बिहार Switch to English
बिहार में बाढ़ में फँसे श्रमिक
चर्चा में क्यों
सूत्रों के अनुसार, अधिक वर्षा के कारण बिहार के बगहा में करीब 150 श्रमिक बाढ़ में फँस गए हैं।
मुख्य बिंदु
- राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (State Disaster Response Force- SDRF) ने फँसे हुए 150 श्रमिकों में से लगभग 40 को बचा लिया है, जिनमें बुज़ुर्ग, महिलाएँ और बच्चे शामिल हैं।
- जल संसाधन विभाग के अनुसार कोसी, महानंदा, बागमती, गंडक, कमला बलान और कमला समेत प्रमुख नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर हैं।
कोसी नदी
- कोसी एक अंतर-सीमा नदी है जो तिब्बत, नेपाल और भारत से होकर प्रवाहित होती है।
- इसका उद्गम तिब्बत में है जिसमें विश्व की सबसे ऊँची पहाड़ी शामिल है, तत्पश्चात् यह गंगा के मैदानों में प्रकट होने से पूर्व नेपाल के एक व्यापक हिस्से से अपवाहित होती है।
- इसकी तीन प्रमुख सहायक नदियाँ, सुन कोसी, अरुण और तमूर, हिमालय की तलहटी में निर्मित 10 किमी. लंबी घाटी के ऊपर एक बिंदु पर मिलती हैं।
- यह नदी उत्तरी बिहार में प्रवेश करती है, जहाँ यह कटिहार ज़िले के कुर्सेला के पास गंगा में मिलने से पहले विभिन्न शाखाओं में बँट जाती है।
- भारत में ब्रह्मपुत्र के बाद कोसी नदी सबसे अधिक मात्रा में गाद और रेत अपवाहित करती है।
- इसे “बिहार का शोक” भी कहा जाता है क्योंकि वार्षिक बाढ़ लगभग 21,000 वर्ग किलोमीटर उपजाऊ कृषि भूमि को प्रभावित करती है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाती है।
महानंदा नदी
- महानंदा नदी गंगा की एक सहायक नदी है।
- इसका उद्गम पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हिमालय से होता है।
- यह नदी बिहार, पश्चिम बंगाल से होकर प्रवाहित होती है और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर आगे बढ़कर बांग्लादेश में गोदागरी में गंगा में मिल जाती है।
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