप में क्रमश: 51, 31, 2111 हज़ार रुपए की राशि दी जाएगी।  
  • उल्लेखनीय है कि ‘हरियाणा सांझी उत्सव’ राज्यस्तर पर पहली बार आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में हरियाणा की लोककला सांझी के साथ-साथ हरियाणा की प्राचीन विषय-वस्तुओं की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।
  • कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा का यह सांझी उत्सव 15 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें हरियाणवी संस्कृति के अलग-अलग रंग देखने को मिलेंगे। सांझी उत्सव में हरियाणवी लोकनृत्य, रीति-रिवाज़, लोक परंपराएँ तथा संपूर्ण हरियाणा की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलेगी। 
  • इस उत्सव में कुरुक्षेत्र, अंबाला, फरीदाबाद, कैथल से टीमों ने भाग लिया है।

हरियाणा Switch to English

अंशु मलिक बनीं वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को नॉर्वे के ओस्लो में चल रही विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के महिला वर्ग के 57 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में अंशु मलिक रजत पदक प्राप्त करने वाली देश की पहली महिला रेसलर बनी हैं।

प्रमुख बिंदु

  • अंशु मलिक को अमेरिका की ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियन हेलेन मरॉलिस ने फाइनल में 4-1 से हराया। 
  • नॉर्वे में जारी इस प्रतियोगिता में 20 वर्षीय अंशु मलिक ने सेमीफाइनल में जूनियर यूरोपीय चैंपियन सोलोमिया विंक को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराया था।
  • अंशु मलिक से पहले गीता फोगाट (2012), बबिता फोगाट (2012), पूजा ढांडा (2018) और विनेश फोगाट (2019) विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
  • इसी के साथ अंशु वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहुँचने वाली तीसरी भारतीय पहलवान बन गई हैं। उनसे पहले सुशील कुमार (2010) और बजरंग पूनिया (2018) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। सुशील ने 2010 में गोल्ड मेडल जीता था। 
  • उल्लेखनीय है कि 20 वर्षीय अंशु मलिक हरियाणा के जींद की निवासी हैं।
  • वहीं भारत की दिग्गज पहलवान सरिता मोर ने 59 किग्रा. भार वर्ग के ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्वीडन की सारा लिंडबोर्ग को 8-2 से हराकर कांस्य पदक जीता। विश्व चैंपियनशिप 2021 में वह मेडल जीतने वाली दूसरी महिला पहलवान तथा ओवरऑल पदक जीतने वाली छठी महिला पहलवान हैं।

झारखंड Switch to English

सक्रिय म्यूकोर्मिकोसिस मामलों वाला राँची एकमात्र ज़िला

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) द्वारा संकलित नवीनतम आँकड़ों के अनुसार झारखंड में राँची एकमात्र ज़िला है, जहाँ वर्तमान में म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) के सक्रिय मामले बचे हैं।

प्रमुख बिंदु

  • आईडीएसपी के आँकड़ों के अनुसार, पिछले आठ महीनों में राज्य के 24 ज़िलों में से कम-से-कम 18 ज़िलों में 50 प्रतिशत की मृत्यु दर के साथ फंगल संक्रमण फैल गया था और 31 लोगों की जान चली गई थी। 
  • राज्य में अब तक आए म्यूकोर्मिकोसिस के 168 मामलों में से 66 मामले और 31 मौतों में से 11 मौत राँची में हुई हैं।
  • रिकॉर्ड के अनुसार, झारखंड में 7 अक्टूबर को म्यूकोर्मिकोसिस (जिसे आमतौर पर ब्लैक फंगस के रूप में जाना जाता है) के केवल तीन मरीज़ थे, और उन तीनों का राँची में इलाज़ चल रहा है।
  • वहीं, पूर्वी सिंहभूम में म्यूकोर्मिकोसिस के 25 मामले सामने आए हैं, जो राज्य के ज़िलों में दूसरे स्थान पर है, जबकि हज़ारीबाग में 11 लोग म्यूकोर्मिकोसिस से संक्रमित पाए गए। अन्य प्रभावित ज़िलों में बोकारो में 9, धनबाद और गिरिडीह में 8-8, जबकि रामगढ़ में 7 और पलामू में 6 लोग इससे संक्रमित पाए गए।
  • राज्य में हुई 31 मौतों में राँची में 11, पूर्वी सिंहभूम में पाँच, रामगढ़ में तीन, धनबाद और गोड्डा में दो-दो मौतें तथा बोकारो, चतरा, देवघर, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, हज़ारीबाग और कोडरमा में एक-एक मौत हुई।
  • उल्लेखनीय है कि म्यूकोर्मिकोसिस एक दुर्लभ संक्रमण है, जो मिट्टी, पौधों, खाद और सड़ने वाले फलों एवं सब्जियों में पाए जाने वाले म्यूकर मोल्ड (mucor mould) के संपर्क में आने से होता है। झारखंड ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों के बाद इस साल के शुरुआत में म्यूकोर्मिकोसिस को एक महामारी के रूप में अधिसूचित किया था।

