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वर्ष 2047 लक्ष्य हेतु युवा पेशेवरों से आग्रह
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवा पेशेवरों से वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के प्रयास का हिस्सा बनने का आग्रह किया।
मुख्य बिंदु:
- वह बिहार में IIM बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
- उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि युवा दिमाग और छात्र भारत के भविष्य के पथप्रदर्शक हैं तथा उन्होंने युवा छात्रों से भारत की विकास गाथा में एक नया अध्याय लिखने के लिये अपने कौशल एवं प्रतिभा का उपयोग करने की अपील की।
- उपराष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में MBA के छात्रों को डिग्री प्रदान की।
- उपराष्ट्रपति ने बोधगया में विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर का भी दौरा किया और पूजा-अर्चना की।
महाबोधि मंदिर
- यह भगवान बुद्ध के जीवन और विशेष रूप से ज्ञान (बोधि) की प्राप्ति से संबंधित चार पवित्र स्थलों में से एक है।
- अन्य तीन हैं: नेपाल में लुंबिनी (जन्म), उत्तर प्रदेश में सारनाथ (धर्म-चक्र-प्रवर्तन - पहला उपदेश) और कुशीनगर (महापरिनिर्वाण- मृत्यु)।
- इस परिसर के पहले मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में कराया गया था। हालाँकि, गुप्त काल के अंत में इसका पुनर्निर्माण पूरी तरह से ईंटों से किया गया था। वर्तमान मंदिर अनुमानतः 5वीं या 6वीं शताब्दी में निर्मित माना जाता है।
- इसे वर्ष 2002 में UNESCO विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी।
विज़न इंडिया@2047
- विज़न इंडिया@2047 अगले 25 वर्षों में भारत के विकास का एक खाका या ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिये भारत के शीर्ष नीति थिंक टैंक नीति आयोग द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है।
- परियोजना का लक्ष्य भारत को नवाचार एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक अग्रणी देश बनाना है जो मानव विकास और सामाजिक कल्याण के मामले में भी एक मॉडल देश होगा तथा पर्यावरणीय संवहनीयता का प्रबल पक्षसमर्थक होगा।
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