झारखंड Switch to English

सीसीएल अस्पतालों में कई ऑक्सीजन संयंत्रों का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने केंद्रीय अस्पताल गांधीनगर, केंद्रीय अस्पताल रामगढ़ और सीएचसी टंडवा में स्थापित 3 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट जनता को समर्पित किये।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऐम्स ऋषिकेश से वर्चुअल माध्यम से देश भर के 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 35 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया गया।
  • सीसीएल ने बोकारो ज़िला प्रशासन के साथ कोविड अस्पताल, बोकारो में दो 200 एलपीएम पीएसए संयंत्रों के निर्माण के लिये एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये हैं।
  • इसके साथ ही सीएचसी ओरमांझी और सीएचसी सोनाहातु में 2 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट निर्माणाधीन हैं।
  • गांधीनगर अस्पताल में प्लांट का उद्घाटन राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने किया, वहीं मांडू विधायक जय प्रकाश भाई पटेल ने केंद्रीय अस्पताल, रामगढ़ में ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया।
  • कंपनी की सीएसआर नीति के तहत टंडवा, ओरमांझी और सोनाहातु में तीन संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं और इनकी क्षमता 200 एलपीएम है। केंद्रीय अस्पतालों- गांधीनगर और रामगढ़ के संयंत्रों की क्षमता 1,000 एलपीएम है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राम वन गमन पर्यटन परिपथ का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये प्रारंभ की गई राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के प्रथम चरण का माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य का भी लोकार्पण तथा भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊँची प्रतिमा का लाईट के माध्यम से अनावरण किया।  
  • गौरतलब है कि कौशल्या माता मंदिर का जीर्णोद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण का कार्य 15 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के बारे में कहा कि कोरिया ज़िले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर का राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित किया जा रहा है। 
  • उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में संपूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। इस पर्यटन परिपथ में कोरिया ज़िले से सुकमा तक कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे और उनसे जुड़ी महत्त्व की कथाएँ देखने और सुनने को मिलेंगी। 
  • राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना में सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाज़ार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) का 133 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से पर्यटन की दृष्टि से विकास का कार्य किया जा रहा है। 
  • इस पर्यटन परिपथ के माध्यम से राज्य में न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन के नए वैश्विक अवसर बढ़ेंगे।
  • माता कौशल्या मंदिर परिसर में भव्य गेट, मंदिर के चारों ओर तालाब का सौंदर्यीकरण, आकर्षक पथ निर्माण, वृक्षारोपण किया गया है। मंदिर चारों ओर से मनमोहक उद्यानों से घिरा है, तालाब के मध्य में शेषनाग शैबया पर शयन मुद्रा में भगवान विष्णु के चरण दबाती माँ लक्ष्मी की आकर्षक प्रतिमा है, दूसरी ओर समुद्र मंथन के दृश्य को प्रतिबिंबित करती हुई देव-दानवों की मूर्तियाँ श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिज़र्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण’ (एनटीसीए) ने छत्तीसगढ़ सरकार के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व घोषित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश और झारखंड की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित यह नया टाइगर रिज़र्व उदंती-सीतानदी, अचानकमार और इंद्रावती टाइगर रिज़र्व के बाद छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिज़र्व होगा।
  • इस प्रस्ताव पर एनटीसीए की 11वीं तकनीकी समिति ने 1 सितंबर को विचार किया और एक महीने बाद वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38ट(1) के तहत मंज़ूरी दी गई।
  • तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य की पहचान 2011 में सरगुजा जशपुर हाथी रिज़र्व के हिस्से के रूप में की गई थी। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अविभाजित मध्य प्रदेश में संजय राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा था। दोनों 2011 से टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित होने के लिये कतार में थे।
  • नए टाइगर रिज़र्व की घटक इकाइयाँ गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य क्रमश: 1,44,000 हेक्टेयर (1,440 वर्ग किमी.) और 60,850 हेक्टेयर (608.5 वर्ग किमी.) में फैली हुई हैं।
  • गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया ज़िले में है, जबकि तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य छत्तीसगढ़ के उत्तर-पश्चिमी कोने में सूरजपुर ज़िले में है।
  • गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान देश में एशियाई चीतों का अंतिम ज्ञात निवास स्थान था। मूल रूप से संजय दुबरी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 2001 में राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में एक अलग इकाई के रूप में बनाया गया था।
  • राज्य में वन्यजीव विशेषज्ञों और कार्यकर्त्ताओं का मानना है कि गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिज़र्व में बदलना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह झारखंड और मध्य प्रदेश को जोड़ता है और बांधवगढ़ और पलामू टाइगर रिज़र्व के बीच बाघों के आने-जाने के लिये एक गलियारा प्रदान करता है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

प्रधानमंत्री ने अंबेडकर अस्पताल में पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन किया

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायपुर में पीएम केयर फंड के तहत स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में एक प्रेशर स्विंग एड्सोर्पसन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट का वर्चुअली उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थापित 35 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों का उद्घाटन किया।
  • यह प्लांट एक मिनट में 960 लीटर ऑक्सीजन पैदा कर सकता है।
  • मेडिकल कॉलेज में राज्य सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित 1,450 लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट है।
  • दोनों संयंत्रों के कामकाज के साथ, अस्पताल में 500 ऑक्सीजन सिलेंडरों की ऑक्सीजन की दैनिक आवश्यकता को पूरा करने के लिये एक परिचालन सुविधा होगी।

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